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10 बातें जो हर महिला को जाननी चाहिए अगर पीरियड्स रेगुलर नहीं हैं

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1. पीरियड्स क्या होते हैं और रेगुलर पीरियड्स का मतलब क्या है?

सबसे पहले, हमें समझना चाहिए कि पीरियड्स क्या हैं। पीरियड्स महिलाओं के शरीर का एक प्राकृतिक हिस्सा हैं, जो हर महीने होता है। यह उस समय होता है जब गर्भाशय की अंदरूनी परत टूटकर बाहर निकलती है, और इसके साथ थोड़ा खून भी आता है। यह आमतौर पर 3 से 7 दिनों तक चलता है।

रेगुलर पीरियड्स का मतलब है कि वे हर 21 से 35 दिनों में एक बार आते हैं। यानी, अगर आपके पीरियड्स हर महीने लगभग एक ही समय पर आते हैं, तो वे रेगुलर हैं। लेकिन अगर वे कभी 20 दिनों में आ जाते हैं, कभी 40 दिनों में, या बीच में रुक जाते हैं, तो वे अनियमित यानि इरेगुलर कहलाते हैं।

अनियमित पीरियड्स आपके स्वास्थ्य के बारे में कुछ संकेत दे सकते हैं। जैसे, अगर आपकी उम्र 15 से 45 साल के बीच है, तो रेगुलर पीरियड्स का मतलब है कि आपका शरीर ठीक से काम कर रहा है। लेकिन अगर वे अनियमित हैं, तो इसका मतलब हो सकता है कि आपके शरीर में कुछ बदलाव हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, टीनएज (किशोरावस्था) में या मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के समय पीरियड्स अनियमित होना सामान्य है, क्योंकि हार्मोन (शरीर के रसायन) बदल रहे होते हैं।

- पीरियड्स का चक्र कैसे काम करता है? : पीरियड्स का चक्र चार हिस्सों में बंटा होता है: मासिक धर्म, फॉलिकल फेज, ओवुलेशन (स्त्रीबीज निकलना), और ल्यूटियल फेज। सरल शब्दों में, हर महीने आपका शरीर गर्भधारण के लिए तैयार होता है, और अगर ऐसा नहीं होता, तो पीरियड्स आते हैं।

- अनियमित पीरियड्स के प्रकार: कुछ महिलाओं के पीरियड्स बहुत कम दिनों के लिए आते हैं (ओलिगोमेनोरिया), कुछ के बहुत ज्यादा (पॉलीमेनोरिया), या कभी-कभी बिल्कुल नहीं (एमेनोरिया)। ज्यादातर मामलों में, यह हार्मोन के असंतुलन से होता है, लेकिन हम आगे विस्तार से बात करेंगे।

यह समझना आपके लिए पहला कदम है। अगर आप जानती हैं कि सामान्य क्या है, तो असामान्य को पहचानना आसान हो जाता है। याद रखें, हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए अपनी तुलना दूसरों से न करें।

यह भी पढ़ें: ओवुलेशन क्या होता है और यह कब होता है? (Ovulation in Hindi)

2. अनियमित पीरियड्स के सामान्य कारण

अनियमित पीरियड्स के कई कारण हो सकते हैं, और ज्यादातर वे चिंता की बात नहीं होते। लेकिन उन्हें जानना जरूरी है ताकि आप सही कदम उठा सकें।

सबसे आम कारण है तनाव। जब आप तनाव में होती हैं, तो आपके शरीर में कोर्टिसोल नाम का हार्मोन बढ़ जाता है, जो आपके पीरियड्स को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, अगर आप नौकरी के दबाव में हैं या परीक्षा की तैयारी कर रही हैं, तो पीरियड्स देर से आ सकते हैं।

दूसरा कारण है वजन में बदलाव। अगर आप बहुत पतली हैं या अचानक वजन बढ़ गया है, तो पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। कम वजन वाली महिलाओं में शरीर में फैट कम होता है, जो हार्मोन बनाने में मदद करता है। इसी तरह, मोटापा भी हार्मोन को असंतुलित कर सकता है।

तीसरा, व्यायाम की अधिकता। अगर आप जिम में बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करती हैं या मैराथन दौड़ती हैं, तो शरीर थक जाता है और पीरियड्स रुक सकते हैं।

अन्य कारण:

- दवाइयां और गर्भनिरोधक:  कुछ दवाएं या गर्भनिरोधक गोलियां पीरियड्स को बदल सकती हैं।

- स्वास्थ्य समस्याएं: थायरॉइड की समस्या या पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) जैसी स्थिति से भी ऐसा होता है। लेकिन हम सरल रखेंगे – अगर थायरॉइड ठीक नहीं है, तो शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है।

- उम्र से जुड़े बदलाव: किशोरावस्था में या 40 साल के बाद, पीरियड्स अनियमित होना सामान्य है।

- गर्भावस्था या स्तनपान: अगर आप गर्भवती हैं या बच्चे को दूध पिला रही हैं, तो पीरियड्स नहीं आते।

इन कारणों को जानकर आप खुद जांच सकती हैं कि क्या आपकी जीवनशैली में कोई बदलाव है। अगर कारण पता चले, तो समस्या हल करना आसान हो जाता है।

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3. कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?

अनियमित पीरियड्स हमेशा गंभीर नहीं होते, लेकिन कभी-कभी वे किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकते हैं। इसलिए, जानना जरूरी है कि कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

अगर आपके पीरियड्स 3 महीनों से ज्यादा समय से नहीं आए हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। यह एमेनोरिया कहलाता है और इसका कारण कोई स्वास्थ्य समस्या हो सकती है।

दूसरा, अगर पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा खून आता हैं या बहुत दर्द होता है, तो चेकअप करवाएं। कभी-कभी यह इंफेक्शन या अन्य समस्या का संकेत होता है।

अगर आप गर्भधारण की कोशिश कर रही हैं और पीरियड्स अनियमित हैं, तो डॉक्टर से बात करें, क्योंकि इससे गर्भधारण मुश्किल हो सकता है।

- उम्र के हिसाब से: अगर आपकी उम्र 16 साल से ज्यादा है और पीरियड्स शुरू नहीं हुए, या 45 साल के आसपास बहुत अनियमित हैं, तो जांच करवाएं।

- अन्य लक्षण: अगर साथ में वजन बढ़ना, बाल झड़ना, या थकान महसूस होती है, तो यह थायरॉइड या अन्य समस्या हो सकती है।

- कैसे तैयारी करें: डॉक्टर से मिलने से पहले, अपने पीरियड्स की डायरी रखें – कब आए, कितने दिन चले, कितना खून आया। इससे डॉक्टर को मदद मिलेगी।

याद रखें, जल्दी जांच से समस्या को सुलझाना आसान हो सकता है। शर्म न करें, डॉक्टर आपकी मदद के लिए हैं।

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4. जीवनशैली में बदलाव कैसे मदद कर सकते हैं

आपकी रोजमर्रा की आदतें पीरियड्स को बहुत प्रभावित करती हैं। छोटे-छोटे बदलाव से आप उन्हें रेगुलर बना सकती हैं।

सबसे पहले, नींद का ध्यान रखें। हर रात 7-8 घंटे सोएं। कम नींद से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। कल्पना कीजिए, अगर आप रात भर जागती रहें, तो शरीर कैसे ठीक से काम करेगा?

दूसरा, धूम्रपान या शराब से दूर रहें। ये चीजें शरीर के हार्मोन को बिगाड़ती हैं।

तीसरा, वजन संतुलित रखें। अगर आपका वजन ज्यादा है, तो धीरे-धीरे कम करें।

- दिनचर्या: रोज एक ही समय पर उठें और सोएं। इससे शरीर की घड़ी सेट हो जाती है।

- आराम: ज्यादा काम न करें। हफ्ते में एक दिन खुद के लिए समय निकालें।

- ट्रैकिंग ऐप: मोबाइल ऐप से पीरियड्स ट्रैक करें, ताकि पैटर्न समझ आए।

ये बदलाव आसान हैं और लंबे समय में फायदा देते हैं। आज से शुरू करें!

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5. आहार की भूमिका

खाना आपके पीरियड्स को सीधा प्रभावित करता है। सही आहार से हार्मोन संतुलित रहते हैं।

फल और सब्जियां ज्यादा खाएं। जैसे, सेब, केला, पालक – ये विटामिन देते हैं। विटामिन डी की कमी से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं, इसलिए धूप में समय बिताएं या दूध पिएं।

स्वस्थ फैट खाएं, जैसे बादाम, अखरोट। ये हार्मोन बनाने में मदद करते हैं।

जंक फूड कम करें। ज्यादा चीनी या तला हुआ खाना हार्मोन बिगाड़ता है।

दिन में 8-10 गिलास पानी पिएं। डिहाइड्रेशन से पीरियड्स प्रभावित होते हैं।

आहार बदलना आसान है, और यह आपकी पूरी सेहत सुधारता है। कोशिश करके देखें!

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6. व्यायाम और योग

व्यायाम पीरियड्स को रेगुलर करने का शानदार तरीका है। लेकिन ज्यादा नहीं, संतुलित।

रोज 30 मिनट सैर करें। इससे शरीर में रक्त प्रवाह अच्छा होता है और हार्मोन संतुलित रहते हैं।

योग बहुत फायदेमंद है। जैसे, भुजंगासन या बालासन – ये पेट के हिस्से को मजबूत बनाते हैं। एक अध्ययन से पता चला है कि योग तनाव कम करता है और पीरियड्स रेगुलर करता है।

अगर आप ज्यादा व्यायाम करती हैं, तो कम करें, क्योंकि ज्यादा एक्सरसाइज से पीरियड्स रुक सकते हैं।

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7. तनाव प्रबंधन (स्ट्रेस मैनेजमेंट)

तनाव अनियमित पीरियड्स का बड़ा कारण है। इसे कैसे नियंत्रित करें?

मेडिटेशन करें। रोज 10 मिनट शांत बैठें और सांस पर ध्यान दें। इससे मन शांत होता है।

दोस्तों से बात करें या डायरी लिखें। अपनी भावनाएं बाहर निकालें।

हॉबी अपनाएं, जैसे किताब पढ़ना या गाना सुनना।

अगर तनाव ज्यादा है, तो काउंसलर से मिलें।

तनाव कम करके आप पीरियड्स ही नहीं, पूरी जिंदगी सुधार सकती हैं।

8. घरेलू उपाय

घरेलू उपाय प्राकृतिक तरीके से पीरियड्स रेगुलर करने में मदद करते हैं।

अदरक: रोज अदरक वाली चाय पिएं। यह सूजन कम करती है और हार्मोन संतुलित करती है।

हल्दी: दूध में हल्दी मिलाकर पिएं। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी है।

एलोवेरा: ताजा एलोवेरा जूस पिएं। यह हार्मोन को बैलेंस करता है।

ये उपाय आसान और सुरक्षित हैं, लेकिन डॉक्टर से पूछें।

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9. हार्मोनल असंतुलन को समझना

हार्मोनल असंतुलन अनियमित पीरियड्स का मुख्य कारण है। हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन पीरियड्स को नियंत्रित करते हैं।

अगर असंतुलन है, तो पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। कारण: तनाव, आहार, या स्वास्थ्य समस्या।

इसे कैसे संतुलित करें? ऊपर बताए तरीके अपनाएं।

समझकर आप इसे नियंत्रित कर सकती हैं।

10. मिथक और सच्चाई

अनियमित पीरियड्स के बारे में कई मिथक हैं।

मिथक: पीरियड्स के दौरान व्यायाम नहीं करना चाहिए। 

सच्चाई: हल्का व्यायाम फायदेमंद है।

मिथक: अनियमित पीरियड्स से गर्भधारण नहीं हो सकता। 

सच्चाई: गर्भधारण हो सकता है, लेकिन मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें: क्या है पीसीओडी (PCOD)? जानें कारण, लक्षण और इलाज

निष्कर्ष -

अनियमित पीरियड्स एक आम समस्या है, लेकिन इन 10 बातों को जानकर आप इसे संभाल सकती हैं। याद रखें, अपना ध्यान रखें, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से मिलें। अगर यह ब्लॉग आपको पसंद आया, तो जरूर शेयर करें। स्वस्थ रहें, खुश रहें!

~ Verified by Progenesis Fertility Center's Expert Doctors

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