इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है – कारण, लक्षण, जांच और उपचार

erectile dysfunction in hindi
यदि ED की वजह से आप इनफर्टिलिटी की समस्या से जुंज रहे है, तो आपको उपचार की जरुरत है।  इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की केस में कुछ दवाइयो से हार्मोनल इम्बैलेंस जैसी शारीरिक और मानसिक बदलाव का इलाज किया जाता है। जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या दूर होकर आप माँ-पापा हो सकते है।

Share This Post

यदि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह से आप इनफर्टिलिटी की समस्या से जुंज रहे है, तो आपको उपचार की जरुरत है।  इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की केस में कुछ दवाइयो से हार्मोनल इम्बैलेंस जैसी शारीरिक और मानसिक बदलाव का इलाज किया जाता है। जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या दूर होकर आप माँ-पापा हो सकते है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है?

इरेक्टाइल डिसफंक्शन ये एक पुरुष के यौन संबंधीत बिमारी है। सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान इरेक्शन न होने की वजह से पेनिट्रेशन में दिक्कत आने की समस्या को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कहा जाता है। आम भाषा में इसको स्तंभन/नंपुसकत्व/इम्पोटन्स भी कहा जाता है। जब किसी पुरुष को इरेक्शन बिलकुल भी नहीं होता या फिर बहुत ही कम समय के लिए होता है तो उसे इरेक्शन डिस्फंक्शन (erectile dysfunction) कहते है; जो की एक सेक्सुअल बीमारी है।आपको भी इरेक्शन की वजह से फर्टिलिटी समस्या है तो त्वरित संपर्क करे

इरेक्टाइल डिसफंक्शन से क्या होता है?  

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का असर आपके लैंगिक जीवन को प्रभावित करता है। साथ ही बच्चा होने में दिक्कत खड़ी करता है। क्योंकि सेक्स के दौरान इरेक्शन बिलकुल ही नहीं होता है और अगर कुछ केसेस में होता भी है तो पुरुष इरेक्शन को बरकरार नहीं रख पाता है। इरेक्शन कुछ सेकंड के अंदर ही खत्म हो जाता है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की बीमारी या स्थिति में पुरुष का पुरुषत्व ख़त्म होता है; या कमजोर पड़ता है। जिसमे किसीभी पुरुष को तक़लीफ़ी दौर से गुजरना पड़ता है। क्योंकि ED प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करता है। जिस वजह से बच्चे होने में भी दिक्कत आती है। साथ ही पुरुष को सामाजिक परिस्थिति का सामना करना पड़ता है।

इरेक्शन कैसे काम करता है?

कामोत्तेजन (सेक्स अराउजल) के दौरान कुछ शारीरिक बदलाव आते है, जिस की वजह से लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है। ‘कॉर्पस कोवर्नोसम’ से बने शिश्न में रक्त दो स्तंभन कक्षों में प्रवाहित होता है। जिससे इरेक्शन होता है। इस समय ‘स्पॉन्जी टिश्यू’ रिलैक्स होते है जिससे लिंग खोकला नहीं होता। इसके आलावा जब आप यौन उत्तेजित नहीं होते है तब लिंग खोकला होता है। गर्मी, ठण्ड, चिंता, स्ट्रेस इसका प्रभाव इरेक्शन पर पड़ता है और पुरुष इसे महसूस कर सकते है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या किसे होती है ? 

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या किसी भी उम्र के पुरुष को हो सकती है लेकिन आमतौर पर यह समस्या 40 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में ज्यादा देखी जाती है। 40 से 70 साल के आयु वर्ग में करीब 60% पुरुषों में कुछ हद तक यह समस्या पाई जाती है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन पर क्या उपचार किया जाता है?  

जैसे हमने देखा की इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के अनेक कारन होते है।  जैसे कारन हो वैसा उपचार किया जाता है।

  1. ओरल मेडिकेशन : हार्मोनल बॅलन्स के लिए दिए जाते है।
  2. सेक्स थेरेपी
  3. पेनाइल इंजेक्शन : इंट्राकेवर्नोसल इंजेक्शन
  4. वैक्यूम डिवाइस
  5. इंट्रायूरेथरल मेडिकेशन
  6. सर्जरी : इसमें पेनाइल इम्प्लांट किया जाता है।
  7. टेस्टेस्टोरॉन रिप्लेसमेंट सर्जरी
  8. एरोबिक एक्सरसाइज
  9. सायकोलॉजिकल काउंसेलिंग

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के प्रकार

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी नपुंसकता 2 तरह की होती है- शॉर्ट टर्म और लॉर्ग टर्म।

शॉर्ट टर्म ED

इस प्रकार में ED की समस्या कुछ समय या कुछ दिनों के लिये रहती है। जिसका सम्बन्ध आपकी शारीरिक या मानसिक स्थिति बाहरी बदलाव से प्रभावित होती है। जैसे की स्ट्रेस, थकान, चिंता, काम का प्रेशर, मूड, लाइफस्टाइल में हुआ नकारात्मक बदलाव, घर में किसी ट्रौमे का होना आदि चीजों से इरेक्टाइल फंक्शन में दिक्कत आती है। कभी कभी तो किसी दवा के दुष्प्रभाव से या फिर कई बीमारियाँ जैसे वस्क्यूलर, न्यूरोलॉजिकल बीमारियाँ, डायबीटीज या प्रॉस्टेट संबंधी उपचार, सर्जरी इन चीजों से भी ED की समस्या हो सकती है। 

लॉन्ग टर्म ED

इस प्रकार में ED की समस्या अधिक समय के लिए बानी रहती है।  अगर ये समस्या अधिक समय के लिए बानी रहे तो इसके पीछे कोई शारीरिक बिगड़ाव हो सकता है।  ये जानकार डॉ. से जांच कर लेनी चाहिए।  कभी कभी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का कम हो जाने से सेक्शुअल भावनाये कम हो जाती है।  और कभी कभी स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोईल की मात्रा ज्यादा होने से इंसान तनाव मेहसुन करता है और ED की समस्या हो सकती है।  ऐसे कोई शारीरिक बदलाव से लॉन्ग टर्म इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समाया बानी रहती है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के शारीरिक एवं मानसिक कारण होते है ।

  • लिंग में पर्याप्त रक्त प्रवाहित नहीं हो पाता है। कठोर धमनियां, हृदय रोग, उच्च रक्त शर्करा (मधुमेह) और धूम्रपान जैसे कई स्वास्थ्य समस्याएं लिंग में रक्त के प्रवाह को कम कर सकती हैं।
  • इरेक्शन के दौरान लिंग रक्त को नहीं रोक सकता है। यदि लिंग में रक्त नहीं रहता है, तो पुरुष इरेक्शन नहीं रख सकता है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है।
  • मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी (स्पाइनल कॉर्ड) से तंत्रिका संकेत (नर्व्ह सिग्नल) लिंग तक नहीं पहुंच पाते हैं। श्रोणि क्षेत्र में कुछ बीमारियाँ, चोट या सर्जरी लिंग की नसों को नुकसान पहुँचा सकती हैं।
  • मधुमेह : मधुमेह के कारण शिश्न में छोटी वाहिका रोग या तंत्रिका क्षति हो सकती है।
  • पेल्विस कैंसर: पेल्विस के पास कैंसर हो या ट्रीटमेंट लिया हो तो उसका असर लिंग की कार्यक्षमता पर होता है, पेट के निचे का हिस्सा और पेनिस में कैंसर हो और इलाज के दौरान सर्जरी, रेडिएशन किया हो तो ED की समस्या जन्म लेती है ।
  • यदि आपने प्रोस्टेट, कोलन-रेक्टल या ब्लैडर कैंसर का इलाज किया हो तो आपको ED का अनुभव हो सकता है ।
  • अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं इरेक्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। यदि आप किसी बीमारी की दवाइया लेते है और इसके बाद आप ED से सम्बंधित बदलाव महसूस करते है तो आपको डॉक्टर को बताना जरुरी होता है।
  • लो लेवल ऑफ नायट्रोजन ऑक्साइड : शरीर में नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा का कम होना ED का कारण हो सकता है।
  • परसिम्पटोमैटिक सिस्टम: ये सिस्टम आपकी बॉडी में हेल्थी इरेक्शन एक्टिव्ह करने का काम करता है। यदि ये सिस्टिम डोमिनेट हो जाता है तो आपको ED का अनुभव हो सकता है। 
  • जंतुसंसर्ग : पेनीज में इंफेक्शन की वजह से ED समस्या हो सकती है। 

ED के मानसिक कारण

  • स्ट्रेस : काम या पैसो का तनाव, शादी से जुडी समस्य या फिर लाइफ में अनुभव किया ट्रॉमा आदि चीजों से तनाव बढ़ना.
  • चिंता : अगर इंसान एक बार ED का अनुभव करता है तो उसे चिंता लगी रहती है की वो ED को फिरसे अनुभव न कर जाए। इस चिंता की बीमारी से ED हो सकता है।
  • डर : अगर आप सेक्शुअल फियर/डर महसूस करते है तो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होता है।
  • गिल्ट : अगर पार्टनर को सटिस्फैक्शन ना करने का गिल्ट है। 
  • डिप्रेशन : डिप्रेशन एक ऐसी बिमारी है जिससे इंसान में शारीरिक और मानसिक समस्या उत्पन्न होती है।  डिप्रेशन की केस ED को प्रभावित करती है।  अगर आप डिप्रेशन के इलाज के लिए दवाइया ले रहे है तो आप ED महसूस कर सकते है। 
  • लो सेल्फ एस्टीम : आत्मसम्मान का कम होना ED को प्रभावित करता है। 
  • उदासीनता : किसी बीमारी की दवाइया या फिर उम्र ज्यादा होने से लैंगिक उदासीनता आती है। और व्यक्ति ED अनुभव करता है।
  • मॅरिटल कॉन्फ्लिक्टस : शादीशुदा जिंदगी में पार्टनर के साथ रिलेशनल इश्यूज है या फिर पार्टनर पसंद नहीं है तो इस कॉनफ्लिक्ट्स के वजह से ED का अनुभव होता है।

ED के अन्य कारण

किसी भी तरीके का व्यसन या फिर बड़ी बीमारी की दवाइया ED का कारण हो सकती है।

  • अल्कोहल
  • एम्फ़ैटेमिन्स
  • बार्बिटुरेट्स
  • कोकीन
  • मारिजुआना
  • मेथाडोन
  • निकोटीन
  • ओपियेट्स आदि ड्रग से ED हो सकता है।

ED के उपचार में कोनसी टेस्ट्स करवाए जाते है ?

  1. CBC , लिव्हर एंड किडनी सेंटर, लिपिड प्रोफ़ाइल, थायरॉइड, ब्लड हार्मोन आदि ब्लड टेस्ट
  2. यूरिन एनालिसिस
  3. ड्यूप्लेक्स अल्ट्रासाउंड
  4. बल्बोकावर्नोसस रिफ्लेक्स
  5. NPT (नाक्टर्नल पेनियल ट्यूमेसेंस)
  6. कैवर्नोसोग्राफी
  7. आर्टेरियोग्राफी

FAQs

१) मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन है?

सेक्स की इच्छा में कमी, इरेक्शन बनाए रखने में असमर्थता, इरेक्शन पाने में असमर्थता ज्यादा समय के लिए अनुभव करते है तो आपको इरेक्टाइल डिस्फंक्शन है।

२) क्या इरेक्टाइल डिस्फंक्शन ठीक हो सकता है?

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लगभग सभी मामलों का उपचार किया जा सकता है।  उपचार रुग्न की शारीरिक और मानसिक स्थिति में भी सुधर लता है।  साथ ही शादीशुदा जोड़ियों के रिश्तो में भी सुधार आता है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के साथ गर्भधारना संभव है?

इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण क्या है, इस बात पर ED का ठीक होना निर्भर करता है। कुछ केसेस में दवाइयो से ED का उपचार करके फर्टिलिटी समस्या का हल हो सकता है। कुछ केसेस में आधुनिक उपचार या सर्जरी की जरुरत पड़ती है। और कुछ केसेस में ED का कारन मानसिक बीमारी है तो सायकोलॉजिकल उपचार की जरुरत होती है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिये क्या करे, क्या ना करे?

पालक, ब्रोकोली, लेट्युस, बिट, गाजर खाणे से बॉडी में NO कि मात्र बढ जाती है।  साथ ही लहसुन, मटन, डार्क चॉकलेट, नमकीन फल , तरबूजा, सीड्स और नट्स खानेसे इरेक्टाइल फंक्शन अच्छे से होता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से बचने के लिए शक्कर, अल्कोहोल का सेवन ना करे। ज्यादा स्ट्रेस से बचे। क्योकि इससे ऑथेरोस्क्लेरोटिक प्लाक डैमेज होता है और ED होता है। अच्छे इरेक्टाइल फंक्शन के लिए पूरी नींद भी जरुरी है।

Subscribe To Our Newsletter

Get updates and learn from the best

More To Explore

एनओव्यूलेशन (Anovulation) : पहचान, कारण और इलाज

एनओव्यूलेशन (Anovulation) एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला के मासिक चक्र (period cycle) के दौरान ओव्यूलेशन नहीं होता है, यानी कोई अंडाणु (egg) रिलीज नहीं होता। इस स्थिति में गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि अंडाणु के बिना गर्भधारण संभव नहीं होता।

Essential Nutrients Your Body Needs When Pregnant

During pregnancy, you provide all of the nutrition your baby requires. As a result, you may need more nutrients in your body while you’re pregnant. Taking prenatal vitamins and eating healthy foods will help you get all the nutrients you and your baby require throughout your pregnancy.