एडेनोमायोसिस (Adenomyosis in Hindi): लक्षण, कारण और उपचार

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Adenomyosis Diagram

एडेनोमायोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की मांसपेशियों (uterine muscles) में गर्भाशय की अंदरूनी परत (endometrial tissue) घुस जाती है। यह स्थिति आमतौर पर 35 से 50 वर्ष की महिलाओं में पाई जाती है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकती है।

एडेनोमायोसिस न केवल शारीरिक समस्याओं का कारण बनता है, बल्कि महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य और दिनचर्या पर भी प्रभाव डालता है। इस ब्लॉग में, हम एडेनोमायोसिस के लक्षण, कारण, और इलाज के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

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एडेनोमायोसिस के लक्षण (Symptoms of Adenomyosis)

एडेनोमायोसिस के लक्षण अक्सर मासिक धर्म यानी पीरियड्स से संबंधित होते हैं, लेकिन यह शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकते हैं। एडेनोमायोसिस के कुछ सामान्य और विशेष लक्षण इस प्रकार हैं:

1. पीरियड्स में अत्यधिक रक्तस्राव (Heavy Menstrual Bleeding)

एडेनोमायोसिस में पीरियड्स के दौरान सामान्य से बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है। यह ब्लीडिंग इतनी ज्यादा हो सकती है कि दिन में कई बार सैनेटरी पैड बदलने की जरूरत पड़ती है। अधिक ब्लीडिंग के कारण महिलाओं में एनीमिया (anemia) हो सकता है, जिससे थकान और कमजोरी महसूस होती है।

2. पीरियड्स में असहनीय दर्द (Severe Menstrual Pain)

पीरियड्स के दौरान एडेनोमायोसिस से होने वाला दर्द सामान्य दर्द की तुलना में अधिक तीव्र और असहनीय हो सकता है। यह दर्द पीरियड्स से एक-दो दिन पहले शुरू हो सकता है और पीरियड्स खत्म होने के बाद भी बना रहता है। दर्द का अनुभव पेट के निचले हिस्से और कमर में अधिक होता है।

3. पेट में सूजन या भारीपन (Abdominal Bloating and Heaviness)

एडेनोमायोसिस में गर्भाशय का आकार बढ़ सकता है, जिससे पेट का निचला हिस्सा फूला हुआ या भारी महसूस होता है। कुछ महिलाएं इसे वजन बढ़ने के रूप में भी देख सकती हैं, लेकिन यह एडेनोमायोसिस का संकेत हो सकता है।

4. इंटरकोर्स के दौरान दर्द (Pain During Intercourse)

एडेनोमायोसिस के कारण इंटरकोर्स (sexual intercourse) के समय या बाद में दर्द महसूस होता है। यह दर्द गर्भाशय की सूजन और मांसपेशियों में हुई समस्या की वजह से होता है।

5. मूड स्विंग्स और अन्य भावनात्मक प्रभाव

एडेनोमायोसिस से जुड़े शारीरिक लक्षणों के कारण महिलाएं मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, और डिप्रेशन का अनुभव कर सकती हैं। पीरियड्स के दौरान बार-बार कमजोरी और थकावट मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है।

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एडेनोमायोसिस के कारण (Causes of Adenomyosis)

एडेनोमायोसिस के सही कारण अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ संभावित कारण और जोखिम कारक इसके विकास में योगदान दे सकते हैं।

1. हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)

हार्मोन, विशेष रूप से एस्ट्रोजन, एडेनोमायोसिस की वृद्धि में मुख्य भूमिका निभाता है। जिन महिलाओं में हार्मोन का स्तर अधिक या असामान्य होता है, उनमें इसका खतरा बढ़ जाता है। गर्भाशय की मांसपेशियों में टिशू का असामान्य विकास हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकता है।

2. गर्भाशय में चोट या सर्जरी का इतिहास

यदि महिला ने सिजेरियन डिलीवरी, गर्भपात (abortion), या गर्भाशय से संबंधित किसी सर्जरी का सामना किया है, तो यह एडेनोमायोसिस के लिए एक बड़ा जोखिम बन सकता है। सर्जरी के दौरान गर्भाशय की मांसपेशियों में कोई चोट लगने पर अंदरूनी टिशू गर्भाशय की दीवारों में प्रवेश कर सकता है।

3. बढ़ती उम्र और हार्मोनल बदलाव

एडेनोमायोसिस 35 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है। इस उम्र में हार्मोनल बदलाव और रिप्रोडक्टिव हेल्थ में गिरावट के कारण इसका खतरा बढ़ जाता है।

4. जेनेटिक, मानसिक और लाइफस्टाइल फैक्टर्स (Genetic and Environmental Factors)

जिन महिलाओं की मां, बहन, या अन्य करीबी रिश्तेदारों को एडेनोमायोसिस रहा है, उनमें इसके विकसित होने की संभावना अधिक होती है। मानसिक और लाइफस्टाइल फैक्टर्स जैसे तनाव, गलत खानपान, और व्यायाम की कमी भी इसकी वजह हो सकते हैं।

5. एंडोमेट्रियल सेल्स का असामान्य व्यवहार

गर्भाशय की अंदरूनी परत के सेल्स का असामान्य तरीके से गर्भाशय की मांसपेशियों में प्रवेश करना इसका एक प्रमुख कारण माना जाता है।

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एडेनोमायोसिस के प्रकार (Types of Adenomyosis)

एडेनोमायोसिस को इसके फैलाव और गंभीरता के आधार पर नीचे दिए दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

1. फोकल एडेनोमायोसिस (Focal Adenomyosis)

इस प्रकार में एडेनोमायोसिस केवल गर्भाशय के एक हिस्से को प्रभावित करता है। इसे स्थानीयकृत (Localized) एडेनोमायोसिस भी कहा जाता है। यह कम गंभीर हो सकता है, लेकिन कभी-कभी अत्यधिक दर्द और असुविधा का कारण बनता है।

2. डिफ्यूज एडेनोमायोसिस (Diffuse Adenomyosis)

इस प्रकार में, एडेनोमायोसिस गर्भाशय की मांसपेशियों में चारों ओर फैल जाता है। यह गर्भाशय को असामान्य रूप से बढ़ा सकता है और गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। डिफ्यूज एडेनोमायोसिस के कारण उपचार जटिल हो सकता है।

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एडेनोमायोसिस का निदान (Diagnosis of Adenomyosis)

एडेनोमायोसिस का सही निदान करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि इसके लक्षण कई स्थितियों में फाइब्रॉइड्स या एंडोमेट्रियोसिस से मिलते-जुलते हैं।

1. शारीरिक जांच (Physical Examination)

डॉक्टर पेट के निचले हिस्से को छूकर यह जांच सकते हैं कि गर्भाशय का आकार सामान्य से बड़ा है या नहीं। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि गर्भाशय में सूजन है या कोई और समस्या है।

2. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

यह सबसे सामान्य और शुरुआती टेस्ट है। अल्ट्रासाउंड से गर्भाशय की दीवारों की मोटाई और संरचना का निरीक्षण किया जाता है। इसमें ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal Ultrasound) सबसे सटीक परिणाम देता है।

3. MRI (Magnetic Resonance Imaging)

जब अल्ट्रासाउंड से पूरी जानकारी नहीं मिल पाती, तो MRI किया जाता है। MRI, गर्भाशय की आंतरिक परत और मांसपेशियों के बारे में गहराई से जानकारी देता है। यह एडेनोमायोसिस की गंभीरता को समझने में मदद करता है।

4. बायोप्सी (Biopsy)

बायोप्सी में गर्भाशय की परत से टिशू का एक छोटा सैंपल लेकर माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है। यह टेस्ट एडेनोमायोसिस की पुष्टि के लिए किया जाता है।

5. ब्लड टेस्ट और अन्य लैब टेस्ट्स

ब्लड टेस्ट से यह पता लगाया जा सकता है कि महिला को एनीमिया है या नहीं। हार्मोनल असंतुलन का पता लगाने के लिए भी ब्लड टेस्ट किया जा सकता है।

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एडेनोमायोसिस का इलाज (Treatment of Adenomyosis)

एडेनोमायोसिस का इलाज पेशंट की उम्र, लक्षणों की गंभीरता, और भविष्य में गर्भधारण की योजना पर निर्भर करता है। उपचार के विकल्पों में दवाइयां, नॉन-सर्जिकल प्रक्रियाएं, और सर्जरी शामिल हैं। आइए इन विकल्पों को विस्तार से समझते हैं।

1. दवाइयों द्वारा इलाज (Medical Treatment)

एडेनोमायोसिस के शुरुआती और हल्के मामलों में दवाइयां लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायक होती हैं।

पेनकिलर्स (Painkillers):

पीरियड्स के दौरान दर्द को कम करने के लिए सामान्य पेनकिलर्स जैसे इबूप्रोफेन (Ibuprofen) और नेप्रोक्सेन (Naproxen) दी जाती हैं। यह दवाइयां सूजन को कम करने और दर्द से राहत देने में मदद करती हैं।

हार्मोनल थैरेपी (Hormonal Therapy):

हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स (oral contraceptives), प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन, या हार्मोनल पैच का इस्तेमाल किया जाता है। यह पीरियड्स को नियमित करता है और अत्यधिक ब्लीडिंग को कम करता है।

GnRH एगोनिस्ट्स (Gonadotropin-Releasing Hormone Agonists):

यह दवाइयां एस्ट्रोजन का स्तर कम करके गर्भाशय की सूजन को नियंत्रित करती हैं। हालांकि, इनके साइड इफेक्ट्स जैसे हॉट फ्लैशेज और हड्डियों की कमजोरी को ध्यान में रखते हुए इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं किया जाता।

IUD (Intrauterine Device):

लेवोनॉरजेस्ट्रल-रिलीजिंग IUD गर्भाशय के अंदर लगाया जाता है, जो हार्मोन छोड़कर दर्द और ब्लीडिंग को नियंत्रित करता है। इसका असर 3-5 साल तक रहता है।

2. नॉन-सर्जिकल प्रक्रियाएं (Non-Surgical Treatments)

नॉन-सर्जिकल इलाज उन महिलाओं के लिए उपयुक्त होता है, जो सर्जरी से बचना चाहती हैं या जिनके लक्षण हल्के हैं।

यूटराइन आर्टरी एम्बोलाइजेशन (Uterine Artery Embolization):

इस प्रक्रिया में गर्भाशय को ब्लड की सप्लाई करने वाली नसों को ब्लॉक किया जाता है, जिससे एडेनोमायोसिस के टिशू सिकुड़ जाते हैं। यह प्रक्रिया न सिर्फ दर्द कम करती है, बल्कि ब्लीडिंग को भी नियंत्रित करती है।

इसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत को नष्ट कर दिया जाता है, जिससे पीरियड का रक्तस्राव कम हो जाता है। यह प्रक्रिया उन महिलाओं के लिए उपयुक्त है, जो बच्चे की योजना नहीं बना रही हैं।

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3. सर्जिकल इलाज (Surgical Treatment)

यदि दवाइयों और नॉन-सर्जिकल प्रक्रियाओं से राहत नहीं मिलती, तो सर्जरी का विकल्प अपनाया जाता है।

हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy):

यह एडेनोमायोसिस का परमानेंट इलाज है, जिसमें गर्भाशय को पूरी तरह हटा दिया जाता है। यह प्रक्रिया उन महिलाओं के लिए होती है, जो परिवार पूरा कर चुकी हैं और गंभीर लक्षणों से राहत चाहती हैं।

फोकल रिमूवल सर्जरी (Focal Removal Surgery):

एडेनोमायोसिस के फोकल रूप में, केवल प्रभावित हिस्से को हटाया जाता है। यह प्रक्रिया महिला की फर्टिलिटी बनाए रखने के लिए उपयुक्त है।

4. लाइफस्टाइल चेंजेज और घरेलू उपाय (Lifestyle Changes and Home Remedies)

जीवनशैली में बदलाव एडेनोमायोसिस के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं:

संतुलित आहार:

अपने आहार में हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त भोजन शामिल करें। जंक फूड, कैफीन, और शुगर का सेवन कम करें।

योग और व्यायाम:

नियमित योग और हल्के व्यायाम से तनाव कम होता है और गर्भाशय में रक्त प्रवाह बेहतर होता है। प्राणायाम और ध्यान मानसिक शांति लाने में सहायक होते हैं।

गर्म पानी की थैली (Hot Water Bag):

पेट के निचले हिस्से पर गर्म पानी की थैली रखने से दर्द में राहत मिलती है।

एडेनोमायोसिस से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. क्या एडेनोमायोसिस से गर्भधारण में समस्या हो सकती है?

हाँ, एडेनोमायोसिस के कारण गर्भधारण में समस्या हो सकती है क्योंकि गर्भाशय की संरचना और कार्य प्रभावित होती है। गंभीर मामलों में गर्भाशय में सूजन या असामान्य रक्त प्रवाह के कारण फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है। हालांकि, एडेनोमायोसिस के इलाज और सही मार्गदर्शन से गर्भधारण संभव है।

2. क्या एडेनोमायोसिस का इलाज पूरी तरह संभव है?

– एडेनोमायोसिस का परमानेंट इलाज हिस्टेरेक्टॉमी है, जिसमें गर्भाशय को हटा दिया जाता है। जो महिलाएं सर्जरी नहीं चाहतीं, उनके लिए दवाइयों और नॉन-सर्जिकल प्रक्रियाओं से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

3. क्या एडेनोमायोसिस से कैंसर का खतरा होता है?

– नहीं, एडेनोमायोसिस कैंसर नहीं है और न ही यह सीधे तौर पर कैंसर का कारण बनता है। हालांकि, लंबे समय तक लक्षणों को अनदेखा करने से अन्य जटिलताएं हो सकती हैं, इसलिए समय पर इलाज जरूरी है।

4. क्या एडेनोमायोसिस किसी भी उम्र में हो सकता है?

– एडेनोमायोसिस आमतौर पर 35-50 वर्ष की महिलाओं में पाया जाता है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। युवा महिलाओं में यह कम पाया जाता है। लेकिन यह हार्मोनल असंतुलन या अन्य फैक्टर्स के कारण विकसित हो सकती है।

5. क्या लाइफस्टाइल में बदलाव करने से एडेनोमायोसिस ठीक हो सकता है?

– लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव प्रबंधन एडेनोमायोसिस के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करते हैं। हालांकि, इससे यह पूरी तरह ठीक नहीं होता।

6. क्या पीरियड्स के दौरान एडेनोमायोसिस के दर्द को कम करने के लिए कोई आसान उपाय हैं?

– गर्म पानी की थैली से सिकाई करें। हल्के योगासन और स्ट्रेचिंग करें।पेनकिलर्स और आरामदायक माहौल दर्द को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

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