सारांश : यदि आप और आपका साथी गर्भधारण करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो ध्यान रखे वन्ध्यत्व के इस सफर में आप अकेले नहीं है। कंसीव करने के लिए जीवनशैली में सुधार लाए और ओवुलेशन काल को ट्रैक करे। इस तरीके से सालभर प्रयास करने के बावजूद गर्भधारण में कठिनाई होनेपर फर्टिलटी डॉक्टर मदत लेना जरुरी है। वो आपके वन्ध्यत्व का सटीक निदान एवं उपचार करे। ‘प्रोजेनेसिस फर्टिलिटी सेंटर’ ने वर्ल्ड क्लास तंत्रज्ञान, आधुनिक उपचार और अनुभव से कम समय में हजारो जोड़ों को माता-पिता बनने की ख़ुशी प्रदान की है।
1) PCOS/ PCOD के साथ गर्भधारण कैसे करे?
यदि आपको PCOD ज्ञात है तो सबसे पहले अच्छी जीवनशैली बनाए रखना जरुरी है। वजन नियंत्रित रखे। स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से पीसीओडी को नियंत्रित रखे। PCOD के साथ नैसर्गिक गर्भधारण का प्रयास करते समय डिजिटल ओवुलेशन किट का इस्तेमाल कर ओवुलेशन काल में असुरक्षित इंटरकोर्स करे। १ साल तक ऐसे प्रयास करने के बावजूद गर्भधारण नहीं होनेपर फर्टिलिटी डॉक्टर की सलाह ले। ओवुलेशन इंडक्शन, ओवुलेशन मॉनिटरिंग, IUI जैसे प्राथमिक इलाजों से गर्भधारण संभव है।
2) एंडोमेट्रिओसिस में गर्भधारण कैसे करे?
गर्भाशय अस्तर पेट के अन्य अंगो में बढ़ने लगता है तब यह एंडोमेट्रिओसिस बीमारी होती है। शुरुआती समय में क्लॉट्स बनते है लेकिन सीवियर एंडोमेट्रिओसिस होनेपर चॉकलेट सिस्ट या अड़ेजंस (दो अंग का चिपकना) होते है। सूजन, दर्द, पेशाब या मूत्रविसर्जन में तकलीफ होनेपर डॉक्टर से जाँच करे। परिक्षण में ट्यूबल ब्लॉकेज, अड़ेजंस या चॉकलेट सिस्ट होनेपर लैप्रोस्कोपी की मदत से सर्जरी की जाएगी।
एंडोमेट्रियोसिस फर्टिलिटी इंडेक्स (EFI) जैसे उपकरण की मदत से डॉक्टर यह जानने की कोशिश करेंगे कि प्राकृतिक तरीकों से गर्भवती हो सकते है या आपको IVF उपचारों की मदत होगी।
3) एंडोमेट्रियल थिकनेस या एंडोमेट्रियल थिननेस के साथ गर्भधारण कैसे करे?
एंडोमेट्रियम पतला होनेपर प्रोजेस्टेरोन या एस्ट्रोजेन हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी का सुझाव डॉक्टर देते है। अन्य स्थितियों में प्लेटलेट-रिच प्लाझ्मा (पीआरपी) तकनीक का उपयोग कर यूटेरस में प्लाज़्मा डालने की क्रिया करते है।
एंडोमेट्रियम मोटा होनेपर ओरल या शॉट के माध्यम से प्रोजेस्टेरोन हार्मोन दिया जाता है।
4) फाइब्रॉइड के साथ गर्भधारण कैसे करे?
यूटेरियन फाइब्रॉइड की गांठ नॉन कैंसरस होती है। लॅप्रोस्कोपिक सर्जरी, एम्बोलायझेशन, फोकस्ड अल्ट्रासाऊंड (FUS), मॉर्सलेशन ऐसे सर्जरी से फाइब्रॉइड का इलाज किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड के जरिए फाइब्रॉएड की निगरानी करनेपर स्वस्थ बच्चे का जन्म हो सकता है। इसके अलावा, यदि फाइब्रॉएड के कारण बांझपन की समस्या है, तो एडवांस फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से फाइब्रॉएड की स्थिति में भी गर्भधारण किया जा सकता है।
5) अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के साथ गर्भधारण कैसे करे?
सूजन या किसी संक्रमण के कारन ट्यूब ब्लॉक है तो दवाइयों से इलाज किया जाता है। पोलिप्स, फाइब्रॉइड या एंडोमेट्रिओसिस के कारन ट्यूब ब्लॉक होनेपर सर्जिकल उपचार से ब्लॉकेज हटा दिया जाता है। हिस्टेरेक्टॉमी या मायोमेक्टमी या लैप्रोस्कोपिक सर्जरी कम इनवेसिव प्रक्रिया होती है। आपके स्थिति अनुसार डॉक्टर आपको नैचरली कंसीव करने की सलाह दे सकते है। तो कुछ केसेस में IUI, IVF या एडवांस IVF से गर्भधारण की सलाह दी जाती है।
6) ख़राब फैलोपियन ट्यूब के साथ गर्भधारण कैसे करे?
फैलोपियन ट्यूब ख़राब होनेपर या इसमें पानी भरा होनेपर ऐसे ट्यूब को काटना जरुरी होता है। इससे इम्प्लांटेशन की दिक्कते दूर होती है। एक ट्यूब अच्छी होनेपर आप नैचरली या IUI के जरिए गर्भधारण कर सकते है। लेकिन दोनों ट्यूब ब्लॉक होनेपर या निकाल दी जानेपर IVF से निश्चित रूप से गर्भधारण कर सकते है।
7) बिना फैलोपियन ट्यूब के साथ गर्भधारण कैसे करे?
दोनों गर्भनलिका नहीं होनेपर गर्भधारण के लिए आपके सामने IVF नाम का एकमेव विकल्प बचता है। जिससे आप निश्चित रूप से गर्भधारण कर सकते है। क्योंकि फैलोपियन ट्यूब में होनेवाली फर्टिलाइज़ेशन प्रक्रिया IVF उपचार में लैब में की जाती है। ट्यूब को बायपास किया जाता है।
8) हार्मोनल इम्बैलेंस के साथ गर्भधारण कैसे करे?
जीवनशैली में सुधार, कुछ दवाइयां और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी से हार्मोनल इम्बैलेंस का इलाज होता है। इसके बाद आप नैचरली भी कांसिव कर सकते है।
9) ३० आयु के बाद गर्भधारण कैसे करे?
२० से ३० की आयु में एक महिला सबसे ज्यादा फर्टाइल रहती है। ३० के बाद फर्टिलिटी हेल्थ में गिरावट होने लगती है। इस आयु में यदि आपका स्वस्थ्य ठीक है, स्त्रीबीजों की संख्या अच्छी है और मेल पार्टनर को कोई समस्या नहीं है तो आप नैचरली कंसीव कर सकते है। १ साल प्रयास करने के बावजूद गर्भधारण में कठिनाई होनेपर आपको ओवुलेशन मॉनिटरिंग या IUI जैसे प्राथमिक फर्टिलिटी उपचार की जरुरत पड़ सकती है।
10) ४० आयु के बाद गर्भधारण कैसे करे?
४० वर्ष की आयु में गर्भावस्था के लिए उपचार की आवश्यकता होती है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं और पुरुषों की प्रजनन क्षमता कम होती जाती है। ४० वर्ष की आयु में गर्भधारण की संभावना प्रत्येक मासिक धर्म चक्र के लिए केवल ५% है। बीजों के क्वालिटी में गिरावट होनेसे बच्चे में जन्म दोष या गुणसूत्र असामान्यताएं हो सकती हैं। इसके आलावा माता में शारीरिक बीमारिया और मेनोपॉज की स्थिति होनेपर गर्भधारण करना चैलेंजिंग होता है। गर्भपात की सम्भावना रहती है। गर्भधारण के लिए IVF, ICSI जैसे एडवांस उपचार की जरुरत होती है। तो स्वस्थ बच्चे के लिए जेनेटिक टेस्टिंग का विकल्प मौजूद होता है।
11) रजोनिवृत्ति के बाद गर्भधारण कैसे करे?
मेनोपॉज यानि मासिक धर्म का रुक जाना। मेनोपॉज के बाद गर्भधारण के लिए IVF एकमेव उपचार विकल्प मौजूद है। जिसमे एडवांस ART तकनीक का इस्तमाल किया जा सकता है।
12) शून्य स्पर्म के साथ गर्भधारण कैसे करे?
निल शुक्राणु यानि वीर्य में शुक्राणु नहीं होना। एज़ूस्पर्मिया का कारन शुक्राणुवाहिनी ब्लॉकेज है तो सर्जरी से इलाज किया जाता है। रेट्रोग्रेड एज्यक्युलेशन स्थिति में शुक्राणु ब्लैडर में आते है, तब इन्हे यूरिन से अलग किया जा सकता है और IVF से गर्भधारण किया जा सकता है। सूजन या संक्रमण से निल शुक्राणु स्थिति होनेपर दवाइयों से इलाज किया जा सकता है। कुछ केसेस में सर्जरी की अलावा TESA, PESA, MESA, TESE जैसे स्पर्म रिट्राइवल तकनीक का इस्तेमाल कर स्पर्म कलेक्ट किए जाते है और IVF की मदत से गर्भधारण हो सकता है।
13) कम स्पर्म के साथ गर्भधारण कैसे करे?
शुक्राणूं कमी यानि ओलिगोस्पर्मिया। शुक्राणु कम है लेकिन उनकी मोटिलिटी, मॉर्फोलॉजी, क्वालिटी अच्छी होनेपर आप नैचरल तरीके से या IUI से गर्भधारण कर सकते है। शुक्राणु की कमी का कारन वेरीकोसील (नसों में सूजन) है तो सर्जरी से इसका इलाज किया जाता है। जिससे रक्तप्रवाह में सुधार होकर स्पर्म काउंट बढ़ सकता है। कुछ केसेस में शुक्राणु की कमी के साथ क्वालिटी भी कम होती है, तो ऐसे केसेस में IVF मदतगार है। शुक्राणु स्त्रीबीज फर्टिलाइज करने में असफल होनेपर ICSI, IMSI, PICSI की मदत से स्पर्म को स्त्रीबीज में इंजेक्ट किया जाता है। ऐसे एडवांस उपचारों से आप गर्भधारण कर सकते है।
14) लो AMH लेव्हल के साथ गर्भधारण कैसे करे?
लो AMH के साथ गर्भधारण के लिए आक्रामक रूप से प्रयास करना जरुरी होता है। कम स्त्रीबीजों के साथ जल्दी गर्भधारण के लिए फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की मदत लेने फायदेमंद होगा। फर्टिलिटी उपचारों के दौरान ओवरियन हैपरस्टिम्युलेशन के जरिए ज्यादा फॉलिकल्स बढ़ाए जाते है। गोनाडोट्रोपिन और एफएसएच (कूप उत्तेजक हार्मोन) की मात्रा बढ़ने के लिए दवाइया दी जाती है। ज्यादा स्त्रीबीजों का विकास होनेपर गर्भधारण की सम्भावना बढ़ती है।
15) ओवेरियन सिस्ट के साथ गर्भधारण कैसे करे?
PCOS के कारन अंडकोष में सिस्ट बनने पर बर्थ कंट्रोल पिल से इलाज किया जाता है। सिस्ट पुराने होनेपर या एंडोमेट्रियल सिस्ट या चॉकलेट सिस्ट होनेपर या रेट्रोग्रेड मेंस्ट्रुएशन के कारन सिस्ट बने है तब ऐसी स्थिति में लैप्रोस्कोपी या ओवरियन ड्रिलिंग की मदत से सिस्ट को हटाया जाता है। इसके बाद आपके स्त्रीबीजों की संख्या, क्वालिटी और अन्य शारीरिक स्थिति का परिक्षण करने के बाद डॉक्टर आपके लिए स्वतंत्र उपचार योजना बनाएँगे। जिससे गर्भधारण हो सकता है।
16) एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की हिस्टरी होनेपर गर्भधारण कैसे करे?
एक्टोपिक गर्भधारण यानि फैलोपियन ट्यूब में होनेवाली गर्भावस्था। आपको पहले एक्टोपिक प्रेग्नेंसी रही है और इसे निकलने के लिए सर्जिकल उपचार किए गए है तो ट्यूब को क्षति होने की सम्भावना अधिक होती है। साथ ही ऐसी हिस्टरी होनेपर फिरसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो सकती है। तो ऐसे स्थिति में फर्टिलिटी डॉक्टर से मार्गर्दर्शन लेना फायदेमंद होगा।
18) ट्यूबल लिगेशन के साथ गर्भधारण कैसे करे?
ट्यूबल लिगेशन यानि गर्भनिरोधक शस्त्रक्रिया। ऐसी सर्जरी के बाद आप फिरसे गर्भधारण करना चाहते है ? तो ट्यूबल लिगेशन रिवर्सल सर्जरी करने से बंद नलिकाओं को खोला जाता है। लेकिन यदि ट्यूबल लेगेशन सर्जरी को बहुत समय बिता है तो ऐसी स्थिति में ट्यूब को खोला नहीं जा सकता। ऐसे में IVF से गर्भधारण किया जा सकता है।