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HCG प्रेगनेंसी टेस्ट क्या है? कैसे काम करता है यह टेस्ट?

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इस ब्लॉग में हम इन सभी सवालों के जवाब आसान भाषा में समझेंगे। हम हर छोटी-बड़ी बात को विस्तार में कवर करेंगे ताकि आपको पूरी जानकारी मिले। तो चलिए शुरू करते हैं!

HCG क्या होता है?

HCG का पूरा नाम है ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन। इसे आसान भाषा में "प्रेग्नेंसी हार्मोन" भी कहते हैं। यह एक खास तरह का हार्मोन है जो शरीर में तभी बनता है जब कोई महिला गर्भवती होती है। 

HCG कहाँ बनता है?

जब एक महिला गर्भवती होती है, तो गर्भाशय में भ्रूण बनना शुरू होता है। इस भ्रूण को सहारा देने के लिए प्लेसेंटा (जो बच्चे को भोजन और ऑक्सीजन देता है) बनती है। यह प्लेसेंटा ही HCG हार्मोन को बनाती है। 

HCG का काम क्या है?

HCG का सबसे बड़ा काम है गर्भावस्था को सहारा देना। यह शरीर को बताता है कि एक बच्चा बढ़ रहा है और शरीर को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। यह हार्मोन गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में बहुत तेजी से बढ़ता है और फिर धीरे-धीरे कम होता जाता है।

HCG क्यों जरूरी है?

क्योंकि HCG सिर्फ गर्भावस्था के दौरान ही बनता है, इसलिए इसे जाँच करके पता लगाया जा सकता है कि कोई महिला गर्भवती है या नहीं। यह हार्मोन पेशाब और खून दोनों में मिलता है, जिसे टेस्ट के जरिए पता किया जाता है।

HCG प्रेगनेंसी टेस्ट क्या है?

HCG प्रेगनेंसी टेस्ट एक आसान टेस्ट है जो यह पता लगाता है कि आपके शरीर में HCG हार्मोन है या नहीं। अगर HCG मिलता है, तो इसका मतलब है कि आप गर्भवती हैं। यह टेस्ट दो तरह से किया जा सकता है:

पेशाब टेस्ट:

यह सबसे आम टेस्ट है जो ज्यादातर लोग घर पर करते हैं। इसमें एक छोटी सी पट्टी होती है जिसे आप पेशाब में डुबोते हैं, और कुछ मिनट बाद परिणाम दिख जाता है।

ब्लड टेस्ट:

यह टेस्ट अस्पताल या लैब में होता है। इसमें आपके खून का नमूना लिया जाता है और HCG की मात्रा जाँची जाती है। यह टेस्ट पेशाब टेस्ट से ज्यादा सटीक होता है, लेकिन इसे घर पर नहीं कर सकते।

इस ब्लॉग में हम खास तौर पर पेशाब टेस्ट पर ध्यान देंगे, क्योंकि यह घर पर आसानी से किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी टेस्ट कब और कैसे करें? (Kab Kare Pregnancy Test)

HCG प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे काम करता है?

HCG प्रेगनेंसी टेस्ट का काम बहुत आसान है। यह टेस्ट HCG हार्मोन को पता करता है। आइए स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं कि यह कैसे काम करता है:

टेस्ट किट में क्या होता है?

प्रेगनेंसी टेस्ट किट में एक पट्टी होती है जिसमें रसायन होते हैं। ये रसायन HCG हार्मोन के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।

पेशाब में HCG का पता कैसे लगता है?

जब आप पट्टी पर पेशाब डालते हैं, तो पट्टी के रसायन HCG को ढूंढते हैं। अगर HCG मौजूद है, तो पट्टी पर एक खास प्रतिक्रिया होती है, जिससे रेखाएँ या चिह्न बनते हैं।

परिणाम कैसे दिखता है?  

अगर एक रेखा दिखती है, तो आप गर्भवती नहीं हैं।  

अगर दो रेखाएँ दिखती हैं, तो आप गर्भवती हैं।

कुछ टेस्ट में "प्लस" (+) या "माइनस" (-) चिह्न भी दिखता है।

यह कितना समय लेता है?

ज्यादातर ��ेस्ट किट में 2 से 5 मिनट में परिणाम आ जाता है। लेकिन हर किट के साथ निर्देश होते हैं, जिन्हें ध्यान से पढ़ना चाहिए।

यह भी पढ़ें: हिस्टेरोस्कोपी क्या है? (Hysteroscopy in Hindi)

HCG प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?

टेस्ट का परिणाम सही आए, इसके लिए सही समय पर टेस्ट करना बहुत जरूरी है। आइए इसे विस्तार में समझते हैं:

पीरियड्स मिस होने के बाद:

ज्यादातर महिलाओं को पीरियड्स मिस होने के बाद शक होता है। पीरियड्स मिस होने के 1-2 दिन बाद टेस्ट करना सही रहता है।

HCG बढ़ने का समय:

HCG हार्मोन ओवुलेशन (अंडे बनने) के बाद 10-12 दिन में पेशाब में पता चलने लायक हो जाता है। इसलिए पीरियड्स मिस होने से पहले टेस्ट करने से गलत परिणाम मिल सकता है।

सुबह का समय क्यों बेहतर है?

सुबह का पहला पेशाब सबसे गाढ़ा होता है, जिसमें HCG की मात्रा ज्यादा साफ पता चलती है। इसलिए सुबह टेस्ट करना सबसे अच्छा माना जाता है।

जल्दी टेस्ट करने की गलती:

अगर आप बहुत जल्दी टेस्ट करें, तो HCG की मात्रा कम होने के कारण परिणाम नकारात्मक आ सकता है, भले ही आप गर्भवती हों।

यह भी पढ़ें: आईयूआई (IUI) क्या है? प्रक्रिया, उपचार और फायदे

घर पर HCG प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें?

घर पर टेस्ट करना बहुत आसान है। यहाँ स्टेप-बाय-स्टेप तरीका बताया जा रहा है:

टेस्ट किट खरीदें:

बाजार में बहुत सारी प्रेगनेंसी टेस्ट किट उपलब्ध हैं जैसे प्रेगान्यूज, आई-कैन आदि। इन्हें दवा की दुकान से खरीद सकते हैं।

निर्देश पढ़ें:

हर किट के साथ एक कागज होता है जिसमें लिखा होता है कि टेस्ट कैसे करना है। इसे पहले ध्यान से पढ़ लें।

पेशाब इकट्ठा करें:

एक साफ बर्तन में सुबह का पहला पेशाब इकट्ठा करें। या कुछ किट में पट्टी को सीधे पेशाब की धारा में रखने का विकल्प भी होता है।

पट्टी पर पेशाब डालें:

किट में एक ड्रॉपर या पट्टी होती है। पेशाब को पट्टी के खास हिस्से पर डालें।

इंतजार करें:

2-5 मिनट तक प्रतीक्षा करें। परिणाम देखने से पहले पट्टी को हिलाएं नहीं।

परिणाम जाँचें:

रेखाओं या चिह्नों को देखकर परिणाम समझें। अगर उलझन हो, तो किट के कागज को फिर से पढ़ें।

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HCG प्रेगनेंसी टेस्ट के परिणाम को कैसे समझें?

परिणाम समझना बहुत जरूरी है, वरना उलझन हो सकता है। यहाँ हर स्थिति को समझाया गया है:

सकारात्मक परिणाम (दो रेखाएँ):

अगर दो रेखाएँ दिखती हैं, तो आप गर्भवती हैं। यह HCG की मौजूदगी दिखाता है।

नकारात्मक परिणाम (एक रेखा):

अगर सिर्फ एक रेखा दिखती है, तो HCG नहीं मिला, यानी आप गर्भवती नहीं हैं।

अमान्य परिणाम:

अगर कोई रेखा नहीं दिखती या परिणाम साफ नहीं है, तो टेस्ट सही से काम नहीं किया। नई किट से दोबारा टेस्ट करें।

हल्की रेखा का मतलब:

कभी-कभी दूसरी रेखा बहुत हल्की दिखती है। इसका मतलब हो सकता है कि HCG की मात्रा अभी कम है। कुछ दिन बाद दोबारा टेस्ट करें।

HCG प्रेगनेंसी टेस्ट कितना सही होता है?

प्रेगनेंसी टेस्ट ज्यादातर 97-99% सटीक होते हैं, लेकिन कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है:

सही समय:

बहुत जल्दी टेस्ट करने से गलत परिणाम आ सकता है।

किट की गुणवत्ता:

पुरानी या खराब किट से परिणाम गलत हो सकता है।

निर्देशों का पालन करना:

अगर आप सही तरीके से टेस्ट नहीं करते, तो भी परिणाम पर असर पड़ सकता है।

मेडिकल कंडीशंस:

कुछ दुर्लभ मामलों में HCG बिना गर्भावस्था के भी बढ़ सकता है, जैसे सिस्ट या कुछ दवाइयों की व���ह से। ऐसे में डॉक्टर से जाँच करानी चाहिए।

यह भी पढ़ें: एनओव्यूलेशन (Anovulation) : पहचान, कारण और इलाज

टेस्ट के बाद क्या करें? 

टेस्ट का परिणाम आने के बाद अगला कदम बहुत जरूरी होता है:

सकारात्मक परिणाम:

अगर परिणाम सकारात्मक है, तो डॉक्टर से मुलाकात लें। वो अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट करके गर्भावस्था की पुष्टि करेंगे।

नकारात्मक परिणाम:

अगर परिणाम नकारात्मक है, लेकिन पीरियड्स अभी भी मिस है, तो कुछ दिन बाद दोबारा टेस्ट करें। अगर फिर भी पीरियड्स न आए, तो डॉक्टर से मिलें।

उलझन हो तो:

अगर परिणाम समझ न आए, तो डॉक्टर से सलाह लें।

नॉर्मल प्रेगनेंसी और IVF प्रेगनेंसी में बीटा HCG का क्या महत्व है?

बीटा HCG, HCG का ही एक रूप है जिसे ब्लड टेस्ट के जरिए मापा जाता है। यह गर्भावस्था की स्थिति को समझने में बहुत मदद करता है, खासकर नॉर्मल और IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रेगनेंसी में। आइए दोनों को अलग-अलग समझते हैं:

नॉर्मल प्रेगनेंसी में बीटा HCG:

नॉर्मल गर्भावस्था में बीटा HCG का लेवल शुरूआती हफ्तों में बहुत तेजी से बढ़ता है। यह हर 2-3 दिन में दोगुना हो जाता है, जो यह दिखाता है कि गर्भाशय में भ्रूण सही से बढ़ रहा है। अगर बीटा HCG का लेवल सही तरीके से बढ़ रहा है, तो यह एक स्वस्थ गर्भावस्था का संकेत है। लेकिन अगर लेवल बहुत धीरे बढ़े या कम हो जाए, तो यह गर्भपात या दूसरी समस्याओं का संकेत हो सकता है।

IVF प्रेगनेंसी में बीटा HCG:

IVF एक तकनीक है जिसमें अंडे और शुक्राणु को शरीर के बाहर यानि किसी लैब में मिलाया जाता है और फिर भ्रूण को गर्भाशय में डाला जाता है। IVF के बाद बीटा HCG टेस्ट बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह बताता है कि भ्रूण गर्भाशय में सही से जमा हुआ है या नहीं। IVF के बाद आमतौर पर 10-14 दिन में पहला बीटा HCG टेस्ट किया जाता है। अगर लेवल अच्छा है और हर कुछ दिन में बढ़ रहा है, तो यह सफल IVF का संकेत है। लेकिन अगर लेवल कम हो या न बढ़े, तो यह असफल गर्भावस्था या "केमिकल प्रेगनेंसी" का संकेत हो सकता है।

दोनों में अंतर:

नॉर्मल गर्भावस्था में बीटा HCG का लेवल अपने आप बढ़ता है, लेकिन IVF में डॉक्टर इसकी ज्यादा बारीकी से जाँच करते हैं, क्योंकि यह एक कृत्रिम प्रक्रिया होती है। IVF में बीटा HCG का महत्व इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि यह प्रक्रिया की सफलता को मापने का पहला कदम है।

क्या HCG का लेवल हर महिला में जाँचना चाहिए?

HCG का लेवल हर महिला में जाँचना जरूरी नहीं है, लेकिन कुछ खास स्थितियों में यह बहुत फायदेमंद हो सकता है। आइए इसे समझते हैं:

जब जाँच जरूरी नहीं:

अगर आपकी गर्भावस्था नॉर्मल है, घर पर पेशाब टेस्ट सकारात्मक आया है, और आपको कोई समस्या (जैसे दर्द, खून बहना) नहीं है, तो आमतौर पर HCG लेवल की जाँच की जरूरत नहीं पड़ती। घर का टेस्ट ही काफी होता है।

जब जाँच जरूरी हो सकती है:  

IVF गर्भावस्था: जैसा कि ऊपर बताया, IVF के बाद बीटा HCG की जाँच जरूरी है।  

गर्भपात का खतरा: अगर पहले गर्भपात हुआ हो या गर्भावस्था में दिक्कतें हों, तो डॉक्टर HCG लेवल जाँच सकते हैं।  

असामान्य लक्षण: अगर पीरियड्स मिस होने के बाद भी टेस्ट नकारात्मक आए, या पेट में दर्द और खून बहने जैसे लक्षण हों, तो HCG लेवल जाँचना जरूरी हो सकता है। यह एक्टोपिक प्रेगनेंसी (गर्भाशय के बाहर गर्भ का बढ़ना) या दूसरी समस्याओं को पकड़ने में मदद करता है।

जुड़वां बच्चे: अगर डॉक्टर को शक हो कि जुड़वां बच्चे हो सकते हैं, तो HCG लेवल ज्यादा होता है, और इसकी जाँच की जा सकती है।

यह भी पढ़ें: एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic Pregnancy): कारण, लक्षण 

क्या हर बार ब्लड टेस्ट जरूरी है?

नहीं, ज्यादातर मामलों में पेशाब टेस्ट ही काफी है। ब्लड टेस्ट तभी करवाना चाहिए जब डॉक्टर सलाह दें या कोई खास स्थिति हो।

HCG प्रेगनेंसी टेस्ट के फायदे और नुकसान

फायदे:  

• घर पर आसानी से हो जाता है।  

• सस्ता और जल्दी परिणाम देता है।  

• गोपनीयता रहती है।

नुकसान:  

• बहुत जल्दी करने से गलत परिणाम आ सकता है।  

• कुछ मामलों में डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है।

निष्कर्ष (Conclusion):-

HCG प्रेगनेंसी टेस्ट एक आसान और भरोसेमंद तरीका है यह जानने का कि आप गर्भवती हैं या नहीं। यह टेस्ट HCG हार्मोन को पता करके काम करता है और घर पर सिर्फ कुछ मिनट में परिणाम दे देता है। 

नॉर्मल और IVF दोनों गर्भावस्थाओं में बीटा HCG का अपना अलग महत्व है, और कुछ खास मामलों में इसकी जाँच जरूरी हो सकती है। लेकिन सही परिणाम के लिए सही समय और सही तरीके से टेस्ट करना बहुत जरूरी है। अगर आपको कोई संदेह हो, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। उम्मीद है कि इस ब्लॉग से आपको HCG प्रेगनेंसी टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. क्या ब्लड टेस्ट प्रेग्नेंसी का सबसे सटीक तरीका है?

हां, ब्लड टेस्ट में HCG हार्मोन की मात्रा को मापा जाता है, जो सबसे सटीक परिणाम देता है। यह यूरिन टेस्ट से पहले भी प्रेग्नेंसी का पता लगा सकता है।

2. प्रेग्नेंसी टेस्ट दिन में कितनी बार किया जा सकता है?

प्रेग्नेंसी टेस्ट दिन में एक बार करना पर्याप्त होता है। बार-बार टेस्ट करने से भ्रमित करने वाले परिणाम मिल सकते हैं।

3. क्या कोई दवा प्रेग्नेंसी टेस्ट को प्रभावित कर सकती है?

हां, कुछ फर्टिलिटी ट्रीटमेंट या हार्मोनल दवाएं टेस्ट के परिणाम को प्रभावित कर सकती ह��ं। अगर संदेह हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

4. अगर टेस्ट नेगेटिव आया लेकिन पीरियड नहीं आया तो क्या करें?

कुछ दिनों बाद दोबारा टेस्ट करें क्योंकि HCG हार्मोन देर से बढ़ सकता है। अगर फिर भी पीरियड नहीं आता, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

5. क्या पीरियड के कुछ दिन पहले भी प्रेग्नेंसी टेस्ट किया जा सकता है?

हां, लेकिन इस समय टेस्ट करने से गलत नेगेटिव रिजल्ट मिलने की संभावना अधिक होती है। सही परिणाम के लिए पीरियड मिस्ड होने के बाद टेस्ट करें।

6. क्या पानी ज्यादा पीने से प्रेग्नेंसी टेस्ट पर असर पड़ सकता है?

हां, ज्यादा पानी पीने से यूरिन पतला हो सकता है, जिससे HCG की मात्रा कम दिखाई दे सकती है। इससे टेस्ट का रिजल्ट गलत नेगेटिव आ सकता है।

7. क्या होम प्रेग्नेंसी टेस्ट और डॉक्टर के टेस्ट में अंतर होता है?

हां, होम टेस्ट HCG की उपस्थिति बताता है, लेकिन डॉक्टर के ब्लड टेस्ट में HCG का सटीक स्तर मापा जाता है। इससे गर्भावस्था की स्थिति और ट्रैकिंग में मदद मिलती है।

8. प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए यूरिन कितनी देर तक स्टोर कर सकते हैं?

ताजा यूरिन का उपयोग करना बेहतर होता है। अगर स्टोर करना पड़े तो अधिकतम 30-60 मिनट तक कमरे के तापमान पर रखा जा सकता है।

9. अगर दो टेस्ट में अलग-अलग रिजल्ट आए तो क्या करें?

यदि एक टेस्ट पॉजिटिव और दूसरा नेगेटिव आए, तो कुछ दिनों बाद दोबारा टेस्ट करें। ज्यादा सटीकता के लिए ब्लड टेस्ट कराना सबसे अच्छा रहेगा।

10. अगर मिसकैरेज हो चुका हो तो क्या प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आ सकता है?

हां, मिसकैरेज के बाद भी कुछ दिनों या हफ्तों तक HCG हार्मोन शरीर में बना रह सकता है। यह धीरे-धीरे कम होता है, इसलिए डॉक्टर से कन्फर्म करवाना जरूरी है।

~ Verified by Progenesis Fertility Center's Expert Doctors

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HCG प्रेगनेंसी टेस्ट क्या है? (HCG Test in Hindi)