बांझपन क्या है ? जानिए बांझपन के कारण, लक्षण, सलाह और इलाज 

बांझपन क्या है - Infertility meaning in Hindi
अपने घर में बच्चे की किलकारी सुनने की इच्छा कई जोड़ो की होती है। मगर कई प्रयासों के बावजूद जब एक कपल गर्भधारण नहीं कर पाता तो उसे 'बांझपन' (infertility) या मेडिकल भाषा में 'इनफर्टिलिटी' कहा जाता है। बांझपन आज के समय में एक बढ़ती समस्या है जो दुनियाभर में करीबन ४८ मिलियन कपल्स को प्रभावित करती है। सिर्फ भारत में ही देखे तो हर ६ में से १ कपल को बांझपन समस्या है।

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अपने घर में बच्चे की किलकारी सुनने की इच्छा कई जोड़ो की होती है। मगर कई प्रयासों के बावजूद जब एक कपल गर्भधारण नहीं कर पाता तो उसे ‘बांझपन’ या मेडिकल भाषा में ‘इनफर्टिलिटी’ कहा जाता है। बांझपन आज के समय में एक बढ़ती समस्या है जो दुनियाभर में करीबन ४८ मिलियन कपल्स को प्रभावित करती है। सिर्फ भारत में ही देखे तो हर ६ में से १ कपल को बांझपन की समस्या है।

बांझपन क्या है?

आम बोलचाल की भाषा में समझे तो, जब कोई कपल एक साल से अधिक समय तक बिना गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किए, कई प्रयासों के बावजूद गर्भधारण न कर सके तो वो इनफर्टिलिटी (infertility meaning in Hindi) यानि बांझपन की समस्या से पीड़ित है।  

बांझपन की समस्या में क्या करे?  

  1. यदि आपकी उम्र २० से ३५ वर्ष की है तो एक साल तक नैचुरली कंसीव करने की सलाह दी जाती है। 
  2. पर यदि आपकी या आपके पार्टनर की उम्र ३५ वर्ष से अधिक है और ६ महीने तक नैचुरली कंसीव करने के बावजूद गर्भधारण न हो सके तो जल्द से जल्द किसी योग्य फर्टिलिटी डॉक्टर से परामर्श करे।   

साथ ही, यदि आपको अन्य समस्याएं जैसे पीरियड्स का अनियमित होना, मेनोपॉज की स्थिति, PCOD/PCOS जैसी परेशानी या पुरुषो में इरेक्शन की प्रॉब्लम हो तो आप बिना वक़्त जाया करे फर्टिलिटी डॉक्टर की सलाह ले। .

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बांझपन के प्रकार

Types of Infertility in Hindi
Types of Infertility in Hindi

बांझपन के प्रकारो में शामिल है :

प्राइमरी इनफर्टिलिटी (Primary Infertility)यदि किसी जोड़े को १२ महीनो से अधिक काल तक प्रयास करने पर नैचुरली कंसीव करने में दिक्कत आती है तो उसे प्राथमिक बांझपन यानि प्राइमरी इनफर्टिलिटी की स्तिथि है।  
सेकेंडरी इनफर्टिलिटी (Secondary Infertility)यदि किसी कपल को पहली बार में नैचुरली गर्भधारणा हो जाए और दूसरी संतान के समय वो नैचुरली कंसीव न कर पाए तो उसे सेकेंडरी इनफर्टिलिटी की स्तिथि है।    
अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी (Unexplained Infertility)कपल की जांच के बाद भी जब बांझपन का सटीक कारण न पता लग सके तो उस केस को अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी कहा जाता है।  इन केसेस में बांझपन का सटीक कारण न पता चलने की वजह से उपचार करने में दिक्कत आ सकती है। 
बांझपन के प्रकार

पुरुष बांझपन क्या है?

पुरुष बांझपन एक ऐसी समस्या है जो उसे एक वर्ष से अधिक समय तक असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बावजूद पिता बनने से रोकता है। यह अक्सर शुक्राणु उत्पादन या शुक्राणु वितरण की समस्याओं के कारण होता है।

महिला बांझपन क्या है?

कोई भी महिला जब  एक साल से अधिक काल प्रयास करने के बावजूद प्राकृतिक रूप से गर्भधारण ना कर पाए तो उसे महिला बांझपन की स्तिथि कहा जाता है।  बार-बार गर्भपात होना भी महिला बांझपन की श्रेणी में आता है। अधिक उम्र, हार्मोन असंतुलन, लो ओवेरियन रिजर्व बदलती जीवनशैली अक्सर महिलाओ में बांझपन का कारण बनती है।   

बांझपन का निदान

यदि बांझपन की सही जांच हो तो उसका सटीक कारण पता लगाना आसान हो जाता है जिससे आगे का निदान और उपचार आसानी से किया जा सकता है। 

महिलाओं और पुरुषों  में इनफर्टिलिटी की स्तिथि में डॉक्टर निचे दि गयी जांच करने का सुझाव दे सकते हैं:

महिलाओं में बांझपन का निदान:

  1. ओव्यूलेशन टेस्ट (Ovulation Test): ये टेस्ट महिलाओं में ओवुलेशन की जांच करती है जिस समय गर्भधारण की संभावनाएं अधिक होती है। 
  2. हार्मोनल परीक्षण (Hormonal Tests): डॉक्टर्स ल्यूटिनाइलिंग और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोनस की जांच करते है। इनकी स्तिथि जानने के बाद बांझपन की पुष्टि की जा सकती है। 
  3. ओवेरियन रिजर्व टेस्ट ( Ovarian Reserve Test): इस टेस्ट में डॉक्टर महिला के अंडे की गुणवत्ता और मात्रा की पुष्टि करते हैं।
  4. पेल्विक अल्ट्रासाउंड (Pelvic Ultrasound): गर्भशय और फॉलोपियन ट्यूब की स्तिथि समझने में  पेल्विक अल्ट्रासाउंड टेस्ट मदत करता है। 

साथ ही आपकी स्तिथि के अनुसार अन्य टेस्ट्स का सुझाव दिया जा सकता है।  

पुरुष बांझपन का निदान:

  • आनुवंशिक परीक्षण (Genetic testing): आनुवंशिक परीक्षण के दौरान आनुवंशिक कारको का पता लगाया जाता है जो सर्पम की संख्या और गुणवत्ता को प्रभावित करते है।
  • हार्मोन की जांच (Hormonal testing):  टेस्टोस्टेरोन और अन्य हार्मोनस की जांच के लिए डॉक्टर्स  खून का सैंपल लेकर हार्मोनस की जांच करते है। 
  • अंडकोष का अल्ट्रासाउंड (Testicular ultrasound): इस अल्ट्रासाउंड के दौरान डॉरक्टर्स अंडकोष की संरचना और दूसरी समस्याओं की पुष्टि करते है।
  • वीर्य का सैंपल लेना (सीमेन एनालिसिस टेस्ट): सीमेन एनालिसिस टेस्ट वीर्य के सैंपल से शुक्रानुओ की संख्या, आकार और मूवमेंट का पता लगाया जाता है।
  • शारीरिक परिक्षण (Physical examination): इस दौरान डॉक्टर आपके जननांगों की जांच करते हैं  यदि कोई पुराणी चोट या सर्जरी हो तो उस संबंधित प्रश्न पूछते है। 

साथ ही आपकी स्तिथि के अनुसार अन्य टेस्ट्स का सुझाव दिया जा सकता है।  

बांझपन के कारण

इनफर्टिलिटी के कारणों में शामिल है:

  • 35-40 से अधिक उम्र
  • डायबिटीज
  • शराब और सिगरेट का अत्याधिक सेवन
  • रेडिएशन थेरेपी या अन्य कैंसर उपचार
  • यौन संचारित बीमारियां
  • मोटापा या वजन जरुरत से ज्यादा कम होना

पुरुष बांझपन के कारण क्या है?

causes and symptoms of male infertility
पुरुष बांझपन के कारण और लक्षण
  • शुक्राणुओ में विकार (Sperm Disorders): शुक्राणु विकार पुरुष बांझपन का एक सामान्य कारन है। ये समस्या शुक्राणु के आकार, गुणवत्ता, मात्रा, परिपक्वता और तैरने की क्षमता को प्रभावित करती है। ज्यादातर मामलों में, शुक्राणुओं की कम संख्या (ऑलिगोस्पर्मिया) या शुक्राणुओं की संख्या न होना (एज़ोस्पर्मिया) पुरुष बांझपन का एक अलग कारण माना जाता है।
  • वैरिकोसेले (Varicoceles): वैरिकोसेले एक ऐसी स्थिति है जिसमें अंडकोश के आसपास की नसें सूज जाती हैं। इससे नसों में रक्त प्रवाह रुक जाता है और शुक्राणु के विकास में बाधा उत्पन्न होती है। साथ ही वैरिकोसेले की स्तिथि शुक्राणुओं की संख्या को भी प्रभावित करती है।  
  • रुकावट (Obstruction): कुछ केसेस में स्पर्म के आस पास की ट्यूब्स ब्लॉक हो सकती है। सूजन या विकास संबंधी दोष पुरुष प्रजनन पथ के किसी भी हिस्से को ब्लॉक करने का कारण बन सकते हैं। इस कारण इजेकुलेशन के दौरान शुक्राणु का शरीर से बाहर निकलना असंभव हो जाता है।
  • प्रतिगामी इजेकुलेशन (Retrograde Ejaculation): इस स्तिथि में वीर्य शरीर में पीछे की ओर चला जाता है। वीर्य बाहर निकलने के बजाय वापस ब्लैडर में चला जाता है। यह तब होता है जब आपके ब्लैडर की  नसें और मांसपेशियां संभोग के दौरान बंद नहीं होती।
  • संरचनात्मक समस्याएं (Structural Problems): यदि गेनेटिक ट्यूब ब्लॉक है या किसी भी तरह से वीर्य के प्रवाह को रोकता है, तो इसका परिणाम पुरुष बांझपन हो सकता है। फिर चाहे वो आनुवंशिक रूप से हो या जन्म से। इसके साथ ही एसटीडी (STD यौन संचारित रोग) से होने वाले संक्रमण या सूजन से भी संरचनात्मक समस्याएं हो सकती हैं। अन्य कारण जैसे अंडकोश में सूजी हुई नसें भी संरचनात्मक समस्याओं का कारण बनती है।

साथ ही अन्य कारण जैसे: 

  • लंबे समय तक तनाव से ग्रसित होना
  • सिगरेट और शराब का सेवन
  • मोटापा वजन अत्याधिक होना

 

महिलाओं में बांझपन के कारण:

causes and symptoms of female infertility
महिलाओं में बांझपन के कारण और लक्षण
  • गर्भाशय की परेशानी (Uterine Problems): पॉलीप्स, फाइब्रॉएड, स्कार टिश्यू, रेडिएशन जैसी समस्याएं अक्सर गर्भाशय की परेशानी से जुड़ी होती हैं। ये समस्याएं गर्भधारणा में बाधा डालती हैं और गर्भपात के जोखिम को बढ़ाती हैं। वे गर्भाशय के अस्तर को कमजोर कर बांझपन की समस्या को बढ़ाते है।
  • ख़राब/ ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब (Damaged/Blocked Fallopian Tubes): आपकी फैलोपियन ट्यूब में निषेचन की प्रक्रिया होती है, वे कनेक्टर होते हैं जो निषेचित अंडे को आपके अंडाशय से गर्भाशय तक ले जाते हैं। फैलोपियन ट्यूब की रुकावट या क्षति का सबसे आम कारण पैल्विक संक्रमण, एंडोमेट्रियोसिस और पैल्विक सर्जरी है। ट्यूबल ब्लॉकेज शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने नहीं देता जिसके परिणामस्वरूप गर्भधारणा नहीं रह पाती। 
  • अधिक उम्र (Advanced Age): महिलाएं एक निश्चित एग रिज़र्व के साथ पैदा होती हैं, और बढ़ती उम्र के साथ, अंडों की गुणवत्ता और मात्रा धीरे-धीरे कम हो जाती है। ३५ वर्ष की आयु के बाद, अंडों में क्रोमोसोमल अब्नोर्मलिटीज़ होने की संभावना अधिक होती है जिससे निषेचन में कठिनाई होती है साथ ही अस्वस्थ भ्रूण  निर्माण की संभावना बढ़ जाती है। 
  • हार्मोनल प्रॉब्लम (Hormonal Problems): महिलाओं में बांझपन का एक अन्य प्रमुख कारण हार्मोनल प्रॉब्लम है। ये प्रोब्लेम्स पीसीओएस की समस्याओं और एनोव्यूलेशन की प्रोब्लेम्स को बढ़ावा देती है जिससे गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। 
  • ओव्यूलेशन प्रॉब्लम (Ovulation Problems): महिलाओं में ओव्यूलेशन प्रॉब्लम के कई कारण हो सकते हैं। जैसे:
    • हार्मोनल असंतुलन
    • गलत खान-पान 
    • नशीले पदार्थो का सेवन 
    • थायरॉइड की समस्या
    • गंभीर तनाव
    • पिट्यूटरी ट्यूमर

साथ ही अन्य कारण जैसे:

  • एंडोमेट्रियोसिस 
  • एंडोक्राइन विकार
  • यूटेराइन फाइब्रॉइड्स
  • तनाव
  • ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
  • पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज
  • गर्भाशय का असामान्य आकार
  • पोलिप्स
  • योनि में इंफेक्शन 

 महिला बांझपन के अन्य कारणों में से एक है।

बांझपन के लक्षण

बांझपन के लक्षणों में से सबसे मुख्य लक्षण है प्रयास के बावजूद गर्भधारण न कर पाना, या बार-बार  मिसकैरेजेस होना।

पुरुष बांझपन के लक्षणमहिला बांझपन के लक्षण
यौन इच्छा कम होना।अनियमित मासिक चक्र
अंडकोष में दर्द, गांठ या सूजन महसूस होना।पीरियड्स के दौरान क्रोनिक पेल्विक दर्द
इजेकुलेशन के समय समस्या होना (Erectile Dysfunction)PCOD/PCOS  की शिकायत होना 
इजेकुलेशन के दौरान कम मात्रा में वीर्य निकलना मोटापा
चेहरे और शरीर पर बालों का कम होनाथायरॉइड की समस्या 
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या होनाचेहरे पर मुहांसे आना
आसामान्य रूप से छाती का बढ़ना यौन इच्छा में कमी होना
चेहरे पर बाल उगना
सेक्स के दौरान दर्द
समय से पहले मेनोपॉज आना
बांझपन के लक्षण

यदि आप ऊपर बताए गए बांझपन के लक्षणों को महसूस कर रहे है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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इनफर्टिलिटी से कैसे बचे? बांझपन दूर कैसे करें?

घबराईये नहीं, बांझपन की समस्या से बचा जा सकता है 

  • धूम्रपान और शराब बांझपन का प्रमुख कारण हैं इसलिए इनसे दूर रहें।
  • तैलीय भोजन और कार्बोहाइड्रेट से बचें।
  • प्रिज़र्वेटिव्स फूड, ड्रिंक्स और कैफीन का सेवन ना करे।
  • अपने वजन को नियंत्रित करे। 
  • सुस्त जीवनशैली न रखे। 
  • जंक फूड से दूर रहे।  

 

फर्टिलिटी कैसे बढ़ाये?

  • नियमित रूप से हल्का-फुल्का व्यायाम करें।  
  • मेडिटेशन करें।  
  • तनाव से दूर रहें। 
  • वो करे जिससे आपको ख़ुशी मिलती हो। 
  • रोज़ २-३ लीटर पानी पिए। 
  • ७-८ घंटे की नींद ले। 
  •  फर्टिलिटी विंडो और ओवुलेशन के समय पर खास ध्यान दे।  

 

फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए क्या खाये?

  • संतुलित आहार खाएं।  
  • एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल और सब्जिया खाएं।  
  • हरी सब्जियों, अंडे और ताज़े फलों को अपने डाइट में शामिल करें। 
  • प्रोटीन, ओमेगा ३,और फाइबर से भरपूर आहार ले।  
  • दूध, दही आदि का सेवन करें। 
  • ड्राई फ्रूट्स और बीज जैसे अखरोट, अंजीर, बादाम, मखाना, किशमिश, खजूर, सूरजमुखी के बीज, अलसी, चिया के बीज आदी का सेवन करे।  

 

ध्यान दे

अपने आहार में ऊपर दिए गए किसी भी खाद्य पदार्थ को शामिल करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

जबकि ये टिप्स फायदेमंद है, कुछ केसेस में ये आपकी स्थिति के लिए हानिकारक भी साबित हो सकती है। हमारी सलाह है अपने डॉक्टर से पूछे बिना किसी भी चीज़ का अनुकरण ना करे।

बांझपन का इलाज क्या है?

Infertility Treatment in Hindi
Infertility Treatment in Hindi

क्योंकि बांझपन एक कॉम्प्लिकेटेड प्रॉब्लम है डॉ. नरहरी मालगांवकर कहते है, “इसका इलाज आपकी बांझपन की स्थिति, कारण, आयु, और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। योग्य और सही ट्रीटमेंट तब ही किया जा सकता है जब किसी कपल की स्थिति का गहराई से विश्लेषण किया जाये।”

  1. दवाओं से इलाज: बदलती जीवनशैली और गलत खानपान से हुए हार्मोनल असंतुलन को दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है. साथ ही योग्य आहार, नियमित आराम, और जीवनशैली में सकारात्मक बदल बांझपन की स्तिथि को नियंत्रित कर गर्भधारण करने में मदत कर सकती है।
  2. आईयूआई (IUI): आईयूआई यानि इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन एक प्रथम श्रेणी में किया जाने वाला फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है। जिसका सुझाव PCOS, एनोव्यूलेशन (anovulation) या शुक्राणु की समस्या से जूझ रहे कपल्स को दिया जाता है। अधिकांश कपल्स आईयूआई को प्राधान्य देते हैं क्योंकि यह शुक्राणु को अंडे के करीब रखकर प्राकृतिक गर्भधारण की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। साथ ही, यह ट्रीटमेंट अन्य फर्टिलिटी उपचारों से किफायती है।
  3. आईवीएफ (IVF): आईवीएफ यानि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ये ट्रीटमेंट तकनीक जैसे बांझपन से पीड़ित जोड़ो के लिए एक वरदान है। आईवीएफ के दौरान, महिला के अंडे को पुरुष के स्पर्म के साथ लैब में निषेचित किया जाता है। उसके बाद, निषेचित भ्रूण को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है। ये प्रक्रिया न सिर्फ सफतला के चान्सेस बढाती है बल्कि जल्दी रिजल्ट भी देती है। इसी के साथ एडवांस्ड आईवीएफ तकनीक बांझपन की कॉम्प्लिकेटेड केसेस में भी योग्य और सफल रिजल्ट देती है।  
  4. सर्जरी: कुछ केसेस में कपल्स बांझपन के इलाज के लिए सर्जरी का सहारा ले सकते है। सर्जरी ब्लॉक फॉलोपियन ट्यूब्स, फाइब्रॉएड, वैरीकोसेल जैसे मामलो में मददगर साबित हो सकती है। साथ ही लैप्रोस्कोपिक या हिस्ट्रोस्कोपी सर्जरी गर्भधारण की संभावना को बेहतर बनाने में मदत करती है। 

इन सबके अलावा एडवांस्ड फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स जैसे: 

  • ओवुलेशन इंडक्शन
  • इंट्रा साइटोप्लाज़्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई)
  • फ्रोजेन एम्ब्र्यो ट्रांसफर (एफइटी)
  • ब्लास्टोसिस्ट ट्रांसफर 
  • लेजर असिस्टेड हैचिंग (एलएएच)
  • टेस्टिकुलर स्पर्म एस्पिरेशन (टीइएसए)
  • परक्यूटेनियस एपिडिडीमल स्पर्म एस्पिरेशन (पीइएसए)
  • माइक्रोसर्जिकल टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन (मिइएसए)

 

निष्कर्ष (Conclusion)

बांझपन कोई बीमारी नहीं, ये बस एक स्तिथि है जिसे योग्य उपचार और निदान से ठीक किया जा सकता है। यदि बांझपन के लक्षण महसूस हो रहे हो तो देर न करे, जल्द से जल्द डॉक्टर से अपनी स्तिथि के बारे में बात करे। सही समय पर निदान कर इस समस्या से बचा जा सकता है। इसी के साथ खुद को स्वस्थ रखे, योग्य आहार और सकारात्मक बदलाव जरूर आपकी मदत कर सकते है। 

योग्य फर्टिलिटी डॉक्टर से परामर्श, आपकी स्तिथि के अनुसार ट्रीटमेंट और एडवांस्ड फर्टिलिटी टेक्नोलॉजी की मदत से आप भी अनुभव कर सकते है माता- पिता बनने की ख़ुशी। 

प्रोजेनेसिस फर्टिलिटी सेंटर आपकी स्तिथि के अनुसार, योग्य फर्टिलिटी जांच, स्तिथि का अभ्यास और पूरी जानकारी के साथ सटीक फर्टिलिटी ट्रीटमेंट देने के लिए जाना जाता है। 

हमरे डॉक्टर्स, ट्रीटमेंट, टेक्नोलॉजी और अनुभव आपके माता-पिता बनने के सपने को सच करने में हर वो प्रयास करते है। साथ ही प्रोजेनेसिस फर्टिलिटी सेंटर में आपकी जानकारी पूर्ण रूप से गुप्त रखी जाती है। 

आपके हर प्रश्न का जवाब पाइये, निश्चिन्त होकर हमसे प्रश्न पूछिए! संपर्क करे.

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

बांझपन क्या है? 

जवाब: आम बोलचाल की भाषा में समझे तो, जब कोई कपल एक साल से अधिक समय तक बिना गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किए, कई प्रयासों के बावजूद गर्भधारण न कर सके तो वो इनफर्टिलिटी यानि बांझपन की समस्या से पीड़ित है।  

क्या बांझपन को ठीक किया जा सकता है? 

जवाब: हाँ, बांझपन की समस्या के लिए असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्निक मौजूद है कुछ केसेस में तो दवाईया भी काम करती है जिनसे गर्भधारण किया जा सकता। साथ ही एडवांस्ड रिप्रोडक्टिव तकनीक जैसे आई यु आई (IUI), आई वी एफ (IVF), आई सी एस आई (ICSI) आदि के साथ सफल गर्भधारण संभव है।

बांझपन का इलाज क्या है?

जवाब: आई यू आई (IUI) और आई वी एफ (IVF) बांझपन के लिए दो सबसे आम फर्टिलिटी ट्रीटमेंट हैं। 

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