सलाह यह है, कि यदि आप गर्भनिरोधक सर्जरी के बाद गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। क्योंकि वे आपको आपकी विशिष्ट स्थिति के लिए एक ‘प्रभावी उपचार योजना’ दे सकते हैं।
ट्यूबल लिगेशन शस्त्रक्रिया क्या है?
ट्यूबल लिगेशन एक गर्भनिरोधक शस्त्रक्रिया है, जो महिलाओं में या पुरुषों में भी की जा सकती है।
महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब यानि गर्भनलिकाओं को बांधा, काटा या ब्लॉक किया जाता है। जिससे शुक्राणु को ट्यूब में जाने से रोका जाता है।
ठीक इसी तरह पुरुषों में शुक्राणु ले जाने वाली छोटी नलिकाओं को काटा या ब्लॉक किया जाता है। जिससे शुक्राणु को वीर्य में जाने से रोका जाता है। पुरुषों में होनेवाली गर्भनिरोधक शस्त्रक्रिया को ‘वैसेक्टोमी’ कहा जाता है।
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ट्यूबल लिगेशन के बाद इन ट्रिटमेंट से हो सकती है गर्भावस्था:
1) वासेक्टोमी रिव्हर्सल सर्जरी :
जो पुरुष नसबंदी करवा चुका है, और अब पिता बनने की इच्छा रखता है, तब ऐसी स्थिति में ‘वैसेक्टोमी रिव्हर्सल सर्जरी’ एक सही विकल्प होता है। इस सर्जरी प्रक्रिया में नस (व्हास डिफ़रेंस) के कटे हुए सिरों को फिर से जोड़ा जाता है। इस तरीके से शुक्रणुओंको वीर्य में जाने का रास्ता मिलता है। इस तरीके से कोई पुरुष नैचरल तरीके से पिता बन सकता है।
लेकिन याद रहे नैचरल कंसेप्शन के लिए –
- आपकी आयु कम होनी चाहिए।
- आपको या आपके साथी को अन्य वन्ध्यत्व समस्या मौजूद नहीं होनी चाहिए।
- वासेक्टोमी सर्जरी करके ज्यादा वर्ष नहीं होने चाहिए
वैसेक्टोमी रिवर्सल सर्जरी आधुनिक फर्टिलिटी क्लिनिक में करना जरुरी है। क्यों की इसमें अंडकोश में रक्तस्राव, संक्रमण के साथ गंभीर या लगातार दर्द होने की जोखिम रहती है।
सर्जरी के ३ दिन बाद आप ऑफिस का काम शुरू कर सकते है। ४ सप्ताह तक एज्यक्युलेशन या कठिन काम करने से बचना है। और दर्द या सूजन होनेपर अपने डॉक्टर से संपर्क करना है।
2) ट्यूबल लिगेशन रिव्हर्सल सर्जरी
‘ट्यूबल लिगेशन रिव्हर्सल सर्जरी’ एक ऐसी सर्जरी है – जहां एक कुशल सर्जन पहले से बंधी या अवरुद्ध हो चुकी फैलोपियन ट्यूब को फिर से जोड़ता है। इसके बाद शुक्राणु आसानी से फैलोपियन नलिकाओं में प्रवेश कर सकते है। इस प्रक्रिया की सफलता दर उच्च है और यह आपको प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने का सर्वोत्तम मौका दे सकती है।
लेकिन याद रहे नैचरल कंसेप्शन के लिए –
- आपकी आयु ३५ से कम होनी चाहिए।
- आपको ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कैंसर जैसी अन्य शारीरिक बीमारियां नहीं होनी चाहिए।
- आपके रीप्रोडक्टीव्ह ऑर्गन की स्थिति और फर्टिलिटी स्वस्थ्य सही होना चाहिए।
- आपका ओवरियन रिज़र्व यानि स्त्रीबीजों की संख्या एवं गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए।
‘ट्यूबल लिगेशन रिवर्सल’ आम तौर पर अधिक महंगा होता है और इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसे अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की तुलना में ट्यूबल लिगेशन रिवर्सल में जटिलताओं की जोखिम अधिक होती है।
3) इन विट्रो फर्टिलायझेशन (IVF)
जब महिलाओं में ट्यूबल लिगेशन रिवर्सल सर्जरी की गई है तब IVF कैसे मदत करेगा? आइए इस बारे में जानते है।
IVF फैलोपियन ट्यूब को पूरी तरह से बायपास कर देता है। यानि गर्भधारण की प्रक्रिया में फैलोपियन ट्यूब का कोई काम नहीं बचता। आयव्हीएफ प्रक्रिया में ओवरियन स्टिम्युलेशन दवाइयों से स्त्रीबीजों का विकास कराना, मच्यूअर स्त्रीबीज निकलना, शुक्राणु कलेक्शन, लैब में स्त्रीबीज और शुक्राणु का निषेचन करना और भ्रूण बनाना (एम्ब्रियो फॉर्मेशन) शामिल होता है। यह एम्ब्रियो माता की स्थिति ठीक होनेपर और यूटेरियन लायनिंग अच्छी होनेपर गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है। जिससे एक महिला को गर्भनिरोधक शस्त्रक्रिया के बाद भी गर्भवती होना संभव होता है।
जब पुरुषों में वैसेक्टोमी रिवर्सल सर्जरी हुई है और नैचरल कंसेप्शन नहीं हो रहा है तो इस स्थिति में भी IVF यानि इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन प्रक्रिया से गर्भधारण की सम्भावना कई गुना बधाई जाती है।
4) IVF-ICSI
इक्सी यानि इंट्रा सायटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन। जब वैसेक्टोमी सर्जरी के साथ साथ किसी पुरुष में अन्य शुक्राणु समस्याए पाई जाती है, या आयु अधिक होती है, तब इक्सी जैसी एडवांस टेक्निक मददगार होती है।
शुक्राणुओं की कमी, शुक्राणु की गति कम होना, मॉर्फोलॉजी ख़राब होना या आयव्हीएफ इलाज फेल हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर इक्सी का सुझाव देते है।
इक्सी प्रक्रिया में माइक्रोपिपेट (सूक्ष्म इंजेक्शन) की मदत से शुक्राणु को उठाया जाता है और सीधे स्त्रीबीज यानि ओवम में इंजेक्ट किया जाता है। जिससे गर्भ बनता है। इस एम्ब्रियो को माता के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है। इस प्रक्रिया का सक्सेस रेट सबसे ज्यादा होता है।
5) स्पर्म रिट्रिवल तकनीक
जब पुरुषों में वैसेक्टोमी सर्जरी हुई है और नैचरल कंसेप्शन के कोई चांसेस नहीं होते है तब डॉक्टर IVF का सुझाव देते है।
इस स्थिति में IVF के साथ एडवांस स्पर्म रिट्राइवल टेक्निक का उपयोग शामिल होता है। क्योंकि व्हास डिफ़रेंस बंद होनेसे नैचरल तरीके से शुक्राणु कलेक्ट नहीं किए जा सकते। ऐसी स्थिति में TESA /PESA /MESA /TESE /माइक्रो TESE जैसे स्पर्म रिट्राइवल तंत्र का इस्तेमाल करके शुक्राणु लिए जाते है। सुई के माध्यम से ऊतकों से सीधे शुक्राणुओं को निकला जाता है।
इस तरीके से शुक्राणु कलेक्ट करते है साथ ही महिला के स्त्रीबीज निकालकर उन्हें लैब में निषेचित किया जाता है। इस तरीके से बनाए भ्रूण को माता के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है।
अधिक सर्च किए जानेवाले प्रश्न :
१) क्या आप ट्यूबल लिगेशन रिवर्सल के बाद गर्भवती हो सकती हैं?
३५ वर्ष से कम उम्र की महिला के रिवर्सल सर्जरी के बाद दो साल के भीतर गर्भवती होने की ५०-८०% संभावना होती है।
२) गर्भनिरोधक शस्त्रक्रिया के बाद गर्भधारण के लिए परिणामकारक इलाज कौनसा है?
आयव्हीएफ या एडवांस आयव्हीएफ इलाज गर्भधारण के लिए अधिक सुरक्षित एवं गर्भधारण की सम्भावना बढ़ानेवाला इलाज है। क्यों की ट्यूबल लिगेशन रिवर्सल सर्जरी या वैसेक्टोमी सर्जरी में जोखिम हो सकती है।