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क्या कम प्रोजेस्टेरोन लेव्हल से प्रेगनेंसी में कठिनाई हो सकती है?

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प्रोजेस्टेरोन की जरुरत महिलाओं में पुरुषो की तुलना में अधिक होती है। प्रोजेस्टेरोन लेव्हल कम होने पर अनेक परेशानियों के साथ साथ ‘गर्भधारण में कठिनाई’ होती है। इसलिए गर्भधारण का प्रयास करनेवाले जोड़ियों में कई बार प्रोजेस्टेरोन टेस्ट करवाई जाती है। प्रोजेस्टेरोन क्या है? प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन कैसे होता है? प्रोजेस्टेरोन क्या काम करता है ? लो प्रोजेस्टेरोन के लक्षण को कैसे समझे ? प्रोजेस्टेरोन टेस्ट और इलाज कैसे किया जाता है? ये सारी जानकारी के लिए अंत तक बने रहे। 

प्रोजेस्टेरोन क्या है?

प्रोजेस्टेरोन एक फीमेल हार्मोन है। ‘हार्मोन’ केमिकल मेसेंजर होते हैं जो आपके शरीर को बताते हैं कि कैसे काम करना है। प्रोजेस्टेरोन को 'P४' कहा जाता है।

हाला की प्रोजेस्टेरोन को फीमेल हार्मोन कहा जाता है, लेकिन पुरुषो में 'टेस्टेस्टेरोन' नाम का सेक्स हार्मोन का उत्पादन करने में प्रोजेस्टेरोन मदत करता है। पुरुषो में एडरनल ग्लैंड्स और टेस्टीज प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन करते हैं।

प्रोजेस्टेरोन क्या काम करता है?

  • यह एक फीमेल हार्मोन है जो प्रेग्‍नेंसी के दौरान अहम भूमिका निभाता है।
  • गर्भावस्था और भ्रूण के विकास मत्त्वपूर्ण होता है।
  • भ्रूण आरोपण (embriyo implantation) में गर्भाशय की परत को मोटा करता है।
  • यह हर महीने के मासिक धर्म को भी नियंत्रित करता है।
  • ओवरी और एड्रेनल ग्रंथि प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को बनाते हैं जिससे कंसीव करने और प्रेग्‍नेंसी के लिए शरीर तैयार होता है।
  • प्रोजेस्टेरोन शरीर के महत्‍वूपर्ण कायों को उत्तेजित करने में बढ़ावा देता है।
  • यौन इच्‍छा को बढ़ाने में मदद करता है।
  • प्रोजेस्टेरोन गर्भाशय में एस्ट्रोजन की मात्रा को बदलकर हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी के रूप में काम करता है।
  • प्रोजेस्टेरोन अंतर्गत स्टेरॉयड और न्यूरो स्टेरॉयड के निर्माण का महत्त्वपूर्ण काम करता है।
  • पुरुषो में 'टेस्टेस्टेरोन' का उत्पादन करने में प्रोजेस्टेरोन मदत करता है।
  • इसके आलावा प्रोजेस्टेरोन आपके मूड को बेहतर रखने में, थायरॉइड फंक्शन में, स्तनपान में मदत करता है।

प्रोजेस्टेरोन टेस्ट /  PGSN / सीरम प्रोजेस्टेरोन टेस्ट

  1. ब्लड सैंपल की मदत से प्रोजेस्टेरोन टेस्ट या सीरम प्रोजेस्टेरोन टेस्ट किया जाता है। यह टेस्ट प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा (level) को जाँचता है।
  2. ओवुलेशन के बाद ओव्हरीज में प्रोजेस्टेरोन बनाने लगता है। यह गर्भाशय को गर्भधारण के लिए तैयार करता है। अगर आपको गर्भधारण होता है तब प्रोजेस्टेरोन की मात्रा बढ़ती है और जब मासिक धर्म शुरू होता है तब प्रोजेस्टेरोन की मात्रा कम होने लगती है। इसलिए प्रोजेस्टेरोन टेस्ट को कई बार दोहराया जाता है। मासिक धर्म में, कंसीव होने से पहले और गर्भधारण के बाद कई बार प्रोजेस्टेरोन टेस्ट किया जाता है।

प्रोजेस्टेरोन टेस्ट क्यों किया जाता है ?

  • आप ओवुलेट हो रहे है की नहीं
  • ओव्हरीज ठीक तरह से काम कर रही है या नहीं
  • वन्ध्यत्व समस्या पर प्रोजेस्टेरोन की मात्रा का असर है या नहीं
  • अन्तःस्त्रावी ग्रंथि का कार्य ठीक है या नहीं
  • फर्टिलिटी ट्रीटमेंट काम कर रही है या नहीं
  • मिस्करेजेस की रिस्क को पता लगाने के लिए
  • एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का पता लगाने के लिए

यह जानने के लिए PGSN टेस्ट किया जाता है।

आपके वन्ध्यत्व समस्या का कारन 'लो प्रोजेस्टेरोन' हो सकता है, त्वरित संपर्क करे।

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प्रोजेस्टेरोन नार्मल रेंज

प्रोजेस्टेरोन को नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (ng/mL) में मापा जाता है।

प्यूबर्टी के दौरान या बादमे०.१ से ०.३ ng/mL
फॉलिक्युलर स्टेज में०.१ से ०.७ ng/mL
ल्युटियल फेज में२.००  से २५.०० ng/mL
गर्भधारण के पहले ३ महीने तक१९.५ से ८२.५ ng/mL
गर्भधारण के ४ से ६ महीने तक१९.५ से ८२.५ ng/mL
गर्भधारण के ७ से ९ महीने तक६५.०० से २९० ng/mL
normal range of progesterone

महिला एवं पुरुषो में प्रोजेस्टेरोन लेव्हल घटने के लक्षण

महिलाओं के लक्षणपुरुषों के लक्षण
अनियमित मासिक धर्मडिप्रेशन
वन्ध्यत्व समस्या (infertility problems)अँक्साइटी
गर्भधारण करने में कठिनाईलो सेक्स ड्राईव्ह
मूड में बदलावइरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED)
चिंता या अवसादमांसपेशियों का नुकसान
नींद न आनाथकान
अचानक बुखार वाली गर्मी महसूस करना (hot flashes)कॉन्सन्ट्रेशन करने में परेशानी
थकानबालों का झड़ना
वजन बढ़नावन्ध्यत्व समस्या (infertility problems)
डिप्रेशन
सेक्स ड्राईव्ह कम होना
हेवी पीरियड्स
चयापचय कम होना
Headaches
low progesterone symptoms

प्रेग्नन्सी में लो प्रोजेस्टेरोन से क्या होता है?

प्रोजेस्टेरोन गर्भधारण में महत्त्वपूर्ण होता है। जब ओव्हरीज एग्ज रिलीज करती है तब प्रोजेस्टेरोन की मात्रा बढ़ने लगती है। यह ओव्हरीज की अच्छी स्थिति का लक्षण है। बढ़ती प्रोजेस्टेरोन की मात्रा गर्भाशय के अंदर की परत बनाने का काम करती है। जिसमे निषेचित एग्ज यानि भ्रूण आरोपण (implantation) होता है और भ्रूण अच्छी तरह से बढ़ता है।  इससे यह समज आता है की, गर्भधारण करने के लिए और साथ ही ९ महीने तक भ्रूण का गर्भाशय में विकास होने के लिए प्रोजेस्टेरोन महत्त्वपूर्ण होता है।

गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ना जारी रहता है। गर्भावस्था के दौरान उच्च प्रोजेस्टेरोन का स्तर आपके शरीर को एग्ज रिलीज करने से रोकता है।

गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन आपके चेस्टफीडिंग के लिए तैयार करने में मदद करता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोजेस्टेरोन लेव्हल कम होने से क्या होगा?

  • भ्रूण के विकास में बाधा उत्पन्न होगी
  • समय से पहले डिलिव्हरी की संभावना
  • गर्भपात (मिसकैरेज)
  • अस्थानिक गर्भधारण की सम्भावना (ectopic pregnancy)
  • चेस्ट्फीडिंग के लिए स्तनों का विकास नहीं होगा
  • लो प्रोजेस्टेरोन से प्रेग्नेंसी के दौरान एग्ज रिलीज हो सकते है और पीरियड्स शुरू हो सकते है।

लो प्रोजेस्टेरोन के लक्षण पहचाने और गर्भधारण की परेशानी कम करे।

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लो प्रोजेस्टेरोन के कारण

  1. एनोव्यूलेशन : ओव्यूलेशन नहीं होता है (आपका अंडाशय एक अंडा जारी नहीं करता है)।
  2. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) : एक हार्मोन असंतुलन जो मिस्ड पीरियड्स और अप्रत्याशित ओव्यूलेशन का कारण बनता है। पीसीओएस के कारण आपके अंडाशय में छोटे सिस्ट भी बन सकते हैं।
  3. Stress : कोर्टिसोल आपका स्ट्रेसहार्मोन है, और इसकी बहुत अधिक मात्रा आपके शरीर की प्रोजेस्टेरोन बनाने की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकती है।
  4. हाइपोथायरॉडिजम : एक धीमा या कम सक्रिय थायरॉइड। यह आपके शरीर के लिए प्रोजेस्टेरोन बनाना कठिन बना देता है।
  5. हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया : आपका शरीर बहुत अधिक प्रोलैक्टिन बनाता है, स्तनपान के लिए जिम्मेदार हार्मोन। प्रोलैक्टिन प्रोजेस्टेरोन जैसे अन्य सेक्स हार्मोन को बाधित करता है, जिससे अनियमित चक्र या आपके मासिक धर्म की अवधि कम हो जाती है।
  6. कम कोलेस्ट्रॉल : कम कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम प्रोजेस्टेरोन पैदा कर सकता है।
  7. पेरीमेनोपॉज : रजोनिवृत्ति से ठीक पहले का समय जब आपके हार्मोन का स्तर कम हो जाता है।
  8. अत्यधिक व्यायाम या अत्यधिक डाएट करना : यह कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकता है और आपके शरीर पर तनाव डाल सकता है। यह आपके शरीर को स्वस्थ हार्मोन के स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भी वंचित करता है।

कम प्रोजेस्टेरोन का इलाज कैसे किया जाता है?

लो प्रोजेस्टेरोन के उपचार के लिए आम तौर पर दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन लो प्रोजेस्टेरोन के साथ साथ आपके इनफर्टिलिटी के और कारन मौजूद है तो, आपके लिए डॉक्टर एक व्यक्तिगत ट्रीटमेंट प्लान तैयार करेंगे। जिसमे ओवुलेशन इंडक्शन, IUI, IVF जैसे इलाज किए जाएंगे। 

आपके लक्षण क्या है और आप क्या चाहते है इन के आधार पर डॉक्टर लो प्रोजेस्टेरोन का ट्रीटमेंट प्लान बनाते है। जैसे की,

यदि आप गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, तो आपके गर्भाशय की परत को मोटा करने के लिए प्रोजेस्टेरोन की आवश्यकता हो सकती है।

मेनोपॉज के दौरान, आपको अपने लक्षणों को कम करने में मदद के लिए प्रोजेस्टेरोन (और एस्ट्रोजन) की आवश्यकता हो सकती है।

अलग-अलग तरीके के मेडिकेशन्स आपकी प्रोजेस्टेरोन लेव्हल बढ़ने में मदतगार है। लो प्रोजेस्टेरोन प्रेग्नेंसी में दिक्कत खड़ी कर सकता है। इस समस्या का इलाज बहुत ही साधारण है लेकिन महत्त्वपूर्ण है।

  1. क्रीम या जेल सपोसिटरीज : यह टैम्पोन जैसे एप्लीकेटर होते है। एप्लीकेटर की मदत से व्हजाइना में डाला जाता है।
  2. मेडिकेशन्स : आम तौर पर दवाइया दी जाती है जो मौखिक रूप से लिए जाते है।
  3. इंजेक्शन : गर्भावस्था या आईवीएफ उपचार के दौरान आपके गर्भाशय के अस्तर को बनाए रखने में मदद के लिए प्रोजेस्टेरोन के इंजेक्शंस दिए जाते है।

लो प्रोजेस्टेरोन के रिस्क फैक्टर्स :

  • एक्टोपिक प्रेग्नन्सी
  • मिसकैरेज
  • प्री मैच्यूअर डिलिव्हरी

प्रोजेस्टेरोन के बारे में अधिक सर्च किए जानेवाले प्रश्न

१) प्रोजेस्टेरोन की मात्रा बढ़ने के लिए क्या खाए?

जवाब : विटामिन, ज़िंक और मैग्नेशियम से भरपूर पदार्थ खाने से प्रोजेस्टेरोन मात्रा बैलेंस्ड रहती है। शेल फिश, अंडे, काजू, अखरोड, नट्स, सीड्स, साइट्रस युक्त फल, काली मिर्च, ब्रोकोली, स्ट्रॉबेरी, गाजर, पालक, बिन्स, हरी सब्जियो का समावेश आहार में करे।

२) डॉक्टर कब प्रोजेस्टेरोन लेने का सुझाव देते है?

जवाब : यदि आप रजोनिवृत्ति के पहले टप्पे से गुजर रही है (पेरीमेनोपॉज), मासिक धर्म चक्र अनियमित है तब डॉक्टर आपको प्रोजेस्टेरोन की दवाइया लिखकर देते है।

३) गर्भधारण के लिए प्रोजेस्टेरोन लेव्हल कितनी होनी चाहिए?

जवाब :  2.5 ng/mL से ऊपर का स्तर गर्भधारण के लिए जरुरी होता है।

~ Verified by Progenesis Fertility Center's Expert Doctors

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