अनएक्सप्लेन्ड इन्फर्टिलिटी के साथ जल्दी गर्भधारण कैसे करे?

सारांश : कुल वंध्यत्व केसेस में ३०% केसेस अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी के होते है। जिनका बुनयादी वन्ध्यत्व निदान करनेपर कोई वन्ध्यत्व समस्या स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती है। लेकिन आधुनिक इलाज से गर्भधारण हो सकता है।

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अष्पष्टिकृत बाँझपन क्या है?

सबसे पहले आपको ये समझना होगा की फर्टिलिटी क्लिनिक में सारे टेस्ट करने के बावजूद आपके वन्ध्यत्व का निदान नहीं हो रहा है तभी आप कह सकते है की, आपको अस्पष्टीकृत वन्ध्यत्व है।

यदि आपने कुछ बुनयादी ब्लड टेस्ट्स और सोनोग्राफी की है तो इसे आप अनएक्सप्लेन्ड इन्फर्टिलिटी नहीं कह सकते। आपको एडवांस फर्टिलिटी सेंटर में जाके डिटेल सोनोग्राफी, हिस्टेरोस्कोपी, लैपरोस्कोपी करना जरुरी है। साथ ही पुरुष साथी को सीमेन एनालिसिस, स्क्रोटम अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट डॉक्टर की सलाह से करना जरुरी है।

ऐसी स्थिति में गर्भधारण के लिए करे तो क्या करे? गर्भधारण के लिए २ विकल्प मौजूद होते है।

१) एडवांस डायग्नोसिस टूल्स का इस्तेमाल :

स्पर्म्स फंक्शन टेस्ट, स्पर्म्स सर्वायवल टेस्ट, स्पर्म डी.एन.ए. फ्रॅगमेंटेशन टेस्ट, Y क्रोमोसोम मायक्रोडेलेशन (YCM), केरिओटायपिंग ऐसे कुछ एडवांस टेस्ट उपलब्ध होते है। जो वन्ध्यत्व की सूक्ष्म समस्यांओं का निदान कर सकते है। लेकिन यह टेस्ट काफी महंगे होते है। इसमें टाइम भी वेस्ट होता है। और आम तौर पर रिसर्च स्टडी के लिए इस्तेमाल किए जाते है।

२) एडवांस फर्टिलिटी इलाज :

एडवांस टेस्ट के जरिए डायग्नोसिस (वन्ध्यत्व समस्या का निदान) हो भी जाए तो ART उपचार विकल्प वही होते है। इसलिए डॉक्टर्स सीधे IVF या ICSI का सुझाव देते है।  जिसके रिजल्ट अच्छे मिलते है। अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी की केसेस में बुनियादी उपचार विफल होनेपर ज्यादातर केसेस में IVF और ICSI इलाज से परिणाम पोजिटिव्ह मिलते है।

एडवांस टेक्निक की मदत से अनएक्सप्लेन्ड इन्फर्टिलिटी एक्स्प्लेंड हो सकती है। सही निदान से प्रभावी उपचार किए जा सकते है।

अनएक्सप्लेन्ड इन्फर्टिलिटी कि स्थिती में करे जल्दी गर्भधारण

१) लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन

ज्यादातर केसेस में मोटापा या कपल्स की कुछ रोजाना आदते सही नहीं होनेपर फर्टिलिटी स्वास्थ्य ख़राब होता है। ऐसे केसेस में ‘प्रोजेनेसिस फर्टिलटी सेंटर’ में ‘लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन’ किया जाता है। थोडीसी दवाइया और कुछ वजन कम करके गर्भधारण हो सकता है।

फर्टिलिटी स्वास्थ्य बढ़ानेवाले कुछ टिप्स :

  • स्वास्थ्यकर, पौष्टिक और बैलेंस्ड डाइट प्लान फॉलो करे। डाइट विटामिन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स जैसे पोषण तत्त्वों से भरपूर होना चाहिए।
  • नियमित रूप से मध्यम तीव्रता का व्यायाम/योगा करना जरुरी है।
  • तनाव कम करने के लिए प्राणायाम, ध्यानधारणा, डीप ब्रीथिंग, रिलैक्सेशन टेक्निक्स का इस्तेमाल करे।
  • अच्छी क्वालिटी की पूरी नींद लेना जरुरी है।
  • ज्यादा पानी का सेवन करे।
  • स्मोकिंग, अल्कोहोल कंज़म्प्शन न करे।
  • चाय, कॉफी, कोल्ड्रिंग्स का सेवन कम करे।
  • दूषित, केमिकल या उष्णता से भरे वातावरण से बचे।
  • बेकरी प्रोडक्ट्स, फ़ास्ट फ़ूड, पैक्ड अन्न का सेवन न करे।
  • वजन नियंत्रित रखे।

२) दवा के साथ IUI या ओवुलेशन इंडक्शन

ओवुलेशन स्टिम्युलेशन की दवा का इस्तेमाल फर्टिलिटी इलाज में किया जाता है। एक महिला हर महीने एक एग रिलीज करती है। ‘क्लोमिड साइट्रेट’ दवा का उपयोग करके रिलीज्ड एग्ज की संख्या बढ़ाई जाती है। उन बीजों में से एक निषेचित होने की सम्भावना बढ़ती है। यानि गर्भधारण की सम्भावना बढ़ती है।

कुछ केसेस में क्लोमिड की तुलना में अधिक परिणामकारक ‘फोलिस्टिम या जोनल-एफ’ जैसे इंजेक्शन के साथ गर्भावस्था की सम्भावना बढ़ाई जाती है।

ओवुलेशन स्टिम्युलेशन के बाद ओवुलेशन की निगरानी करना जरुरी होता है। इसलिए आपके डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के जरिए ओवुलेशन मॉनिटरिंग करेंगे। जैसे ही आप ओवुलेट करती है (अंडाशय बीज छोड़ने लगते है) डॉक्टर आपको इंटरकोर्स करने की सलाह देंगे। इस तरीके से नैचरली कंसीव कर सकते है। इस इलाज को ‘ओवुलेशन इंडक्शन और प्लान सेक्स्युअल रिलेशन’ कहा जाता है।

कुछ केसेस में ओवुलेशन स्टिम्युलेशन के बाद ओवुलेशन डे पर IUI या IVF किया जाता है।

३) अच्छे परिणाम देवेवाला इलाज : IVF

अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी की स्थिति बहुत ही निराशाजनक और चिंताजनक होती है क्योंकी समस्या का निदान ही नहीं होता है। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं। जल्दी गर्भधारण के लिए IVF एक सही और विश्वसनीय विकल्प है।

आयव्हीएफ प्रक्रिया में ओवरियन स्टिम्युलेशन दवाइयों से स्त्रीबीजों का विकास कराना, मैच्यूअर स्त्रीबीज निकालना, शुक्राणु कलेक्शन, लैब में स्त्रीबीज और शुक्राणु का निषेचन करना और भ्रूण बनाना (एम्ब्रियो फॉर्मेशन) शामिल होता है।माता का समग्र स्वस्थ्य ठीक होनेपर और यूटेरियन लायनिंग अच्छी होनेपर यह एम्ब्रियो गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है। जिससे गर्भधारण की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है।

४) ज्यादातर रिज़ल्ट देनेवाला इलाज : IVF-ICSI

इक्सी का मतलब ‘इंट्रा साइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन’ है। सूक्ष्म शुक्राणु समस्या, कॉम्प्लिकेटेड शुक्राणु समस्या या सीवियर मेल फैक्टर इनफर्टिलिटी की स्थिति में इक्सी सबसे अच्छे रिज़ल्ट देता है। खासकर अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी के केसेस में कुछ ऐसी शुक्राणु समस्या होती है जिसका निदान नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर इक्सी का सुझाव देते है। यह पुरुष बांझपन के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। जिससे गर्भधारण की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

इक्सी आयव्हीएफ की एडवांस तकनीक है। जो IVF की तरह ही की जाती है। IVF में ओवरियन स्टिम्युलेशन, ओवम पिक अप, स्पर्म कलेक्शन, फर्टिलाइज़ेशन, एम्ब्रियो फॉर्मेशन, एम्ब्रियो ट्रांसफर किया जाता है। IVF और ICSI में एकमात्र अंतर निषेचन में है। IVF प्रक्रिया में स्पर्म और ओवम को पेट्री ट्रे में निषेचन के लिए छोड़ दिया जाता है।

ICSI प्रक्रिया में माइक्रोपिपेट (छोटेसे इंजेक्शन) की मदत से स्पर्म को ओवम में इंजेक्ट किया जाता है और भ्रूण बनाया जाता है। सीवीयर मेल फैक्टर इनफर्टिलिटी के केस में शुक्राणु स्त्रीबीज में प्रवेश करने में असक्षम रहता है। ऐसी स्थिति में इक्सी का इस्तमाल किया जाता है।

अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी केसेस में इक्सी से सबसे बेहतर और सबसे जल्दी रिज़ल्ट मिलता है।

अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी में प्राथमिक इलाज करे की आधुनिक?

प्रोजेनेसिस में किया जाता है ऐसे इलाज :

  • आपकी आयु ३५ से कम होनेपर डॉक्टर आपको फर्टिलिटी मेडिसिन, लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन के साथ ओवुलेशन इंडक्शन और प्लान सेक्स्युअल रिलेशनशिप ट्रीटमेंट का सुझाव देंगे। २-३ महीने तक प्रयास कर सकते है।
  • ओवुलेशन इंडक्शन इलाज विफल होनेपर आप IUI के ४-६ सायकल कर सकते है।
  • प्राथमिक इलाज अयशस्वी होनेपर IVF या एडवांस की मदत लेना जरुरी है।
  • इस तरीके से स्टेप बाय स्टेप उपचार विकल्प से आप समय और पैसों को बर्बाद नहीं करना चाहते है और जल्दी गर्भधारण चाहते है तो आप डॉक्टर की सलाह से सीधे IVF या एडवांस IVF इलाज कर सकते है। आधुनिक इलाज से गर्भधारण की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है।

अधिक सर्च किए जानेवाले प्रश्न

१) क्या अस्पष्टीकृत बांझपन के साथ गर्भावस्था संभव है?

हाँ। ”यदि कोई अस्पष्टीकृत बांझपन समस्या हो तो गर्भधारण संभव है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, अस्पष्टीकृत बांझपन समस्याओं वाले ९२% दम्पति, जो फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से गुजरते हैं, गर्भधारण कर लेते हैं। अस्पष्टीकृत बांझपन के मामलों में, प्रगट ART तकनीक यानी सहायक प्रजनन तकनीक की मदद से गर्भधारण संभव है। आशा बनाए रखना जरुरी है।

२) अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी में सबसे अच्छा उपचार विकल्प कौनसा है?

आपकी आयु ३५ से अधिक है तो IVF या IVF-ICSI आपके लिए जल्दी गर्भधारण करने का विश्वसनीय इलाज है।

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