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क्या मेनोपॉज के बाद प्रेगनेंसी संभव है?

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मेनोपॉज के बाद गर्भधारण

४० वर्ष के बाद किसी भी महिला के मन में मेनोपॉज के बारे में प्रश्न या चिंताएँ आना स्वाभाविक है, और यदि आप बच्चे के लिए प्रयास कर रही हैं, तो इन चिंताओं का बढ़ जाना भी उतना ही स्वाभाविक हैं।

ऐसा इसलिए है क्योंकि उम्र के साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्राकृतिक रूप से घट जाती है और ४० साल के बाद मेनोपॉज के कारण सफलतापूर्वक गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता हैं। 

लेकिन इसका मतलब ये नहीं के रजोनिवृत्ति के बाद गर्भावस्था "असंभव" है !

प्रगत फर्टिलिटी तकनीक की मदत से आईवीएफ जैसे सहाय्यक फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स का उपयोग कर मेनोपॉज के बाद भी सफल गर्भधारण संभव है। अधिक जानकारी आगे के ब्लॉग में।

रजोनिवृत्ती/ मेनोपॉज क्या होता है? 

मेनोपॉज ये महिलाओं की उम्र के साथ reproductive hormones में होने वाली एक प्राकृतिक गिरावट है। ज्यादातर महिलाओं में रजोनिवृत्ति ४५ साल की उम्र के बाद होता है। इस दौरान महिलाओं के अंडाशय हार्मोन का उत्पादन बंद कर देते हैं और मासिक धर्म भी बंद हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप महिलाएं गर्भधारण करने की क्षमता खो देती हैं।

मेनोपॉज की सही उम्र क्या है?

मेनोपॉज आमतौर पर  ४५ और ५५ वर्ष की आयु के बीच होता है। साथ ही ज्यादातर महिलाओं को इस दौरान हार्मोनल बदलाव का भी अनुभव होता है।

लेकिन कुछ मामलों में, जहां महिलाओं की कुछ स्वास्थ्य स्थितियां हो, या कुछ प्रकार के वैद्यकीय उपचार या सर्जरी हुई हो, तो  मेनोपॉज ३५ के बाद भी शुरू हो सकता है। समय से पहले मेनोपॉज आने की स्थिति को प्रीमेनोपॉज कहा जाता है, जिससे महिलाओं में इन्फर्टिलिटी की स्तिथि पैदा हो सकती है।

मेनोपॉज के लक्षण

रजोनिवृत्ति के लक्षण जैसे 'बिन बुलाए मेहमान'। भलेही ये लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो, ये उतने ही दर्दभरे होते है। मासिक धर्म के अलावा, प्री मेनोपॉज, मेनोपॉज और पोस्ट मेनोपॉज के अन्य लक्षण समान हैं:

प्री मेनोपॉज के लक्षण 

  • अनियमित मासिक चक्र 
  • सामान्य से अधिक या कम मानसिक स्राव 

मेनोपॉज के लक्षण और उपाय

  • इर्रेगुलर पीरियड्स
  • अनिद्रा
  • वेजाइनल ड्राइनेस
  • हॉट फ्लेशैज
  • मूड में बदलाव होना
  • निराशा 
  • तेजी से वजन बढ़ना 
  • मुँह, आँखें और त्वचा सुखी पड़ना 
  • सिर दर्द
  • दिल की घबराहट
  • यूरिनरी इनफ़ेक्शन
  • बालों का झड़ना या पतला होना
  • चेहरे, गर्दन, छाती पर बालों का बढ़ना
  • स्तनों में दर्द या स्तनों के आकार में कमी

मेनोपॉज की स्तिथि को कंट्रोल करने के लिए दवाईयां, मेडिकेशन्स और उपचारो की सहायता ली जा सकती है। साथ ही कुछ हॉर्मोन थेरेपी भी आपके फायदे में काम कर सकते है। इसीलिए यदि आप मेनोपॉज के लक्षण महसूस कर ��ही है तो योग्य डॉक्टर से आपकी स्थिति के अनुसार जल्द से जल्द ट्रीटमेंट ले। 

अन्य उपचार, मेडिकेशन्स और  थेरेपी के साथ ही मेनोपॉज के लक्षणों को लाइफस्टाइल और डायट में बदलाव लाकर कुछ हद तक नियंत्रण में लाया जा सकता है। 

  • हलके आरामदायक कपडे पहने।   
  • शरीर को ठंडा रखने की कोशिश करें। 
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।  
  • वजन को नियंत्रित रखें। 
  • स्ट्रेस और तनाव से दूर रहे। 
  • डाइट में पौष्टिक खाद्द पदार्थों और नैचुरल सप्लीमेंट्स को शामिल करे।  
  • एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल और सब्जिया खाएं।  
  • हरी सब्जियों, अंडे और ताज़े फलों को अपने डाइट में शामिल करें। 
  • प्रोटीन, ओमेगा ३,और फाइबर से भरपूर आहार ले।  
  • दूध, दही आदि का सेवन करें। 
  • ड्राई फ्रूट्स और बीज जैसे अखरोट, अंजीर, बादाम, मखाना, किशमिश, खजूर, सूरजमुखी के बीज, अलसी, चिया के बीज आदी का सेवन करे।  

मेनोपॉज और प्राकृतिक गर्भावस्था

मेनोपॉज के बाद प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करना असंभव हो जाता है क्योंकि ओव्हरीज एग्ज रिलीज करना बंद कर देते हैं।

इसलिए, यदि आपकी उम्र ४० वर्ष से अधिक है, बच्चे के लिए प्रयास कर रही हैं, और मेनोपॉज के लक्षणों का अनुभव कर रही हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेना महत्त्वपूर्ण है।

डॉ. नरहरी मालगाँवकर कहते है, “मेनोपॉज के बाद गर्भावस्था के लिए सही फर्टिलिटी क्लिनिक का चुनना आवश्यक है, क्योंकि फर्टिलिटी विशेषज्ञों की सही टीम ही आपको ये पता लगाने में मदद कर सकती है कि आप सच में रजोनिवृत्ति से गुजर रही हैं या नहीं। योग्य फर्टिलिटी डॉक्टर आपकी स्थिति के लिए सही उपचार विकल्पों का निर्धारण करके आईवीएफ की सफलता भी सुनिश्चित कर सकते है।" 

रजोनिवृत्ति के बाद प्राकृतिक प्रेग्नन्सी में समस्याएं 

४० वर्ष के बाद गर्भधारण होने पर अधिकतम मामलो में बच्चे में जन्मजात आनुवंशिक विकारों का दर अधिक होता है। यही कारण है कि आईवीएफ प्रक्रिया में प्री-इम्प्लांटेशन टेस्ट या PGT का इस्तेमाल किया जाता है।

इन केसेस में भ्रूण की बायोप्सी की जाती है, जिससे डाउन सिंड्रोम, एडवर्ड सिंड्रोम जैसी स्थितियों की पहचान करने में मदद होती है। इसी के साथ महिला में अन्य चीजों का धोका रजोनिवृत्ति के साथ प्राकृतिक गर्भावस्था में बढ़ जाता है 

जैसे:

  • अत्यधिक उल्टीया। 
  • प्लेसेंटा का मुँह आधा या पूरी तरह ढक जाना।
  • गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप।
  • गर्भावस्था के दौरान मधुमेह।
  • डिलीवरी के बाद ज्यादा ब्लीडिंग होना।

मेनोपॉज के बाद आईवीएफ की मदद से गर्भधारणा 

आईवीएफ की मदद से गर्भधारण संभव है! कैसे?

मेनोपॉज के बाद आईवीएफ और एडवांस्ड ART तकनीक  के सहारे महिलाओं के मासिक धर्म को फिर से शुरू किया जाता है। इस दौरान दो से तीन महीने तक हार्मोन की गोलियां दी जाती है और पीरियड्स को वापिस लाया जाता है।

इसी के साथ, बीजदान, भ्रूण दान, या अपने स्वयं के फ्रीज़ किये हुए स्त्रीबीजो का इस्तेमाल कर गर्भधारण संभव है। 

यह प्रक्रिया कैसे काम करती है?

  1. बीजदान (egg donation): इस आईवीएफ (ICSI) प्रक्रिया में आपके साथी के शुक्राणु को डोनर एग के साथ कृत्रिम रूप से मिलाया जाता है। जिसके बाद उन विकासशील भ्रूणों को गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
  2. भ्रूण दान (embryo donation): भ्रूण दान का उपयोग तब किया जाता है जब आईवीएफ तकनीक के माध्यम से कोई कपल अपने स्वयं के बीज और शुक्राणु का उपयोग करके गर्भधारण करने में असमर्थ हो। इस प्रक्रिया में, आईवीएफ के माध्यम से डोनर एग और शुक्राणु को कृत्रिम रूप से प्रयोगशाला में फर्टिलाइज किया जाता है और स्वस्थ भ्रूण को गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है।
  3. क्रायोप्रिजर्वेशन (cryopreservation): आजकल महिलाएं करीअर और अन्य वजहों से जीवन में बाद में माँ बनना पसंद करती हैं। एग फ्रीजिंग,  क्रायोप्रिजर्वेशन जैसी एडवांस्ड तकनीक महिला को गर्भवती होने के निर्णय को स्थगित करने की आज़ादी देता है। क्योकि इस प्रक्रिया में सही उम्र में आपके स्त्रीबीजो को निकालकर फ्रीज़ किया जाता है और जब आप रेडी हो तब आप इन स्त्रीबीजो का इस्तेमाल कर माँ बन सकती है। 

यदि आप रजोनिवृत्ति से गुजर रही है तो  इसका मतलब ये नहीं के आप माँ नहीं बन सकती। भविष्य में किसी भी कॉम्प्लिकेशन  से बचने के लिए, सही फर्टिलिटी डॉक्टर से आपकी स्तिथी के बारे में जल्द से जल्द बात करना और अपनी प्रजनन क्षमता की जांच करवाना महत्वपूर्ण है।

आईवीएफ के साथ अपने आप को माँ बनने का मौका दे। प्रोजेनेसिस फर्टिलिटी सेंटर के साथ माँ बनने का आपका सपना हकीकत में बदले! 

कई महिलाओ को  ५० की उम्र में मेनोपॉज होता है, लेकिन कुछ को ४० की उम्र में रजोनिवृत्ति से गुजरना पड़ता है। ये कॉमन है, इसमें आपकी कोई गलती नहीं। हर समस्या का समाधान है, मेनोपॉज का भी।

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रजोनिवृत्ति से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

क्या आप मेनोपॉज के बाद गर्भवती हो सकती हैं?

हालांकि मेनोपॉज के बाद प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करना संभव नहीं, आईवीएफ जैसे एडवांस फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के सहारे गर्भधारण संभव है।

मेनोपॉज किस उम्र में होता है?

रजोनिवृत्ति आमतौर पर ४५ और ५५ वर्ष की आयु के बीच होती है। इसी के साथ  ज्यादातर महिलाओं को इस दौरान हार्मोनल बदलाव का भी अनुभव होता है।

मेनोपॉज के लक्षण क्या है?

रजोनिवृत्ति के दौरान अक्सर महिलाओं को हॉट फ्लश का अनुभव होता है। इसी के साथ मेनोपॉज के अन्य लक्षण भी महसूस होते है, जैसे: इर्रेगुलर पीरियड्स, अनिद्रा, वेजाइनल ड्राइनेस, हॉट फ्लेशैज, मूड में बदलाव होना, निराशा, तेजी से वजन बढ़ना, मुँह आँखें और त्वचा सुखी पड़ना, सिर दर्द, यूरिनरी इनफ़ेक्शन, चेहरे, गर्दन, छाती पर बालों का बढ़ना, स्तनों में दर्द या स्तनों के आकार में कमी

~ Verified by Progenesis Fertility Center's Expert Doctors

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