गर्भधारण करने में समस्या? जानिए सबसे मददगार उपचार

गर्भधारण करने में समस्या
शुरुवाती समय में स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, थोडासा मोटापा कम करनेपर या ऐसेही कुछ प्रायमरी प्रिकॉशंस से नैसर्गिक गर्भधारण का प्रयास कर सकते है।  इसके आलावा फर्टिलटी विशेषज्ञों की मदत कब लेनी है इसके बारे में जानने के लिए अंत तक बने रहे।

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गर्भवती होना हमेशा एक सरल और त्वरित प्रक्रिया नहीं होती है। कंसेप्शन एक कॉम्प्लिकेटेड प्रक्रिया है। गर्भधारण में महत्त्वपूर्ण अवयव (Reproductive Organs), उनका का और गर्भधारण का सही समय जानना जरुरी है।

शुरुवाती समय में स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, थोडासा मोटापा कम करनेपर या ऐसेही कुछ प्रायमरी प्रिकॉशंस से नैसर्गिक गर्भधारण का प्रयास कर सकते है।  इसके आलावा फर्टिलटी विशेषज्ञों की मदत कब लेनी है इसके बारे में जानने के लिए अंत तक बने रहे।

गर्भाधान करने में मददगार

  1. स्वस्थ वजन बनाए रखें : मोटापे से हार्मोनल इम्बैलेंस, शारीरिक बीमारिया बढ़ने का खतरा होता है। महिलाओं में सूजन और मिसकैरेज का खतरा होता है। तो पुरुषों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे मधुमेह और उच्च रक्तचाप के साथ हार्मोनल इम्बैलेंस की वजह से टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन की गिरावट, शुक्राणुओं की संख्या और क्षमता में कमी होने के साथ इरेक्शन सम्बंधित समस्याएं हो सकती है। इसलिए वजन नियंत्रित रखे।
  2. व्यसन न करे : स्मोकिंग या अल्कोहोल कन्सम्प्शन से शुक्राणु की गुणवत्ता कम होती है और फर्टिलिटी समस्या निर्माण होती है। इसलिए व्यसन से बचे।
  3. संतुलित एवं पोषक तत्त्वोंसे भरपूर आहार का सेवन : आयर्न (to grow blood levels), कॅल्शियम, व्हिटॅमिन डी, ओमेगा ३ (DHA), व्हिटॅमिन सी, झिंक से भरपूर पदार्थों का सेवन करे। नट्स, ताजे फल, हरी सब्जिया, साबुत अनाज, दाल, अंडे, दूध ऐसे हेल्थी पदार्थो का सेवन करे।
  4. इन चीजों का सेवन न करे : फ़ास्ट फ़ूड, जंक फ़ूड, प्रिजर्वेटिव, अल्कोहोल, चाय, कॉफी का सेवन कम करे।
  5. पूरी नींद ले : अच्छी नींद लेनेपर स्पर्म प्रोडक्शन में सुधार होता है। स्ट्रेस कम होता है। और फर्टिलिटी इम्प्रूव्ह होती है।
  6. स्ट्रेस से बचे : ‘तनाव’ महिला की गर्भधारण करने की क्षमता को प्रभावित करता है। ‘चिंता’ के कारण गर्भधारण करने में लगने वाला समय भी बढ़ सकता है। स्ट्रेस और डिप्रेशन से बचने के लिए मेडिटेशन, प्राणायाम करे। इसके अतिरिक्त काउंसलर, योगा ट्रेनर, सायको थेरेपिस्ट की मदत ले सकते है।
  7. व्यायाम करे : एक्सरसाइज करने से वजन नियंत्रित रहेगा, साथ ही रीप्रोडक्टीव्ह हेल्थ, फिजिकल हेल्थ और मेन्टल हेल्थ अच्छी रहेगी।

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मासिक धर्म चक्र को ट्रैक करे

अनियमितता पहचानना और डॉक्टर से कंसल्टेशन करना : अनियमित मासिक धर्म होनेपर गर्भधारण हो सकता है। कई अध्ययनों से पता चलता है की, ओवुलेशन का मासिक धर्म से सम्बन्ध नहीं होता। लेकिन अनियमित मासिक धर्म, कम या ज्यादा रक्तस्त्राव, और इससे जुडी समस्या होने का मतलब आपकी रीप्रोडक्टीव्ह हेल्थ सही नहीं है। प्रजनन अंगो के कार्य में बिघाड़ या किसी बीमारी का यह लक्षण हो सकता है। इसलिए अपना मासिक धर्म ट्रैक करे। अनियमित मासिक धर्म होनेपरडॉक्टर से कंसल्टेशन करना पहिली स्टेप होगी।

ओवुलेशन ट्रैकिंग

गर्भधारण में ओवुलेशन को समज़ना जरुरी होता है। क्योंकि ओवुलेशन पीरिएड में ही गर्भधारण हो सकता है। ‘ओवुलेशन’ यानि ओव्हरी एक एग रिलीज करती है। यह एग फर्टिलाइज़ेशन के लिए रेडी होता है।

महिला के शरीर में मच्यूअर एग २४ घंटे जिन्दा रह सकता है। और स्पर्म महिला के शरीर में ३ दिन तक जिन्दा रह सकता है। इसलिए ओवुलेशन के पहले २ दिन और ओवुलेशन का १ दिन आप कंसीव कर सकते है। इसे ‘ओवुलेशन विंडो’ कहा जाता है।

हर महिला का मासिक धर्म चक्र अलग होता है। इस हिसाब से ओवुलेशन पीरिएड भी अलग होता है।

जानिए ओवुलेशन ट्रैकिंग के कुछ तरीके :

  1. बॉडी बेसल टेम्परेचर : सुबह उठते ही बॉडी टेम्परेचर मेजर करे। ओवुलेशन काल में बेसल बॉडी टेम्परेचर बढ़ जाता है।
  2. डिजिटल ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट : सटीक तरीके से ओवुलेशन ट्रैकिंग करने के लिए डिजिटल ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट का इस्तेमाल करे। यूरिन ड्रॉप की मदत से यह किट LH हार्मोन की उपस्थिति देखता है। पोजिटिव्ह रिज़ल्ट होनेपर समझे की आप ओवुलेट है।
  3. ओवुलेशन मॉनिटरिंग : ओवुलेशन मॉनिटरिंग फर्टिलिटी क्लिनिक में किया जाता है। अल्ट्रासाउंड की मदत से एग डेवलपमेंट की निगरानी की जाती है। जैसे ही ओव्हरी एग रिलीज करती है डॉक्टर आपको इंटरकोर्स की सलाह देते है। इसके लिए बार बार क्लिनिक जाना पड़ता है।

मेडिकल और फर्टिलिटी उपचार की मदत

  1. फर्टिलिटी ट्रीटमेंट का सही समय : ३० तक की उम्र में एक साल तक प्रयास करने के बावजूद गर्भधारण नहीं होनेपर आपको वन्ध्यत्व समस्या होती है। ऐसी स्थिति में फर्टिलिटी डॉक्टर की सलाह ले। फर्टिलिटी डॉक्टर अनुभवी तज्ञ होते है जो महिला और पुरुष दोनों के फर्टिलिटी समस्या का निदान एवं यशस्वी उपचार कर सकते है।
  2. फर्टिलिटी मेडिकेशन : हार्मोनल इम्बैलेंस संतुलित करने के लिए, इन्फेक्शन्स या इन्फ्लेमेशन कम करने के लिए दवाइयाँ या इंजेक्शंस दिए जाते है। इसके आलावा फर्टिलिटी इम्प्रूव करने के लिए जरुरत अनुसार कुछ फर्टिलिटी दवाइयाँ देते है।
  3. ओवुलेशन इंडक्शन : इसकी मदद से अल्ट्रासाउंड की मदत से ओवुलेशन प्रक्रिया की निगरानी करते है। ओवुलेशन समस्या होनेपर स्त्रीबीज को बढ़ाने के लिए दवाइया देते है। जैसे ही ओवुलेशन होता है डॉक्टर सेक्स्युअल इंटरकोर्स की सलाह देते है। इस तकनीक से आप नैचरली कंसीव कर सकते है।
  4. ART तंत्रज्ञान : सहाय्यक पुनरुत्पादक तकनीक में IVF, IUI, IVF- ICSI / IMSI /PICSI, IVF – PGD /PGT, Micro TESE (Sperm retrieval technique), लैप्रोस्कोपी, हिस्ट्रोस्कोपी, हिस्टेरोस्कोपिक मायोमेक्टमी, SET – सिक्वेंशिअल एम्ब्रियो ट्रांसफर, LAH – लेजर असिस्टेड हैचिंग, ब्लास्टोसिस्ट ट्रांसफर ऐसे कई सारे विकल्प मौजूद होते है।

आपके स्थिति अनुसार आपकी समस्या का सटीक निदान कर डॉक्टर आपको पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट प्लान देते है। जिसमे ऊपर दिए गए ट्रीटमेंट ऑप्शन होंगे। आधुनिक तकनीक की मदत से गर्भधारण की सम्भावना बढ़ाई जाएगी।

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फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए क्या करे?

  • हाइड्रेटेड रहे
  • सर्व पोषक तत्त्वों से भरपूर पदार्थो का सेवन करे
  • पूरी नींद ले
  • एक्सरसाइज करे
  • मेडिटेशन करे
  • मोटापा घटाए
  • समय पर दवाई ले
  • इंफेक्शन से बचे

क्या न करे?

  • व्यसन न करे
  • चाय-कॉफी का सेवन कम करे
  • स्ट्रेस, चिंता, नैराश्य से बचे
  • गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन न करे

अधिक सर्च किए जानेवाले प्रश्न

गर्भधारण करने में आमतौर पर कितना समय लगता है?

जवाब : गर्भधारण करने का समय हर किसी के लिए अलग होता है। क्यों की हर एक की शारीरिक स्थिति अलग होती है।

कुछ सामान्य कारक क्या हैं जो फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकते हैं?

जवाब : आपकी जीवनशैली, स्वास्थ्य, आयु, जन्मजात दोष, आनुवंशिक विकार, के साथ रीप्रोडक्टीव्ह ऑर्गन से सम्बंधित विकार फर्टिलिटी पर प्रभाव डालते है।

क्या खाने से फर्टिलिटी क्षमता को बढ़ा सकते हैं?

जवाब : एंटीऑक्सिडेंट युक्त फल और सब्जियां, जैसे कि जामुन, पालक और ब्रोकोली से स्त्रीबीज और शुक्राणू कि गुणवत्ता बनाए रखने में मदत मिलती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड भी हार्मोन उत्पादन में सुधार कर सकता है और प्रजनन अंगों में रक्त के प्रवाह को बढ़ा सकता है।

मुझे फर्टिलिटी उपचार लेने के बारे में कब विचार करना चाहिए?

जवाब : यदि आप एक वर्ष से अधिक समय से सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं, तो फर्टिलिटी विशेषज्ञ से परामर्श लें। अनियमित मासिक धर्म, एंडोमेट्रियोसिस, PCOS जैसी ज्ञात स्वास्थ्य समस्याएं, फर्टिलिटी को प्रभावित करने वाली पिछली सर्जरी, जन्मजात विकार की स्थिति में बिना समय गवाए फर्टिलिटी डॉक्टर की मदत लेना फायदेमंद होगा।

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