एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy): जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार

एटोपिक प्रेग्नेंसी गर्भावस्था की वह स्थिति है, जिसमें फर्टिलाइज्ड एग (निषेचित अंडाणु) गर्भाशय (uterus) में नहीं, बल्कि गर्भाशय के बाहर किसी अन्य जगह पर विकसित होना शुरू कर देता है। यह एक जोखिमपूर्ण स्थिति हो सकती है। इस ब्लॉग में हम इसके कारणों, लक्षणों, निदान, उपचार और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

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Ectopic Pregnancy

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी क्या है?

एक्टोपिक का अर्थ है “गलत जगह पर”। सामान्य प्रेग्नेंसी में, एक फर्टिलाइज्ड एग गर्भाशय की दीवार पर इम्प्लांट होकर विकसित होता है। लेकिन एटोपिक प्रेग्नेंसी में यह एग फैलोपियन ट्यूब, ओवरी, पेट, या सर्विक्स में इम्प्लांट हो जाता है।

90% मामलों में यह फैलोपियन ट्यूब में होता है। जिसे ट्यूबल प्रेग्नेंसी कहा जाता है। कुछ रेयर केसेस में ओवरी, सर्विक्स, या पेट के किसी हिस्से में इम्प्लांट हो जाता है।

क्या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में बच्चा बच सकता है?

एटोपिक प्रेग्नेंसी में भ्रूण गर्भाशय के बाहर विकसित होता है, जहां उसे बढ़ने के लिए आवश्यक स्थान और पोषण नहीं मिलता। इसलिए, इस स्थिति में भ्रूण का विकास जारी रखना असंभव है।

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के कारण 

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के कई कारण हो सकते हैं, जो महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं। नीचे इन कारणों को विस्तार से समझाया गया है:

1. फैलोपियन ट्यूब में रुकावट या डैमेज 

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का सबसे आम कारण फैलोपियन ट्यूब का डैमेज या ब्लॉकेज है। सामान्य गर्भावस्था में, एक फर्टिलाइज्ड एग फैलोपियन ट्यूब से गुजरकर गर्भाशय तक पहुंचता है। लेकिन अगर फैलोपियन ट्यूब में किसी प्रकार की रुकावट या डैमेज हो, तो फर्टिलाइज्ड एग वहीं इम्प्लांट हो सकता है।

इन्फेक्शन: Pelvic Inflammatory Disease (PID) जैसे इन्फेक्शन फैलोपियन ट्यूब में सूजन और scar tissue बना सकते हैं, जो एग के रास्ते को बाधित करते हैं।

एंडोमेट्रियोसिस: यह एक स्थिति है जिसमें गर्भाशय के टिशूज गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते है। यह फैलोपियन ट्यूब को प्रभावित कर सकता है और उनके नॉर्मल कामकाज को बाधित कर सकता है।

सर्जरी का इतिहास: अगर महिला ने पहले फैलोपियन ट्यूब या पेल्विक एरिया की कोई सर्जरी कराई है, तो उसके बाद scar tissue बन सकता है, जिससे फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो सकती है।

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2. हार्मोनल असंतुलन

हार्मोन्स महिला के रिप्रोडक्टिव साइकिल को नियंत्रित करते हैं। अगर किसी कारण से हार्मोनल असंतुलन हो जाए, तो ओवुलेशन या फर्टिलाइज्ड एग का सही समय पर गर्भाशय तक पहुंचना बाधित हो सकता है।

एग की मूवमेंट में देरी : हार्मोनल बदलाव के कारण फैलोपियन ट्यूब में एग का मूवमेंट धीमा हो सकता है, जिससे वह गर्भाशय तक पहुंचने के बजाय ट्यूब में ही इम्प्लांट हो जाता है।

गर्भनिरोधक का इस्तेमाल : प्रेग्नेंसी रोकने के लिए अपनाए कुछ तरीके या दवाएं हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं।

फर्टिलिटी बढ़ाने वाली दवाएं : Ovulation-inducing drugs भी हार्मोनल बदलाव का कारण बन सकती हैं, जिससे फर्टिलाइज्ड एग सही जगह इम्प्लांट होने में समस्या हो सकती है।

3. धूम्रपान और अन्य लाइफस्टाइल फैक्टर्स 

धूम्रपान एटोपिक प्रेग्नेंसी के जोखिम को बढ़ाने वाले प्रमुख लाइफस्टाइल फैक्टर्स में से एक है। सिगरेट में मौजूद टॉक्सिन पदार्थ फैलोपियन ट्यूब की परत को डैमेज कर सकते हैं, जिससे एग का मूवमेंट बाधित हो सकता है।

बढ़ती उम्र : अधिक उम्र (35 साल से ऊपर) की महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिससे एग का सही समय पर गर्भाशय तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है।

4. पुरानी एटोपिक प्रेग्नेंसी या गर्भपात 

अगर महिला को पहले एटोपिक प्रेग्नेंसी या गर्भपात हुई हो, तो उसके दोबारा होने का खतरा बढ़ जाता है। पहले हुई एटोपिक प्रेग्नेंसी या गर्भपात के बाद scar tissue बन सकता है, जो फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज पैदा कर सकता है।

Structural Abnormalities: पहले हुई प्रेग्नेंसी के दौरान अगर कुछ कॉम्प्लिकेशन होते है तो वे फैलोपियन ट्यूब की आकार को हमेशा के लिए प्रभावित कर सकते हैं।

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5. आनुवंशिक और स्ट्रक्चरल समस्याएं 

कुछ महिलाओं में जन्म से ही रिप्रोडक्टिव ऑर्गन की स्ट्रक्चर में असामान्यताएं हो सकती हैं।

फैलोपियन ट्यूब की अनियमितता: आनुवंशिक कारणों से फैलोपियन ट्यूब के आकार में समस्या हो सकती है। यह समस्या एक के नॉर्मल मूवमेंट को बाधित कर सकती है।

जन्मजात विकृतियां : कुछ महिलाओं में गर्भाशय या ट्यूब्स की जन्मजात विकृतियां होती हैं, जिसे congenital malformations कहा जाता हैं, जो एटोपिक प्रेग्नेंसी का कारण बन सकती हैं।

6. पेल्विक या पेट की हुई सर्जरी 

अगर महिला ने कभी पेल्विक या पेट के कुछ हिस्से की कोई बड़ी सर्जरी करवाई है, तो उसका असर फैलोपियन ट्यूब पर पड़ सकता है।

सर्जरी के बाद बनने वाला scar tissue फैलोपियन ट्यूब के अंदर या आसपास ब्लॉकेज पैदा कर सकता है।

ट्यूब्स की सर्जरी: Tubal ligation (नसबंदी) के बाद प्रेग्नेंसी की संभावना बहुत कम होती है, लेकिन अगर प्रेग्नेंसी होती है, तो यह एटोपिक होने की संभावना बढ़ जाती है।

7. गर्भनिरोधक का गलत इस्तेमाल

गर्भनिरोधक जैसे IUDs (Intrauterine Devices) का सही तरीके से इस्तेमाल न करने से भी एटोपिक प्रेग्नेंसी हो सकती है।

IUD Failure: कुछ दुर्लभ केसेस में IUDs के इस्तेमाल के दौरान प्रेग्नेंसी हो जाती है, और फर्टिलाइज्ड एग गर्भाशय में इम्प्लांट होने के बजाय फैलोपियन ट्यूब में इम्प्लांट हो सकता है।

8. अन्य रिस्क फैक्टर्स 

कुछ अन्य कारण भी हैं, जो एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

एक से ज्यादा सेक्सुअल पार्टनर्स: इससे पेल्विक इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है, जो फैलोपियन ट्यूब्स को डैमेज कर सकते हैं।

मां बनने में हुई देरी: अगर पहली प्रेग्नेंसी की उम्र अधिक हो, तो एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का खतरा बढ़ सकता है।

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के यह सभी कारण महिला के रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़े हैं। सही समय पर जांच और इलाज से इन रिस्क फैक्टर्स को कम किया जा सकता है।

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एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण 

एटोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण शुरुआत में सामान्य गर्भावस्था के जैसे हो सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे गर्भावस्था बढ़ती है और फर्टिलाइज्ड एग गर्भाशय के बाहर विकसित होता है, इसके गंभीर लक्षण सामने आने लगते हैं। इन लक्षणों को समय पर पहचानना बहुत आवश्यक है, क्योंकि यदि इसे नजरअंदाज किया गया, तो यह जानलेवा हो सकता है।

1. पेट के निचले हिस्से में दर्द

एटोपिक प्रेग्नेंसी का सबसे पहला और आम लक्षण पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है। यह दर्द आमतौर पर एक ओर (जहां फर्टिलाइज्ड एग जुड़ा हुआ है) महसूस होता है। शुरुआत में हल्का दर्द हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे गर्भावस्था बढ़ती है, यह दर्द तीव्र और असहनीय हो सकता है। यह दर्द चलने-फिरने, झुकने या किसी शारीरिक गतिविधि के दौरान अधिक बढ़ सकता है।

2. योनि से असामान्य रक्तस्राव

एटोपिक प्रेग्नेंसी में हल्का योनि रक्तस्राव या स्पॉटिंग हो सकता है। यह रक्तस्राव गहरा भूरा या चमकदार लाल रंग का हो सकता है। यह सामान्य पीरियड्स से भिन्न होता है और अनियमित रूप से हो सकता है।

सर्विक्स पर दबाव: फर्टिलाइज्ड एग के गलत जगह पर इम्प्लांट होने के कारण सर्विक्स पर दबाव पड़ने से रक्तस्राव हो सकता है।

3. गर्भावस्था के सामान्य लक्षण

एटोपिक प्रेग्नेंसी में भी शुरुआती स्टेज में सामान्य गर्भावस्था जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।

पेट दर्द के साथ जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं। स्तनों में सूजन और संवेदनशीलता महसूस हो सकती है। पीरियड्स न होना गर्भावस्था का संकेत हो सकता है।

4. कंधे का दर्द

यह एक असामान्य लेकिन महत्वपूर्ण लक्षण है, जो एटोपिक प्रेग्नेंसी के गंभीर स्टेज में दिखता है।

कंधे और गर्दन के बीच के हिस्से में दर्द महसूस होता है। जब फेलोपियन ट्यूब फट जाती है और इंटरनल ब्लीडिंग होता है, तो यह डायफ्राम को उत्तेजित करता है, जिससे कंधे में दर्द महसूस हो सकता है। यह लक्षण गंभीर स्थिति की ओर संकेत करता है और तुरंत मेडिकल सहायता की आवश्यकता होती है।

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5. चक्कर आना और बेहोशी

एटोपिक प्रेग्नेंसी में चक्कर आना या बेहोशी आना एक और सामान्य लक्षण है, खासकर जब आंतरिक रक्तस्राव हो रहा हो।

लो ब्लड प्रेशर: इंटरनल ब्लीडिंग के कारण शरीर में खून की कमी हो सकती है, जिससे ब्लड प्रेशर कम हो जाता है।

कमजोरी और थकावट: खून की अत्यधिक कमी के कारण शरीर में कमजोरी महसूस होती है।

अचानक बेहोश होना: अगर ब्लीडिंग अधिक हो, तो महिला अचानक बेहोश हो सकती है।

6. पेट फूलना और भारीपन महसूस होना

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में पेट के निचले हिस्से में सूजन या भारीपन महसूस हो सकता है।

पेल्विक एरिया में दबाव: एग के गलत जगह पर इम्प्लांट और वहां सूजन के कारण पेल्विक एरिया में भारीपन महसूस होता है।

गैस जैसे लक्षण: पेट में भारीपन और सूजन कई बार गैस या पाचन समस्या की तरह लग सकते हैं।

7. पेशाब और मल त्याग में बदलाव

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के दौरान मूत्राशय या इंटेस्टाइन के कार्य में बदलाव हो सकता है। मूत्राशय पर दबाव के कारण पेशाब करते समय दर्द या जलन हो सकती है। आंतरिक सूजन के कारण मल त्याग में रुकावट या कब्ज भी हो सकता है।

8. गंभीर स्थिति में लक्षण

अगर एटोपिक प्रेग्नेंसी का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर और जानलेवा हो सकती है।

फेलोपियन ट्यूब का फटना: जब फेलोपियन ट्यूब फट जाती है, तो महिला को अचानक और तीव्र दर्द और भारी रक्तस्राव का सामना करना पड़ सकता है।

रक्त संचार में गिरावट: अधिक खून बहने के कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे हृदय गति बढ़ सकती है।

सांस लेने में कठिनाई: रक्त की कमी के कारण सांस लेने में परेशानी हो सकती है।

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एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का निदान (Diagnosis of Ectopic Pregnancy)

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का सही समय पर निदान करना महत्वपूर्ण है। नीचे इसके प्रमुख निदान प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया गया है:

1. मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक परीक्षण

डॉक्टर सबसे पहले महिला की मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों की जांच करते हैं।

पेट दर्द, योनि से असामान्य रक्तस्राव, चक्कर आना आदि लक्षणों की जांच की जाती है। पेट और पेल्विक एरिया का परीक्षण किया जाता है ताकि किसी सूजन, दर्द या दबाव का पता लगाया जा सके।

2. ब्लड टेस्ट

ब्लड टेस्ट से हॉर्मोन लेवल की जांच की जाती है, जो एटोपिक प्रेग्नेंसी की पुष्टि में मदद करता है।

HCG लेवल की जांच:

सामान्य गर्भावस्था में HCG (human chorionic gonadotropin) का स्तर तेजी से बढ़ता है। अगर HCG लेवल अपेक्षित रूप से नहीं बढ़ रहा है, तो यह एटोपिक प्रेग्नेंसी का संकेत हो सकता है।

हीमोग्लोबिन की जांच: 

आंतरिक रक्तस्राव की स्थिति में खून की कमी का पता लगाने के लिए हीमोग्लोबिन स्तर की जांच की जाती है।

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3. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

अल्ट्रासाउंड एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की पुष्टि के लिए सबसे सटीक तरीका है।

Transvaginal Ultrasound: यह अल्ट्रासाउंड योनि के मार्ग से किया जाता है, जिससे गर्भाशय और फेलोपियन ट्यूब की विस्तृत जानकारी मिलती है। अगर गर्भाशय में गर्भ नहीं दिखता और फेलोपियन ट्यूब या पेट के अन्य हिस्सों में गर्भ का संकेत मिलता है, तो यह एटोपिक प्रेग्नेंसी की पुष्टि करता है।

4. लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy)

अगर अन्य परीक्षणों से एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की पुष्टि नहीं हो पाती, तो लैप्रोस्कोपी किया जाता है। इस प्रक्रिया में पेट के अंदर एक छोटा कैमरा डालकर गर्भाशय, फेलोपियन ट्यूब और आसपास के अंगों की जांच की जाती है। लैप्रोस्कोपी से गर्भाशय के बाहर स्थित फर्टिलाइज्ड एग की सीधी पुष्टि हो जाती है।

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का उपचार (Treatment of Ectopic Pregnancy)

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का उपचार स्थिति की गंभीरता, गर्भ की स्थिति और महिला की शारीरिक स्थिति के आधार पर किया जाता है। इसका उद्देश्य महिला की जान बचाना और उसके रिप्रोडक्टिव हेल्थ को बनाए रखना है।

1. दवाइयां (Medication)

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के शुरुआती चरण में, जहां गर्भाशय के बाहर गर्भ का आकार छोटा हो, दवाइयों से उपचार किया जा सकता है।

Methotrexate का उपयोग:

यह दवा गर्भ के विकास को रोकने और इसे पूरी तरह समाप्त करने के लिए दी जाती है। दवा को इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है। यह प्रक्रिया दर्दरहित होती है और सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती।

दवा लेने के बाद HCG लेवल की नियमित जांच की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि गर्भ पूरी तरह समाप्त हो गया है। अगर JCG का स्तर घटता नहीं है, तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

2. सर्जरी (Surgical Treatment)

अगर एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का आकार बड़ा हो, फेलोपियन ट्यूब फटने का खतरा हो, या महिला की स्थिति गंभीर हो, तो सर्जरी आवश्यक होती है।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी:

यह एक minimally invasive सर्जरी है, जिसमें छोटे कट लगाकर गर्भ को हटाया जाता है। यह प्रक्रिया तेजी से रिकवरी और कम दर्द के लिए जानी जाती है।

Salpingostomy:

इस प्रक्रिया में गर्भ को फेलोपियन ट्यूब से हटाकर ट्यूब को बचाने की कोशिश की जाती है। यह प्रक्रिया तब की जाती है, जब ट्यूब ज्यादा डैमेज न हो।

Salpingectomy:

अगर फेलोपियन ट्यूब फट चुकी हो या बहुत ज्यादा डैमेज हो, तो ट्यूब को पूरी तरह हटा दिया जाता है। यह प्रक्रिया गंभीर मामलों में की जाती है।

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3. इमरजेंसी स्थिति में उपचार

अगर फेलोपियन ट्यूब फट जाए और आंतरिक रक्तस्राव शुरू हो जाए, तो यह एक आपातकालीन स्थिति होती है।

रक्त आधान (Blood Transfusion): खून की कमी को पूरा करने के लिए रक्त आधान किया जाता है।

इमरजेंसी सर्जरी: फट चुकी ट्यूब को तुरंत हटाने के लिए सर्जरी की जाती है, जिससे महिला की जान बचाई जा सके।

इलाज के बाद देखभाल (Post-Treatment Care)

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का इलाज कराने के बाद महिला को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।

भावनात्मक समर्थन: एटोपिक प्रेग्नेंसी का अनुभव शारीरिक और मानसिक रूप से थकाने वाला हो सकता है। परिवार और दोस्तों का भावनात्मक समर्थन महत्वपूर्ण है।

फॉलो-अप जांच: इलाज के बाद नियमित रूप से HCG लेवल की जांच जरूरी होती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि गर्भ पूरी तरह समाप्त हो गया है।

फ्यूचर प्रेग्नेंसी की योजना:

अगली प्रेग्नेंसी की प्लानिंग डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करनी चाहिए। अगर एक फेलोपियन ट्यूब हटाई गई हो, तो दूसरी ट्यूब के माध्यम से गर्भधारण संभव है।

निष्कर्ष – 

एटोपिक प्रेग्नेंसी एक गंभीर स्थिति है, लेकिन इसके बारे में जागरूक रहकर और समय पर मेडिकल सहायता लेकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह ब्लॉग इस समस्या के बारे में व्यापक जानकारी देता है ताकि महिलाएं इसे समझ सकें और समय रहते उचित कदम उठा सकें।
यदि आपको एटोपिक प्रेग्नेंसी से जुड़े कोई लक्षण या संदेह है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आपकी सुरक्षा और सेहत सबसे ज्यादा मायने रखती है।

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