यह नसें खून को सही तरीके से ले जाने में दिक्कत पैदा करती हैं, जिससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे दर्द, सूजन, या फर्टिलिटी (fertility) से जुड़ी परेशानियां।
इस ब्लॉग में हम वेरिकोसील के बारे में पूरी जानकारी देंगे। हम बात करेंगे कि यह क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, इसके कारण क्या हो सकते हैं, और इसका इलाज कैसे किया जाता है। हम यह भी देखेंगे कि वेरिकोसील का पुरुषों की जिंदगी और उनकी फर्टिलिटी पर क्या असर पड़ता है।
वेरिकोसील क्या है?
वेरिकोसील तब होता है जब अंडकोष की नसें, जिन्हें "पैंपिनीफॉर्म प्लेक्सस" (pampiniform plexus) कहते हैं, असामान्य रूप से बढ़ जाती हैं या सूज जाती हैं। ये नसें अंडकोष से खून को वापस दिल की ओर ले जाती हैं। जब इन नसों में खून का प्रवाह सही तरीके से नहीं होता, तो खून जमा होने लगता है, जिससे नसें सूज जाती हैं। यह सूजन ज्यादातर बाएं अंडकोष में होती है, लेकिन कभी-कभी दाएं या दोनों अंडकोषों में भी हो सकती है।
वेरिकोसील को कई बार "बैग ऑफ वर्म्स" (bag of worms) भी कहा जाता है क्योंकि सूजी हुई नसें छूने में ऐसी ही महसूस होती हैं, जैसे छोटे-छोटे कीड़े का गुच्छा। यह कंडीशन ज्यादातर 15 से 25 साल की उम्र के पुरुषों में देखी जाती है। कुछ मामलों में यह कोई लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन कुछ लोगों को दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है।
वेरिकोसील के प्रकार
वेरिकोसील को तीन मुख्य ग्रेड्स (grades) में बांटा जाता है, जो इसकी गंभीरता को दर्शाते हैं:
ग्रेड 1 (माइल्ड): यह सबसे हल्का प्रकार है। इसमें नसों की सूजन बहुत कम होती है और इसे आमतौर पर सिर्फ अल्ट्रासाउंड (ultrasound) से ही देखा जा सकता है। इस स्टेज पर ज्यादातर लोगों को कोई लक्षण नहीं होते।
ग्रेड 2 (मॉडरेट): इस स्टेज में नसों की सूजन को छूकर महसूस किया जा सकता है, खासकर जब व्यक्ति खड़ा हो और पेट में दबाव डाले (जैसे खांसते समय)। इसमें हल्का दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है।
ग्रेड 3 (सीवियर): यह सबसे गंभीर प्रकार है। इसमें नसों का गुच्छा इतना बड़ा होता है कि इसे बिना छुए भी देखा जा सकता है। इस स्टेज पर दर्द और असहजता ज्यादा होती है।
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वेरिकोसील के लक्षण
वेरिकोसील हर व्यक्ति में अलग-अलग लक्षण दिखा सकता है। कुछ लोगों को कोई लक्षण नहीं होते, और उन्हें पता ही नहीं चलता कि उन्हें यह कंडीशन है। इसे "सबक्लिनिकल वेरिकोसील" (subclinical varicocele) कहते हैं। लेकिन जब लक्षण दिखते हैं, तो वे आमतौर पर इस तरह होते हैं:
अंडकोष में दर्द या भारीपन:
यह दर्द हल्का या तेज हो सकता है। ज्यादातर यह तब बढ़ता है जब व्यक्ति लंबे समय तक खड़ा रहता है या फिजिकल एक्टिविटी (physical activity) करता है। लेटने पर दर्द कम हो सकता है।
अंडकोष में सूजन या गांठ:
सूजी हुई नसें छूने में गांठ जैसी महसूस हो सकती हैं। यह ज्यादातर बाएं अंडकोष में होता है।
अंडकोष का आकार छोटा होना:
वेरिकोसील की वजह से प्रभावित अंडकोष का आकार कम हो सकता है। इसे "टेस्टिकुलर एट्रॉफी" (testicular atrophy) कहते हैं।
फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं:
वेरिकोसील की वजह से स्पर्म (sperm) की क्वालिटी और काउंट (count) कम हो सकता है, जिससे पुरुषों को पिता बनने में दिक्कत हो सकती है।
गर्मी का अहसास:
कुछ लोगों को अंडकोष में गर्मी या जलन महसूस हो सकती है, क्योंकि खून जमा होने से तापमान बढ़ जाता है।
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वेरिकोसील के कारण
वेरिकोसील होने के कई कारण हो सकते हैं। हालांकि, इसका मुख्य कारण नसों में खून का प्रवाह सही तरीके से न होना है। आइए इसके प्रमुख कारणों को विस्तार से समझते हैं:
नसों में वॉल्व की खराबी:
नसों में छोटे-छोटे वॉल्व (valves) होते हैं जो खून को एक दिशा में बहने में मदद करते हैं। अगर ये वॉल्व ठीक से काम न करें, तो खून पीछे की ओर जमा होने लगता है, जिससे नसें सूज जाती हैं।
शारीरिक बनावट:
कुछ लोगों की नसों की बनावट ऐसी होती है कि उनमें खून का प्रवाह आसानी से नहीं हो पाता। उदाहरण के लिए, बाएं अंडकोष की नसें दायें की तुलना में ज्यादा लंबी होती हैं, इसलिए बाएं अंडकोष में वेरिकोसील ज्यादा आम है।
जेनेटिक फैक्टर्स (genetic factors):
अगर परिवार में किसी को वेरिकोसील रहा हो, तो इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। जेनेटिक कारणों से नसें कमजोर हो सकती हैं।
अधिक दबाव:
लंबे समय तक खड़े रहने, भारी वजन उठाने, या ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने से नसों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे वेरिकोसील होने का खतरा बढ़ता है।
अन्य मेडिकल कंडीशंस:
कभी-कभी किडनी ट्यूमर (kidney tumor) या पेट में कोई रुकावट वेरिकोसील का कारण बन सकती है। हालांकि, यह बहुत रेयर (rare) होता है।
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वेरिकोसील का फर्टिलिटी पर असर
वेरिकोसील का सबसे बड़ा असर पुरुषों की फर्टिलिटी पर पड़ता है। यह पुरुषों में बांझपन (infertility) का एक प्रमुख कारण माना जाता है। आइए देखते हैं कि यह फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करता है:
स्पर्म की क्वालिटी में कमी:
वेरिकोसील की वजह से अंडकोष का तापमान बढ़ जाता है। स्पर्म को बनने और स्वस्थ रहने के लिए ठंडा तापमान चाहिए। ज्यादा गर्मी से स्पर्म की क्वालिटी खराब हो सकती है।
स्पर्म काउंट में कमी:
वेरिकोसील से स्पर्म की संख्या भी कम हो सकती है, जिससे गर्भधारण की संभावना घट जाती है।
स्पर्म की मूवमेंट में दिक्कत:
स्पर्म की गतिशीलता (motility) भी प्रभावित हो सकती है, जिससे वे अंडे (egg) तक पहुंचने में असमर्थ हो सकते हैं।
हार्मोनल असंतुलन:
वेरिकोसील टेस्टोस्टेरोन (testosterone) जैसे हार्मोन्स के स्तर को प्रभावित कर सकता है, जो फर्टिलिटी के लिए जरूरी हैं।
हालांकि, हर व्यक्ति में वेरिकोसील फर्टिलिटी को प्रभावित नहीं करता। कुछ पुरुषों में यह कंडीशन होने के बावजूद उनकी फर्टिलिटी सामान्य रहती है।
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वेरिकोसील का डायग्नोसिस (diagnosis)
अगर आपको अंडकोष में दर्द, सूजन, या कोई असामान्य बदलाव महसूस हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वेरिकोसील का डायग्नोसिस करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करते हैं:
फिजिकल एग्जामिनेशन (physical examination):
डॉक्टर अंडकोष की जांच करते हैं। वे आपको खड़े होकर खांसने या पेट में दबाव डालने के लिए कह सकते हैं, ताकि सूजी हुई नसें आसानी से दिख सकें।
अल्ट्रासाउंड:
यह सबसे सटीक तरीका है। अल्ट्रासाउंड से नसों की सूजन और खून के प्रवाह को देखा जा सकता है। यह उन मामलों में भी मदद करता है जहां लक्षण दिखाई नहीं देते।
डॉप्लर अल्ट्रासाउंड:
यह खास तरह का अल्ट्रासाउंड है जो खून के प्रवाह को और बेहतर तरीके से दिखाता है।
अन्य टेस्ट्स:
अगर डॉक्टर को लगता है कि वेरिकोसील किसी दूसरी मेडिकल कंडीशन की वजह से है, तो वे सीटी स्कैन (CT scan) या एमआरआई (MRI) जैसे टेस्ट्स कर सकते हैं।
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वेरिकोसील का इलाज
वेरिकोसील का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि यह कितना गंभीर है और यह व्यक्ति की जिंदगी को कैसे प्रभावित कर रहा है। अगर वेरिकोसील कोई लक्षण नहीं दिखा रहा है और फर्टिलिटी पर असर नहीं डाल रहा, तो इलाज की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन अगर दर्द, सूजन, या फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं हैं, तो निम्नलिखित इलाज किए जा सकते हैं:
1. नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट (non-surgical treatment)
वॉचफुल वेटिंग (watchful waiting):
अगर वेरिकोसील हल्का है और कोई लक्षण नहीं हैं, तो डॉक्टर सिर्फ नियमित चेकअप की सलाह दे सकते हैं।
पेन मैनेजमेंट (pain management):
हल्के दर्द के लिए पेनकिलर्स (painkillers) जैसे इबुप्रोफेन (ibuprofen) या पैरासिटामोल (paracetamol) दी जा सकती हैं।
लाइफस्टाइल चेंजेस (lifestyle changes):
लंबे समय तक खड़े रहने से बचें, भारी वजन न उठाएं, और स्क्रोटल सपोर्ट (scrotal support) जैसे टाइट अंडरवियर पहनें। यह दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है।
2. सर्जिकल ट्रीटमेंट (surgical treatment)
अगर वेरिकोसील गंभीर है या फर्टिलिटी को प्रभावित कर रहा है, तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। सर्जरी के मुख्य प्रकार हैं:
वेरिकोसीलेक्टॉमी (varicocelectomy):
यह सबसे आम सर्जरी है। इसमें सूजी हुई नसों को बांध दिया जाता है ताकि खून का प्रवाह ठीक हो। यह सर्जरी जनरल एनेस्थीसिया (general anesthesia) के तहत की जाती है और इसमें कुछ हफ्तों में रिकवरी (recovery) हो जाती है।
लैपरोस्कोपिक सर्जरी (laparoscopic surgery):
यह एक मिनिमली इनवेसिव (minimally invasive) सर्जरी है जिसमें छोटे-छोटे कट लगाए जाते हैं। इसमें रिकवरी टाइम कम होता है।
पर्क्यूटेनियस एम्बोलाइजेश��� (percutaneous embolization):
यह एक नॉन-सर्जिकल प्रोसीजर है जिसमें नसों में एक छोटा कॉइल (coil) या केमिकल डाला जाता है ताकि खून का प्रवाह ब्लॉक हो जाए। यह प्रोसीजर उन लोगों के लिए अच्छा है जो सर्जरी नहीं चाहते।
अगर वेरिकोसील की वजह से फर्टिलिटी प्रभावित हो रही है, तो सर्जरी के अलावा कुछ अन्य ट्रीटमेंट भी किए जा सकते हैं:
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (in vitro fertilization) उन कपल्स के लिए एक ऑप्शन है जिन्हें प्रेग्नेंसी में दिक्कत हो रही है।
स्पर्म रिट्रीवल (sperm retrieval):
अगर स्पर्म काउंट बहुत कम है, तो स्पर्म को सीधे अंडकोष से निकाला जा सकता है और आईवीएफ में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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वेरिकोसील से बचाव
वेरिकोसील को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है क्योंकि यह ज्यादातर जेनेटिक या शारीरिक बनावट की वजह से होता है। लेकिन कुछ तरीकों से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है:
हेल्दी लाइफस्टाइल:
नियमित एक्सरसाइज करें, लेकिन भारी वजन उठाने से बचें। बैलेंस्ड डाइट (balanced diet) लें और वजन को कंट्रोल करें।
लंबे समय तक खड़े न रहें:
अगर आपकी जॉब में लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ता है, तो बीच-बीच में ब्रेक लें और बैठें।
स्क्रोटल सपोर्ट:
टाइट अंडरवियर या स्क्रोटल सपोर्ट पहनने से नसों पर दबाव कम हो सकता है।
रेगुलर चेकअप:
अगर आपको अंडकोष में कोई असामान्य बदलाव महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
वेरिकोसील और लाइफस्टाइल
वेरिकोसील का असर सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ (mental health) और कॉन्फिडेंस (confidence) पर भी पड़ सकता है। कई पुरुषों को इस कंडीशन की वजह से शर्मिंदगी या चिंता महसूस होती है, खासकर अगर यह उनकी फर्टिलिटी को प्रभावित कर रहा हो। इसलिए, इसके बारे में खुलकर बात करना और सही समय पर इलाज करवाना जरूरी है।
मेंटल हेल्थ:
अगर आपको वेरिकोसील की वजह से तनाव या डिप्रेशन (depression) हो रहा है, तो काउंसलर (counselor) से बात करें।
पार्टनर के साथ कम्युनिकेशन:
अगर आप फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो अपने पार्टनर के साथ खुलकर बात करें। यह रिश्ते को मजबूत बनाएगा।
डॉक्टर की सलाह:
किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें। जल्दी डायग्नोसिस और इलाज से रिकवरी आसान हो जाती है।
निष्कर्ष -
वेरिकोसील एक आम मेडिकल कंडीशन है जो पुरुषों में अंडकोष की नसों की सूजन की वजह से होती है। यह दर्द, सूजन, या फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है, लेकिन सही समय पर डायग्नोसिस और इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है। अगर आपको अंडकोष में कोई असामान्य बदलाव महसूस हो, तो बिना शर्मिंदगी के डॉक्टर से संपर्क करें। आजकल मॉडर्न मेडिसिन (modern medicine) और सर्जरी के जरिए वेरिकोसील का इलाज बहुत आसान और प्रभावी हो गया है।
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, नियमित चेकअप करवाएं, और अपनी हेल्थ को प्रायोरिटी (priority) दें।


