टेस्ट ट्यूब बेबी क्या है? प्रक्रिया, खर्चा, फायदे और सक्सेस रेट

टेस्ट ट्यूब बेबी क्या है | Test Tube Baby In Hindi
IVF तकनीक से जन्मे शिशु को टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहा जाता है। ये तकनीक एक एडवांस्ड फर्टिलिटी तकनीक है जो बच्चे के लिए प्रयास कर रहे कपल्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं। इस तकनीक की मदत से दुनिया भर में अब तक लगभग ८ मिलियन से अधिक बच्चे जन्म ले चुके है। टेस्ट ट्यूब बेबी क्या है? टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया दर्दनाक है? इस ट्रीटमेंट की प्रोसेस क्या है? और इसका खर्च? आपके सारे सवालो के जवाब पाने के लिए ये ब्लॉग अंत तक पढ़े।

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टेस्ट ट्यूब बेबी क्या है?

IVF तकनीक से जन्मे शिशु को टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहा जाता है। ये तकनीक एक एडवांस्ड फर्टिलिटी तकनीक है जो बच्चे के लिए प्रयास कर रहे कपल्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं। इस तकनीक की मदत से दुनिया भर में अब तक लगभग ८ मिलियन से अधिक बच्चे जन्म ले चुके है। हलाकि टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का नाम कईयों ने सुना है इस ट्रीटमेंट की जानकारी कुछ ही लोगो को है। जिसकारण मन में सवाल और शंकाये उत्पन्न होना स्वाभाविक है। टेस्ट ट्यूब बेबी क्या है? टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया दर्दनाक है? इस ट्रीटमेंट की प्रोसेस क्या है? और इसका खर्च? आपके सारे सवालो के जवाब पाने के लिए ये ब्लॉग अंत तक पढ़े।

टेस्ट ट्यूब बेबी की जानकारी

कुछ कपल्स को कई साल प्रयास करने के बावजूद बच्चा होने कठिनाई हो सकती है। इसका कारण पुरुष के शुक्राणुओं में कमी, या महिला के अंडे, या शरीर में भ्रूण निर्माण करने में कमी हो सकती है। ये कपल्स मदत ले सकते है टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक की। टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक ये IVF तकनीक का ही दूसरा नाम है जिसमे अंडे और शुक्राणु का मिलन शरीर के बहार लैब में किया जाता है। 

टेस्ट ट्यूब बेबी और आईवीएफ में क्या अंतर है?

बात बस इतनी है के सालो पहले आईवीएफ को टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से जाना जाता था। अगर आसान भाषा में कहें तो टेस्ट ट्यूब बेबी का विकसित नाम आईवीएफ है। 

प्राकृतिक प्रेग्नेंसी और टेस्ट ट्यूब प्रेगनेंसी में क्या अंतर है? 

शुरुवात से समझे तो प्राकृतिक (नैचरल) प्रेग्नेंसी के दौरान फर्टिलाइजेशन यानि शुक्राणु और एग का मिलन फीमेल के अंदर होता है। जिसके बाद प्रेग्नन्सी रहती है और ९ महीने बाद बच्चा होता है. पर यदि, स्पर्म, यूटरस, फैलोपीयन ट्युब, या एग्ज़, में कोई भी प्रॉब्लम आती है जिसकी वजह से  प्राकृतिक गर्भाधान संभव नहीं, तब टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक की सहायता से माता-पिता बन सकते है।  

प्राकृतिक गर्भाधान से अलग टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक में निषेचन की प्रक्रिया शरीर के बाहर लैब में एक पेट्री डिश में होती है। निषेचन की प्रक्रिया के बाद स्वस्थ भ्रूण निर्माण होता है जिसे वापिस स्त्री के गर्भ में डाला जाता है। जिसके बाद गर्भावस्था की आगे की प्रक्रिया प्राकृतिक तरीके से पूरी होती है। 

टेस्ट ट्यूब बेबी सक्सेस रेट 

सभी आधुनिक उपचार और सक्षम डॉक्टरों के साथ, प्रोजेनेसिस फर्टिलिटी सेंटर में टेस्ट ट्यूब बेबी सक्सेस रेट 75-80% हैं।

जबकि सफलता दर आपको गर्भधारण  करने की आपकी संभावना का संकेत देते है, वे आपकी स्थिति के लिए विशिष्ट नहीं हैं। प्रोजेनेसिस में हमारे फर्टिलिटी विशेषज्ञ आपकी सफलता की संभावना का उचित संकेत देंगे।

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टेस्ट ट्यूब बेबी प्रोसेस/ प्रक्रिया 

आइये टेस्ट ट्यूब बेबी प्रोसेस को  शुरू से अंत तक विस्तार में जाने 

  1. डॉक्टर के साथ कंसल्टेशन: टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट की शुरवात करने से पहले एक्सपर्ट फर्टिलिटी डॉक्टर के साथ आपकी स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा। जिसके बाद आपको ट्रीटमेंट के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाएगा और टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट शुरू किया जाएगा।  
  2. ओवेरियन स्टिमुलेशन (Ovarian stimulation): ट्रीटमेंट की शरवत होती है ओवेरियन स्टिमुलेशन से, इंजेक्शन की मदत से महिला में अंडो की संख्या बढ़ाई जाती है जिससे अच्छे भ्रूण यानि एम्ब्र्योस बन पाएंगे।
  3. स्पर्म सैंपल लेना (Sperm sample): इस प्रक्रिया में पुरुष से सीमेन सैंपल कलेक्ट किया जाता है। एंड्रोलॉजिस्ट्स इस सीमेन सैंपल से अच्छे स्पर्म को अलग कर उनका शुद्धिकरण करते हैं।
  4. फर्टिलाइजेशन (Fertilization): शुक्राणुओं और अंडो का चयन कर  लैब में अंडे और शुक्राणुओं को फर्टिलाइजेशन के लिए रखा जाता हैं, जिससे एक स्वस्थ भ्रूण बन सके। 
  5. भ्रूण स्थानांतरण (Embryo transfer): ३-४ दिन के परीक्षण के बाद स्वस्थ एम्ब्रयो महिला के गर्भ में डाला जाता है। साथ ही जहा भ्रूण को अधिक देख रेख की जरुरत होती है उन केसेस में 14 दिनों के बाद भ्रूण स्थानांतरण किया जाता है।

गर्भावस्था की जांच:

टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट के १४-१५ दिन बाद महिला की प्रेग्नेंसी टेस्ट कर गर्भधारणा की पुष्टि की जाती है, जिसके बाद गर्भधारणा और बच्चे का जन्म एकदम प्राकृतिक तरीके से होता हैं।

टेस्ट ट्यूब बेबी की जरुरत किसे है? 

इनफर्टिलिटी के कई कारणों में टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया प्रभावी साबित हुई है साथ ही इस तकनीक के एडवांस्ड फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स पुरुष बांझपन उपचार के लिए उपयोग किए जाते है।

अगर आप या आपका पार्टनर निचे दी गयी स्थितियों का सामना कर रहे है तो आपको टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक की  जरुरत पड़ सकती है। 

  • एंडोमेट्रियोसिस 
  • ओव्यूलेशन संबंधित डिसऑर्डर 
  • फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक या खराब होना 
  • फाइब्रॉइड्स
  • अस्पष्टीकृत इनफर्टिलिटी (unexplained infertility)
  • आनुवंशिक विकार 
  • पुरुष इनफर्टिलिटी

टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक के फायदे क्या है?

टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक के कई फायदे है। स्वस्थ गर्भधारणा, स्वस्थ शिशु के जन्म से लेके गर्भपात का खतरा कम करने तक, टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का फ़ायदा कई कपल्स को हुआ है।   

  • स्वस्थ गर्भधारणा और स्वस्थ शिशु की संभावना
  • दाता शुक्राणु और अंडे का उपयोग
  • प्रेग्नेंसी का समय तय कर सकते है
  • इंफर्टिलटी पर श्रेष्ठ ट्रीटमेंट

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टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया का खर्च 

इस ट्रीटमेंट का खर्च आपकी फर्टिलिटी आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। हर कपल की आवश्यक्ताए अलग होती है जिसकारण ट्रीटमेंट का खर्च हर दंपत्ति के लिए अलग होता है। इस प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरण जैसे माइक्रोस्कोप, इनक्यूबेटर विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए होते है जो अन्य देशों जैसे अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी से लाये जाते है। 

साथ ही टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्चा आपकी उम्र, मेडिकल हिस्ट्री, शहर, पहले फेल हुए साइकल्स, फर्टिलिटी क्लिनिक और फर्टिलिटी डॉक्टरों के अनुभव पर निर्भर करता है। 

टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक मेहेंगे उपकरण और कुशल डॉक्टरों की मदत से किया जाता है। इसके अलावा, इस फर्टिलिटी प्रक्रिया के लिए एक विश्व स्तरीय फर्टिलिटी लैब और उपकरणों में नवीनतम तकनीक की आवश्यकता होती है जो इसे फिर से अन्य उपचारों की तुलना में अधिक महंगा बनाती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का मतलब क्या है?

जवाब: IVF को टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक के नाम से जाना जाता है। इस तकनीक में शुक्राणु और अंडे का मिलन शरीर के बहार लैब में किया जाता है जिसके बाद बने  स्वस्थ भ्रूण को स्त्री के गर्भाशय में डाला जाता है और गर्भावस्था की आगे की प्रक्रिया प्राकृतिक करके से पूरी होती है। 

क्या टेस्ट ट्यूब बेबी स्वस्थ होते है?

जवाब: हाँ,  टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से होने वाले बच्चे पूर्ण रूप से स्वस्थ होते है।

टेस्ट ट्यूब बेबी प्रोसेस कैसे की जाती है? 

जवाब: टेस्ट ट्यूब बेबी प्रोसेस में महिला के शरीर से स्वस्थ अंडे को निकला जाता है, और पुरुष से फ्रेश सीमेन सैंपल लिया जाता है। सीमेन सैंपल में से शुक्राणुओं को अलग कर अंडे और शुक्राणुओं को  पेट्री डिश में रखा जाता है जहा फर्टिलाइजेशन की प्रकिया पूरी होती है। स्वस्थ भ्रूण निर्माण के बाद उस भ्रूण को वापिस स्त्री के गर्भ में डाला जाता है। जिसके बाद गर्भावस्था की आगे की प्रक्रिया प्राकृतिक तरीके से पूरी होती है। 

टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से जन्म लेने वाली पहली बच्ची कोण थी?

जवाब: लूसी ब्राउन दुनिया की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी है। 

टेस्ट ट्यूब बेबी और आईवीएफ में क्या अंतर है?

जवाब: आईवीएफ और टेस्ट ट्यूब बेबी में कोई अंतर नहीं है। बात बस इतनी है के सालो पहले आईवीएफ को टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से जाना जाता था। अगर आसान भाषा में समझे तो आईवीएफ टेस्ट ट्यूब बेबी का विकसित नाम है। 

टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया दर्दनाक है?

जवाब: टेस्ट ट्यूब बेबी एक डेकेयर प्रक्रिया है और आमतौर पर दर्दनाक नहीं होती है। आपको चुभन महसूस हो सकती है, लेकिन इसमें परेशान होने की कोई बात नहीं है।

टेस्ट ट्यूब बेबी में कितना टाइम लगता है?

जवाब: उपचार के प्रकार, विशिष्ट स्थिति, बांझपन के कारण और प्रबंधन की रेखा के आधार पर, उपचार की अवधि हर जोड़े के लिए अलग-अलग होती है।

टेस्ट ट्यूब बेबी प्रेगनेंसी क्या है? टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक की जानकारी

जवाब: टेस्ट ट्यूब बेबी प्रेगनेंसी एक प्रकार की एडवांसड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी है जिसमें स्त्रीबीज और शुक्राणुओं का मिलन शरीर के बहार लैब में किया जाता है। जिसके बाद बने स्वस्थ भ्रूण को स्त्री के गर्भाशय में डाला जाता है और गर्भावस्था की आगे की प्रक्रिया पूरी होती है। यह तकनीक इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के नाम से भी जाना जाता है।

टेस्ट ट्यूब बेबी और आईवीएफ में क्या अंतर है?

जवाब: बात बस इतनी है के सालो पहले आईवीएफ को टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से जाना जाता था। अगर आसान भाषा में कहें तो टेस्ट ट्यूब बेबी का विकसित नाम आईवीएफ है।

टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक में किसके स्पर्म यूज किए जाते है?

जवाब: टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक में आपके पार्टनर के स्पर्म यूज किए जाते है पर यदि आपके पार्टनर के स्पर्म्स से प्रक्रिया सक्सेसफुल न हो पाए तो डॉक्टर आपको डोनर स्पर्म के उपयोग का सुझाव दे सकते है।

टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का सक्सेस रेट क्या है?

जवाब: उपचार सुविधाओं और सक्षम डॉक्टरों की उपलब्धता के साथ, भारत के प्रोजेनेसिस फर्टिलिटी सेंटर टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का सक्सेस रेट 80-85% सुनिश्चित करता है।

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