गर्भधारण में फॅलोपियन ट्यूब का महत्त्व ?
फैलोपियन ट्यूब यानि गर्भनलिका रीप्रोडक्टीव्ह सिस्टिम का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। गर्भनलिका वे जगह है जहां स्त्रीबीज और शुक्राणु का फर्टिलाइज़ेशन होकर गर्भ बनता है। नलिका अवरुद्ध या ख़राब होनेपर गर्भ बनने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है, और वन्ध्यत्व का सामना करना पड़ता है।
ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब से महिला की गर्भधारण करने की क्षमता कम हो सकती है। जब दोनों ट्यूब ब्लॉक हो तब महिला नैसर्गिक तरीके से गर्भधारण क्षमता खो देती है।
फैलोपियन ट्यूब में रूकावट होनेपर इसे ‘ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब’ कहा जाता है। ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब शुक्राणु को स्त्रीबीज तक पहुँचने से रोकता है और वन्ध्यत्व का खतरा बढ़ जाता है। इसे ‘ट्यूबल फैक्टर इनफर्टिलिटी’ कहा जाता है। ट्यूबल फैक्टर इनफर्टिलिटी एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला की एक या दोनों फैलोपियन ट्यूब अवरुद्ध हो जाती हैं।
अवरुद्ध गर्भनलिका के कारन
- संक्रमण या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिसीज (पीआईडी)
- क्षयरोग (टीबी)
- सेक्स्युअल ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन्स (एसटीआय) : क्लॅमिडीया, गनोरिया आदि.
- एक्टोपिक गर्भधारण का इतिहास
- फाइब्रॉइड
- एंडोमेट्रिओसिस और अड़ेजंस
- रेट्रोग्रेड मेन्सट्रुएशन : मासिक धर्म का रक्तस्त्राव नलिकाओं में जाना।
- एब्डोमिनल सर्जरी हुई होना
- ऍक्टिव्ह किंवा पॅसिव्ह स्मोकिंग
- गर्भनिरोधक शस्त्रक्रिया
अवरुद्ध गर्भनलिका के लक्षण
वन्ध्यत्व : ज्यादातर केसेस में कोई लक्षण नहीं होता है। गर्भधारण नहीं होने पर किए जानेवाले चेकअप में ट्यूबल ब्लोकेजेस का पता चलता है।
गर्भनलिका में पानी भरा होनेपर ऐसे लक्षण दिखाई दे सकते है।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
- एंडोमेट्रिओसिस से ब्लॉक होनेपर मासिक धर्म के पहले लगभग १० दिन तीव्र वेदना होती है।
ट्यूबल ब्लॉकेज के प्रकार
- प्रॉक्सिमल ब्लॉक : ट्यूब की शुरुआत में, गर्भाशय के पास
- मिड सेगमेंट ब्लॉक : ट्यूब के बीचोबीच
- डिस्टल ब्लॉक : फाम्ब्रिया के नजदीक
- फिम्ब्रियाल ब्लॉक : फैम्ब्रिया में
अवरुद्ध गर्भनलिका का निदान कैसे होता है?
- हिस्टेरोसालपिंगोग्राफी (एचएसजी) : इस प्रक्रिया में ट्यूबल ब्लॉकेज चेक किया जाता है। चेकअप के दौरान डॉक्टर आपकी गर्भाशय में सुरक्षित द्रव पदार्थ इंजेक्ट करेंगे, और इस दौरान एक्सरे खींचे जाएंगे। यह द्रव पदार्थ आपके फैलोपियन ट्यूब में जाता है। नलिका अवरुद्ध होनेपर यह रुक जाता है। और ब्लॉकेज का निदान होता है।
- हिस्टेरो-लैप्रोस्कोपिक इवैल्यूएशन : एचएसजी टेस्ट में गर्भनलिका बंद दिखाई देनेपर हिस्टेरो-लप्रोस्कोपिक इवैल्यूएशन किया जाता है। यह प्रक्रिया भूल देकर की जाती है। इस वजह से बॉडी रिलैक्स होती है और हिस्टेरोसलपिंगोग्राफी में ब्लॉक दिखाई गई ट्यूब खुली हुई भी दिखाई दे सकती है। इसके अलावा यह डिटेल स्टडी होता है, जिसमे ब्लॉकेज की गंभीरता का पता चलता है। ब्लॉकेज निकल सकता है या नहीं इसका भी पता चलता है।
अवरुद्ध गर्भनलिका का इलाज
आपको पता चला है की आपकी गर्भनलिकाए बंद है? खैर ख़ुशी की बात यह है की, ट्यूबल ब्लॉकेज को हटाने के लिए कई सारे सर्जिकल विकल्प मौजूद है। साथ ही गर्भधारण में मददगार प्रभावी उपचार विकल्प मौजूद है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।
- लेप्रोस्कोपिक सर्जरी : इस प्रक्रिया में आपके नाभि के पास एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और आपके रीप्रोडक्टीव्ह अंगों की जाँच के लिए एक छोटा कैमरा डाला जाता है। वहां से, डॉक्टर आपके फैलोपियन ट्यूब में किसी भी निशान ऊतक या रुकावट को हटाने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग करेंगे।
- हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राफी : आपके गर्भाशय में एक डाई (सुरक्षित द्रव पदार्थ) इंजेक्ट किया जाता है। इससे अवरुद्ध नलिका का पता चलता है। सौम्य तरीके की रूकावट होनेपर इस प्रक्रिया के दौरान वह दूर हो सकती है।
- सैल्पिंगेक्टॉमी : इस सर्जिकल प्रक्रिया में अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब को पूरी तरह से हटा दिया जाता है। ऐसा तब किया जाता है, जब नाली में पानी भरा हुआ होता है या ट्यूब किसी संक्रमण की वजह से ख़राब होती है।
- ट्यूबल लिगेशन रिव्हर्सल प्रक्रिया : गर्भनिरोधक शस्त्रक्रिया करने से अगर आपकी नलिकाए अवरुद्ध है तब ट्यूबल लिगेशन रिव्हर्सल सर्जरी की जाती है। जिसमे बंधी हुई, कटी हुई नलिकाओं को फिर से जोड़ा जाता है। और आप मातृत्व सुख का अनुभव कर सकते है।
- आयव्हीएफ : जब नलिकी रूकावट गंभीर है, दोनों ट्यूब ब्लॉक है, या सर्जरी के पश्चात् भी गर्भधारण नहीं हो रहा है तब ट्यूब को बायपास किया जाता है। गर्भधारण के लिए आयव्हीएफ का उपयोग किया जाता है। इसमें स्त्रीबीज और शुक्राणु का फर्टिलाइज़ेशन आधुनिक लैब में होता है। इस तरीके से बनाए गए गर्भ को माता के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है।
- आइयूआई : एक ट्यूब ब्लॉक है, और महिला की आयु कम है, और अन्य कोई वन्ध्यत्व समस्या नहीं है, पति के सीमेन पैरामीटर्स अच्छे है, तो ऐसी स्थिति में आइयूआई किया जाता है। शुक्राणुओं को महिला के गर्भाशय में फैलोपियन ट्यूब के नजदीक छोड़ दिया जाता है। जिससे गर्भधारण की सम्भावना बढ़ती है।
स्वस्थ फैलोपियन ट्यूब के लिए क्या करे?
- सुरक्षित लैंगिक सम्बन्ध रखे। जिससे सेक्स्युअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन का खतरा नहीं होगा और फैलोपियन ट्यूब स्वस्थ रहेगी।
- रीप्रोडक्टीव्ह ऑर्गन की सेहत के लिए स्वच्छता रखे एवं स्वच्छ कपड़े परिधान करे।
- अधिक पानी का सेवन करे।
अधिक सर्च किए जानेवाले प्रश्न
१) क्या बिना सर्जरी के फैलोपियन ट्यूब को खोला जा सकता है?
“फैलोपियन ट्यूब कैथीटेराइजेशन” जैसे नॉन-सर्जिकल प्रक्रिया की मदत से गर्भनलिका की रूकावट को हटाया जा सकता है।
२) क्या फैलोपियन ट्यूब को खोलना आसान है?
यदि आपकी फैलोपियन ट्यूब में सौम्य रूकावट है तो डॉक्टर रुकावट को दूर करने और ट्यूबों को खोलने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का उपयोग कर सकते है। लेकिन यदि यदि आपकी फैलोपियन ट्यूब में बड़ी मात्रा में स्कार टिश्यू या आसंजन होनेसे गंभीर रूकावट है, तो इस स्थिति में रूकावट को हटाया नहीं जा सकता।
३) अवरुद्ध गर्भनलिकाओं के साथ गर्भधारण संभव है?
हां। बिल्कुल ! सर्जिकल उपचार की मदत से, ओवुलेशन स्टिम्युलेशन और आईयूआई की मदत से गर्भधारण संभव है। दोनों ट्यूब ब्लॉक होनेपर आइयूआई जैसे आधुनिक फर्टिलिटी उपचार की मदत से निश्चित रूप से गर्भधारण करना संभव है।
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