क्या तनाव गर्भावस्था की सम्भावना को प्रभावित करता है?

क्या तनाव गर्भावस्था की सम्भावना को प्रभावित करता है
आइए तो जानते है, तनाव इनफर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करता है? कौनसे तनाव फर्टिलिटी हेल्थ पर असर करते है? तनाव के स्थिति में कौनसी रासायनिक क्रियाए शरीर में घटती है? स्ट्रेस रिडक्शन कैसे करे? इनफर्टिलिटी स्ट्रेस को कैसे मैनेज करे? और फर्टिलिटी क्लिनिक आपकी मदत कैसे करेगा? ऐसी और जानकारी के लिए अंत तक बने रहे।

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आपको जानकर हैरानी होगी की तनाव अच्छे भी होते है और बुरे भी। कुछ हद तक तनाव लेनेपर व्यक्ति का विकास होता है। लेकिन अगर यही तनाव बढ़ जाए तो वे आपके शारीरक-मानसिक और फर्टिलिटी सेहत पर बुरा असर करता है। हर किसी की दिनचर्या तनाव से भरी होती है लेकिन हर तरह का तनाव फर्टिलिटी पर असर नहीं करता।

आइए तो जानते है, तनाव इनफर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करता है? कौनसे तनाव फर्टिलिटी हेल्थ पर असर करते है? तनाव के स्थिति में कौनसी रासायनिक क्रियाए शरीर में घटती है? स्ट्रेस रिडक्शन कैसे करे? इनफर्टिलिटी स्ट्रेस को कैसे मैनेज करे? और फर्टिलिटी क्लिनिक आपकी मदत कैसे करेगा? ऐसी और जानकारी के लिए अंत तक बने रहे।

तनाव क्या होता है? कैसे पहचाने?

तनाव को किसी कठिन परिस्थिति के कारण होने वाली चिंता या मानसिक तनाव की स्थिति के रूप में जाना जाता है। तनाव ‘शॉर्ट टर्म’ या ‘लॉन्ग टर्म’ भी हो सकता है।

तनाव को कैसे पहचाने? चिड़चिड़ापन, डर, नैराश्य, थकान, यौन इच्छा में कमी, सेक्स्युअल डिस्फंक्शन, हारा हुआ महसूस करना ऐसे लक्षण दिखाई देनेपर दुर्लक्ष्य न करे। इनफर्टिलिटी स्ट्रेस की स्थिति में फर्टिलिटी डॉक्टर से परामर्श करे।

‘तनाव’ से वन्ध्यत्व समस्या हो सकती है?

तनाव एक महिला की गर्भवती होने की क्षमता को प्रभावित करता है। लेकिन यह भी सच है की, ‘तनाव’ अकेले इनफर्टिलिटी को प्रभावित नहीं कर सकता। अध्ययनों से पता चला है की, डिप्रेशन (अवसाद) की बीमारी से गुजरने वाली महिलाओं में इनफर्टिलिटी की सम्भावना दोगुनी होती है। इसके आलावा चिंता (anxiety) गर्भधारण में कठिनाई पैदा करती है। गर्भधारण के समय को बढ़ा सकती है।

तनाव के प्रकार

घर के तनाव, पर्यावरणीय तनाव, भावनिक तनाव, जॉब से सम्बंधित तनाव, बच्चे के तनाव, या फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के सक्सेस को लेकर तनाव, सेक्स्युअल इंटरकोर्स से जुड़े तनाव, ऐसे तनाव के कई प्रकार होते है।

  1. तीव्र तनाव (Acute Stress)  कम समय के लिए अनुभव होते है, जो शारीरिक, मानसिक या फर्टिलिटी सेहत पर असर नहीं करते।
  2. एपिसोडिक तीव्र तनाव (Episodic Acute Stress) के लक्षण व्यक्ति कुछ स्थितियों में या समय में अनुभव करते है।
  3. क्रोनिक तनाव (Chronic Stress) को व्यक्ति निरंतर अनुभव करती है।
  4. अंक्साइटी : कुछ तनाव व्यक्ति को चिंता में डालते है।
  5. डिप्रेशन : कुछ तनाव व्यक्ति को नैराश्य की स्थिति में डाल देते है। 

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तनाव फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करता है ?

जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तो हमारे शरीर से ‘कोर्टिसोल’ नामक हार्मोन निकलता है, जो गर्भधारण प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ‘कोर्टिसोल हार्मोन’ अन्य ‘रीप्रोडक्टीव्ह हार्मोन’ के निर्माण में हस्तक्षेप करता है। जिसमे टेस्टेस्टेरोन, प्रोजेस्टेरोन, इस्ट्रोजन, एण्ड्रोजन, प्रोलैक्टिन का समावेश होता है। इस प्रकार का हार्मोनल संतुलन इनफर्टिलिटी समस्या निर्माण करता है।

स्ट्रेस का फर्टिलिटी स्वास्थ्य पर परिणाम

  • अनियमित मासिक धर्म
  • ओवुलेशन न होना
  • अनियमित ओवुलेशन समस्या
  • पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन नहीं होना या कम होना।
  • शुक्राणु की गुणवत्ता ख़राब होना।
  • तनाव से बचने के लिए अल्कोहोल का सेवन करनेपर प्रजनन क्षमता घटती है।
  • स्त्रीबीज की संख्या और गुणवत्ता कम होना
  • तीव्र तनाव फॉलिक्युलर स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (FSH) और ल्यूटेनाइज़िंग हार्मोन (LH) की मात्रा पर असर करता है। जिससे ओवरी में एग मैच्यूअर होना या रिलीज होना (ओवुलेशन) रुक जाता है।

तनाव कम करनेपर फर्टिलिटी स्वास्थ्य में सुधार होता है?

तनाव को प्रबंधित करने से फर्टिलिटी क्षमता में सुधार हो सकता है। इस बात को ध्यान रखते हुए ‘प्रोजेनेसिस फर्टिलिटी सेंटर’ में ‘लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन’ पर लक्ष्य केंद्रित किया जाता है। जिसमे आहार, व्यायाम के साथ ‘स्ट्रेस रिडक्शन’ के लिए कुछ टिप्स दिए जाते है। आधुनिक वैद्यकीय उपचारों के साथ लाइफस्टाइल पर ध्यान देनेसे गर्भधारण की सम्भावना बढ़ती है।

कई अध्ययनोसे पता चला है की, माइंड-बॉडी इनफर्टिलिटी प्रोग्राम (Mind-Body Infertility) से वन्ध्यत्व से जुडी महिलाओं में गर्भावस्था दर में सुधार आया है। Source: https://www.mayoclinichealthsystem.org/

इनफर्टिलिटी के कारण तनाव होनेपर क्या उपाय करे?

  1. सीखना (Learn) : वन्ध्यत्व समस्या को समझे। वन्ध्यत्व से गुजरने वाले कपल्स से बात करे। लक्षण एवं लक्षणों की तीव्रता पर गौर करे। और तनाव से उबरने के लिए मौजूद विकल्प ढूंढे।
  2. सम्भाषण (Communicate) : इनफर्टिलिटी को लेकर आप के मन में क्या चिंता है, क्या दुःख है, या आप कैसे महसूस करते है इस बारे में आपके पार्टनर, मित्र या कुटुम्बजनों से सम्भाषण करे।
  3. रिलैक्सेशन टेक्निक :  तनाव (psychological stress) के दौरान व्यक्ति २ तरीके का वर्तन करता है। तनाव में लड़ता है बाद में विश्राम करता है। इस मनोवैज्ञानिक थेअरी को ध्यान में रखते हुए, तनावपूर्ण स्थिति में गहरी साँस लेना, ध्यान लगाना, ओमकार करना, रिलैक्सेशन म्युजिक सुननेपर शरीर की मांसपेशिया विश्राम की स्थिति में जाती है। इससे तनाव कम होता है।
  4. पूरी नींद ले : अच्छी क्वालिटी की नींद ७-८ घंटे लेनेपर तनाव कम होता है।
  5. सेक्स्युअल स्ट्रेस कम करे : वन्ध्यत्व से जुडी समस्या वाले दम्पतियों में यौन सम्बन्ध में तनाव आम होता है। सेक्स्युअल स्ट्रेस होनेपर गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है। ऐसी स्थिति में मनोवैज्ञानिक से परामर्श करे।
  6. स्वस्थ आहार बनाए रखें : तनाव में कुछ लोग कम खाते है तो कुछ लोग ज्यादा खाते है। कुछ लोगो का अस्वास्थ्यकर खाना खाने का मन करता है। इससे शरीर में उपयुक्त घटकों की मात्रा कम होती है। वजन कम हो सकता है। वजन बढ़ सकता है।

जो महिलाएँ साबुत अनाज, ओमेगा -3 फैटी एसिड, समुद्री भोजन और सोया से भरपूर आहार का सेवन करती हैं, उनके गर्भवती होने की संभावना अधिक होती है।

फर्टिलिटी क्लिनिक आपकी सहायता कैसे करेगा?

आपकी उम्र ३५ से ज्यादा होनेपर ६ महीने तक प्रयास करने के बावजूद या आपकी उम्र ३५ से कम होनेपर १ साल तक प्रयास करने के बावजूद आपको गर्भधारण करने में कठिनाई है तो आपको वन्ध्यत्व समस्या होती है। इस स्थिति में बिना समय गवाए फर्टिलिटी डॉक्टर से कंसल्टेशन करना जरुरी होता है।

  • फर्टिलिटी क्लिनिक में आपकी वन्ध्यत्व समस्या का डिटेल स्टडी होगा। डॉक्टर केस हिस्टरी लेंगे, जिसमे अनुवांशिकता, जन्मजात दोष, क्रोनिक बीमारिया, पूर्व दवाइया, पूर्व सर्जरी जैसी स्थिति पर परामर्श होगा।
  • जरुरत अनुसार ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, सीमेन एनालिसिस या कुछ स्थितियों में लैप्रोस्कोपी, हिस्टेरोस्कोपी, हिस्टॅरोसलपिंगोग्राफी, वजाइनल सोनोग्राफी, स्क्रोटम अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट कर वन्ध्यत्व का समाधान (dignosis) किया जाएगा।
  • विशेषता यह है की महिला और पुरुष दोनों के टेस्ट किए जाते है।
  • आपके स्थिति अनुसार आपको ‘पर्सनलाइज ट्रीटमेंट प्लान’ दिया जाएगा। जिसमे ओवुलेशन इंडक्शन, ओवुलेशन मॉनिटरिंग, IUI, IVF, IVF-ICSI, ब्लास्टोसिस्ट ट्रांसफर, LAH, PRP जैसे एडवांस तकनीकों का समावेश होता है।

फर्टिलिटी उपचार से क्या होगा?

  • सफल गर्भधारण की संभावनाए बढ़ेगी।
  • गर्भपात की सम्भावना कम होगी।
  • स्वस्थ बच्चे के जन्म की सम्भावना बढ़ जाती है।
  • अनुवांशिक विकार (genetic disorder) दूर हो सकते है। 
  • फर्टिलिटी स्वास्थ्य जतन कर सकते है।
  • ब्लास्टोसिस्ट ट्रांसफर से १ से अधिक बच्चे होने की सम्भावना कम होती है।

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तनाव में ART तकनीक की भूमिका

– सहायक रीप्रोडक्टीव्ह तकनीक (ART) वन्ध्यत्व से जूझ रहे कई जोड़ों को आशा प्रदान करती हैं। हालाँकि यह भी सच है की IVF या फर्टिलिटी उपचारों के दौरान तनाव होनेपर उपचारों की सफलता प्रभावित हो सकती है। इस बात को ध्यान रखते हुए डॉक्टर उपचार दौरान तनाव से दूर रहने की सलाह देते है।

अधिक सर्च किए जानेवाले प्रश्न

१) क्या तनाव वन्ध्यत्व का कारण बन सकता है?

जवाब : हाँ, दीर्घ तनाव वन्ध्यत्व में योगदान कर सकता है। तनाव हार्मोनल संतुलन को बाधित कर सकता है, मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है और पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन कार्य को प्रभावित कर सकता है। हालाँकि अकेले तनाव बांझपन का एकमात्र कारण नहीं हो सकता है।

२) स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक कौनसी है?

जवाब : विभिन्न तनाव प्रबंधन तकनीकें हैं जिनका उपयोग व्यक्ति फर्टिलिटी स्वस्थ्य में सुधार के लिए कर सकते हैं। जैसे CBT (कॉग्निटिव्ह बिहेविअरल थेअरी), रिलैक्सेशन टेक्निक, सेल्फ केयर एक्टिविटीज, Mind-body टेक्निक, REBT, मिंडफुलनेस जैसे तकनीक तनाव कम कर सकती है।

३) क्या इनफर्टिलिटी का अनुभव होने पर तनावग्रस्त और ओव्हरवेल्मिंग महसूस करना सामान्य है?

जवाब : हां, इनफर्टिलिटी के दौरान तनावग्रस्त और ओव्हरवेल्मिंग महसूस करना पूरी तरह से सामान्य है। प्रजनन चुनौतियों का भावनात्मक प्रभाव महत्वपूर्ण हो सकता है, और इन भावनाओं को स्वीकार करना और उनका समाधान करना आवश्यक है।

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