अशुक्राणुता (Azoospermia) की स्थिती में गर्भधारण कैसे करे?

एज़ोस्पर्मिया एक ऐसी स्थिति है जहां पुरुष के वीर्य में कोई शुक्राणु नहीं होता है। शून्य शुक्राणु का सीधा संबंध पुरुष इन्फर्टिलिटी से है। लेकिन चिंता न करे। फर्टिलिटी डॉक्टर के मार्गदर्शन और आधुनिक ART उपचार विधियों का उपयोग करके निश्चित रूप से गर्भधारण हो सकता है।

Share This Post

वीर्य में शुक्राणु न होने का क्या कारण है?

एज़ूस्पर्मिया के कारण खराब जीवनशैली से लेकर मेडिकल कंडीशन तक हो सकते हैं।

  • वास डेफेरेंस में रुकावट यानि शुक्राणुवाहिनी ब्लॉक होना यह एज़ूस्पर्मिया का एक आम कारन है। यह ब्लॉकेज शुक्राणु को बहार आने से रोकता है। 
  • हार्मोनल इम्बॅलन्स, इंडोक्राइन डिसऑर्डर या सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसे अनुवांशिक विकारों के कारन शुक्राणु अच्छी मात्रा में नहीं बनते है।
  • जीवनशैली से जुड़े कुछ कारक भी एज़ूस्पर्मिया का एक कारन होते है। जैसे की – अधिक तापमान पर काम करने से शुक्राणु नष्ट हो जाते हैं या शुक्राणु की क्वालिटी ख़राब होती है। इसके अलावा, व्यसन, धूम्रपान, मद्यपान करने की आदत, या अत्यधिक तनाव शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित करते हैं।

डॉक्टर एज़ूस्पर्मिया का निदान कैसे करते हैं?

सीमेन अनालिसिस : वीर्य विश्लेषण (semen analysis) किसी भी शुक्राणु संबंधी समस्या के लिए किया जाने वाला परीक्षण है। टेस्ट के दौरान पुरुषों का सीमेंस सैंपल लेकर लैब में परिक्षण किया जाता है। इस समय शुक्राणु की संख्या, गति और संरचना की जांच की जाती है।

मेडिकल हिस्टरी : शुरुआत में आपके इनफर्टिलिटी का सटीक और संपूर्ण निदान पाने के लिए फर्टिलिटी डॉक्टर मेडिकल हिस्टरी लेंगे। जिसमे आपकी आयु, जीवनशैली, पूर्व सर्जरी, शारीरिक बीमारिया जैसी और भी जानकारी लेंगे।

स्क्रोटम अल्ट्रासाउंड : रीप्रोडक्टीव्ह अंगों की जांच के लिए एक अल्ट्रासाउंड किया जाएगा।

ब्लड टेस्ट : टेस्टोस्टेरॉन, फॉलिकल-स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (FSH), अँड्रोजेन, डायबेटिज, थायरॉईड, टीबी जैसे ब्लड टेस्ट किए जाएंगे।

एडवांस टेस्ट : टेस्टिक्युलर बायोप्सी, ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड, पोस्ट एज्यक्युलेशन यूरिन एनालिसिस, सीमेन फ्रक्टोज टेस्ट जैसे एडवांस टेस्ट जरुरत अनुसार किए जाते है।

इन्फर्टिलिटी का कारन एज़ूस्पर्मिया होनेपर क्या करे?

  • यदि आप वीर्य में शुक्राणु नहीं होने के कारण बांझपन का सामना कर रहे हैं, तो फर्टिलिटी डॉक्टर का मार्गदर्शन लेना जरूरी है।
  • फर्टिलिटी क्लिनिक में डॉक्टर आपके और आपके पार्टनर के कुछ परिक्षण करेंगे। और इनफर्टिलिटी का सटीक निदान करेंगे। 
  • टेस्ट के परिणाम अनुसार डॉक्टर आपको सही इलाज का सुझाव देंगे।  जिसमे दवाए, हर्मोनल थेरपी, सर्जिकल इलाज, फर्टिलिटी इलाज हो सकते है। 
  • आपका एज़ूस्पर्मिया ऑब्स्ट्रक्टिव्ह है की नोनोब्सट्रिक्टिव इस आधार पर ट्रीटमेंट होगा। 
  • आपकी उम्र और एज़ोस्पर्मिया के कारण के आधार पर, आपको कभी-कभी बुनियादी उपचार से रिज़ल्ट मिलता हैं।  कुछ मामलों में ‘एडवांस फर्टिलिटी ट्रीटमेंट’ की आवश्यकता हो सकती है।

एज़ूस्पर्मिया का कारण ‘शुक्राणु वाहिनी में रुकावट’ है तो गर्भधारण कैसे करें?

शुक्राणुवाहिनी ब्लॉक होनेपर शुक्राणु बहार निकल नहीं पाते और वीर्य में शुक्राणुओं की अनुपस्थिति देखि जाती है। यह एक मेडिकल कंडीशन है। इसका इलाज फर्टिलिटी डॉक्टर कर सकते है। एज़ूस्पर्मिया पर इलाज के लिए फर्टिलिटी डॉक्टर से कंसल्टेशन करना जरुरी है। 

एज़ूस्पर्मिया के इलाज के २ तरीके है :

  1. सर्जिकल इलाज : सर्जिकल ट्रीटमेंट की मदत से ब्लॉकेज हटाए जा सकते है। ‘ट्रान्सयुरेथ्रल इजाक्युलेटरी डक्ट रिसेक्शन’ या ‘मायक्रोसर्जिकल वसाल रिकन्स्ट्रक्शन’ सर्जरी का इस्तमाल होता है। सर्जिकल इलाज का सक्सेस रेट लगभग ४०% होता है। 
  2. स्पर्म रिट्राइवल टेक्निक : TESA / PESA, MESA, माइक्रो-TESE जैसे स्पर्म रिट्राइवल टेक्निक की मदत से स्पर्म कलेक्शन किया जाता है। ऐसी आधुनिक तकनीक का इस्तमाल कर ऊतक / स्पर्म / फ्लूएड कलेक्ट किया जाता है। बाद में IUI या IVF की मदत से गर्भधारण करना संभव है।

एज़ूस्पर्मिया का कारण ‘शुक्राणु उत्पादन न होना’ है तो गर्भधारण कैसे करे?

शुक्राणु का उत्पादन नहीं हो रहा है, तब भी चिंता न करे। क्योंकि गर्भधारण की संभावना बढ़ाने के कई तरीके हैं। सबसे पहले आपको एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जरूरत है। पौष्टिक आहार का सेवन करे, तनाव पर नियंत्रण रखें, और पर्याप्त नींद लेने से गर्भावस्था के लिए पर्याप्त शुक्राणु बनते है।

  1. HRT थेरपी : हार्मोनल इम्बैलेंस के कारन शुक्राणु उतपादन नहीं हो रहा है, तब दवाए और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी से रिज़ल्ट मिलते है। 
  2. वेरिकोसेलेक्टोमी सर्जरी : नॉन ऑब्स्ट्रक्टिव्ह एज़ूस्पर्मिया का कारन वैरीकोसेल होनेपर वेरिकोसेलेक्टोमी सर्जरी से फायदा मिलता है। 
  3. फर्टिलिटी इलाज : लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन या दवाइयों से रिज़ल्ट नहीं मिलता है तब डॉक्टर आपको ऍडव्हान्स फर्टिलिटी इलाज का सुझाव देंगे। स्पर्म रिट्रायवाल टेक्निक, IVF, ICSI, IMSI, PICSI जैसे आधुनिक उपचार विकल्प उपलब्ध हैं, जो निश्चित रूप से आपको गर्भधारण करने में मदद कर सकते हैं।

एज़ूस्पर्मिया का कारन ‘हार्मोनल समस्या या इंडोक्राइन डिसॉर्डर’ है तो गर्भधारण कैसे करे?

अक्सर हार्मोनल विकार, पिट्यूटरी ग्रंथि के विकार, पिट्यूटरी कैंसर के कारण गर्भावस्था के लिए पर्याप्त मात्रा में शुक्राणु नहीं बन पाते हैं। या तो इतने कम मात्रा  में बनते है की वीर्य में दिखाई नहीं देते है। ऐसे मामलों में, मायक्रो TESE या PESA जैसे स्पर्म रिट्राइवल टेक्निक इस्तेमाल कर अंडकोष या एपिडीडिमिस से शुक्राणु प्राप्त किए जाते है। बाद में IUI, IVF या ICSI ट्रीटमेंट से गर्भावस्था करना संभव है। शुरुआत में आपके डॉक्टर लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन, दवा या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी का प्रयोग करेंगे। रिज़ल्ट न मिलनेपर एडवांस तकनीक का सुझाव देंगे।

एज़ूस्पर्मिया का कारन ‘आनुवंशिक विकार’ है तो गर्भधारण कैसे करे?

सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसे आनुवंशिक विकारों के कारण वीर्य में शुक्राणु नहीं होनेपर TESE जैसी स्पर्म रिट्राइवल टेक्निक का उपयोग शुक्राणु को पुनः प्राप्त किए जाते है। बाद में IUI, IVF, ICSI, IMSI, PICSI जैसे आधुनिक उपचारों से निश्चित रूप से गर्भधारण संभव है।

वहीं, अगर आनुवांशिक कारणों से शुक्राणु नहीं बन पाते हैं तो आपको ‘डोनर एग’ की मदद लेनी होगी। यह एक कानूनी और सुरक्षित प्रक्रिया है। जो आपको अपना बच्चा पैदा करने की अनुमति देता है।

एज़ूस्पर्मिया के साथ आपका अपना बच्चा होना संभव है?

हाँ। ज़रूर! एज़ूस्पर्मिया में गर्भधारण करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन अपना खुद का बच्चा होना संभव है। हार्मोनल थेरेपी या टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन (TESE) जैसे सर्जिकल इलाज के माध्यम से अंडकोष से शुक्राणु प्राप्त किए जाते है। शुक्राणु पुनर्प्राप्ति के बाद इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) या इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) जैसे इलाज से गर्भधारण कर सकते है।

एज़ूस्पर्मिया के मामले में डोनर एग की जरुरत होती है?

नहीं। एज़ूस्पर्मिया के हर मामले में डोनर एग की जरुरत नहीं होती। एज़ोस्पर्मिया एक ऐसी स्थिति है जहां पुरुष के वीर्य में गिनती कर सके इतने पर्याप्त शुक्राणु नहीं होते हैं। यह हार्मोनल असंतुलन, आनुवंशिक असामान्यताएं, ऑब्स्ट्रक्शन या जन्म दोष के कारण हो सकता है। कुछ मामलों में, एज़ूस्पर्मिया का इलाज सर्जरी, हार्मोनल थेरेपी या दवा से किया जाता है। बुनियादी इलाज असफल रहनेपर आपको डोनर एग की आवश्यकता हो सकती है। डोनर एग का उपयोग करके इंट्रायूटरिन इन्सेमिनेशन (IUI) या इन विट्रो फर्टिलायझेशन (IVF) जैसे असिस्टेड रिप्रॉडक्टिव्ह टेक्निक (ART) का उपयोग करके गर्भधारण करना संभव है।

Subscribe To Our Newsletter

Get updates and learn from the best

More To Explore

What is a Trigger Shot in IVF?

A trigger shot is a hormone injection used in fertility treatments to promote egg maturation and release from the ovaries. It’s also called an HCG shot since it typically contains the hormone human chorionic gonadotropin (HCG).

एनओव्यूलेशन (Anovulation) : पहचान, कारण और इलाज

एनओव्यूलेशन (Anovulation) एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला के मासिक चक्र (period cycle) के दौरान ओव्यूलेशन नहीं होता है, यानी कोई अंडाणु (egg) रिलीज नहीं होता। इस स्थिति में गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि अंडाणु के बिना गर्भधारण संभव नहीं होता।