ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन क्या है? LH टेस्ट कब किया जाता है ?

LH test in hindi
ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) महिला एवं पुरुषों में यौन विकास (sexual development) के साथ साथ रीप्रोडक्टीव्ह सिस्टिम चलने के लिए महत्त्वपूर्ण होता है। इसलिए इनफर्टिलिटी केसेस में डॉक्टर्स प्रायमरी स्टेज में LH की जाँच करते है। इससे ओवरियन स्टिम्युलेशन और रीप्रोडक्टीव्ह प्रक्रिया की स्थिति समझ आती है। तो आइये जानते है LH क्या है? कैसे प्रोड्यूस होता है? LH का काम क्या है? नार्मल LH लेव्हल्स कोनसे है? उच्च या निम्न स्तर होनेपर क्या समस्याएँ होती है?

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ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) महिला एवं पुरुषों में यौन विकास के साथ साथ रीप्रोडक्टीव्ह सिस्टिम चलने के लिए महत्त्वपूर्ण होता है। इसलिए इनफर्टिलिटी केसेस में डॉक्टर्स प्रायमरी स्टेज में LH की जाँच करते है। इससे ओवरियन स्टिम्युलेशन और रीप्रोडक्टीव्ह प्रक्रिया की स्थिति समझ आती है।

तो आइये जानते है LH क्या है? कैसे प्रोड्यूस होता है? LH का काम क्या है? नार्मल LH लेव्हल्स कोनसे है? उच्च या निम्न स्तर होनेपर क्या समस्याएँ होती है?

LH हार्मोन क्या है?

ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) आपके शरीर में एक रसायन है। गर्भधारण के लिए उपयुक्त हार्मोन्स के उत्पादन में LH मदत करता है।

LH कैसे प्रोड्यूस होता है ?

हाइपोथैलेमस गोनैडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (GNRH) नामक एक हार्मोन रिलीज करता है जो आपकी पिट्यूटरी ग्रंथि को LH रिलीज करने के लिए संकेत देता है। मस्तिष्क में पिट्यूटरी नाम की ग्लैंड LH का निर्माण करती है। महिला एवं पुरुषों में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) निर्माण होता है, जो फर्टिलिटी में महत्त्वपूर्ण काम करता है।

LH हार्मोन क्या काम करता है?

  • आपके प्रजनन तंत्र में महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को ट्रिगर करता है।
  • महिलाओं में ओव्यूलेशन को उत्तेजित करता है और गर्भावस्था में महत्त्वपूर्ण होता है।
  • महिलाओं में LH की मदत से ओव्हरीज में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का निर्माण होता है। जो गर्भाशय का अस्तर बनाने का काम करता है।
  • मासिक धर्म को बनाये रखता है।
  • पुरुषों में रीप्रोडक्टीव्ह ऑर्गन का विकास के लिए महत्त्वपूर्ण होता है।
  • पुरुषों में LH की मदत से टेस्टेस्टेरोन नाम का सेक्स हार्मोन रिलीज होता है।
  • ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) आपके शरीर में उन प्रक्रियाओं को उत्तेजित करता है जो सेक्स्युअल हेल्थ, सेक्स्युअल डेव्हलपमेंट और रिप्रोडक्शन में जरुरी होते है।
  • युवको में लैंगिक विकास में LH मदतगार होता है।

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मासिक धर्म और गर्भधारण में LH का कार्य

स्टेप १पिट्यूटरी ग्लैंड LH का निर्माण करती है।
स्टेप २LH ओव्हरीज को ओव्यूलेशन के लिए उत्तेजित करता है। और ओव्हरीज एग्ज रिलीज करने लगती है। यह एग्ज फर्टिलाइज़ेशन के लिए रेडी होते है।
स्टेप ३LH के उत्तेजित करने से ओव्हरीज में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का निर्माण होने लगता है। यह प्रोजेस्टेरोन हार्मोन गर्भाशय का अस्तर बनाने का काम करता है। बच्चा गर्भाशय में ठहरने के लिए यह परत महत्त्वपूर्ण होती है।
स्टेप ४ओव्हरीज एग्ज रिलीज करती है उस समय को ओवुलेशन कहा जाता है। ओवुलेशन काल में जब इंटरकोर्स होता है तब स्पर्म और एग्ज फर्टिलाइज होकर गर्भधारण होता है। इसके विपरीत स्थिति में, जब इंटरकोर्स नहीं होता है तब मासिक धर्म जारी रहता है।
मासिक धर्म और गर्भधारण में LH का कार्य

स्पर्म प्रोडक्शन में LH का कार्य

स्टेप १पिट्यूटरी ग्लैंड LH का निर्माण करती है।
स्टेप २LH टेस्टीज को उत्तेजित करता है। इस समय टेस्टेस्टेरोन हार्मोन रिलीज होने लगता है।
स्टेप ३LH की मदत से प्रोड्यूस हुआ टेस्टेस्टेरोन स्पर्म प्रोडक्शन का काम करता है। साथ ही यह टेस्टेस्टेरोन यौन इच्छा को भी उत्तेजित करता है।
स्पर्म प्रोडक्शन में LH का कार्य

LH टेस्ट कब किया जाता है ?

LH Test in Hindi: ब्लड सैंपल लेकर LH टेस्ट किया जाता है।

  • इनफर्टिलिटी समस्या में
  • प्रजनन संबंधी अन्य समस्याएं हैं तब
  • अनियमित मासिक धर्म होनेपर
  • प्रेग्नेंसी के दौरान
  • मेनोपॉज की स्थिति की जाँच के लिए
  • पिट्यूटरी विकार की जाँच के लिए

LH की नार्मल रेंज

मासिक धर्म चक्र के दूसरे सप्ताह में ,ओव्यूलेशन से पहले6.17 से 17.2 IU/L
मासिक धर्म चक्र के १-२ सप्ताह बाद1.37 से 9 आईयू/एल (अंतरराष्ट्रीय इकाइयां प्रति लीटर)
मासिक धर्म चक्र के तीसरे और चौथे सप्ताह1.09 से 9.2 IU/L
रजोनिवृत्ति के बाद19.3 से 100.6IU/L
पुरुषों में यौन आयु के बाद सामान्य स्तर पाया जाता है1.42 से 15.4 आईयू/एल
Source: https://my.clevelandclinic.org/

LH के उच्च स्तर का मतलब

आपके सेक्स ऑर्गन्स स्टेरॉयड हार्मोन का उत्पादन ठीक से नहीं कर रहे है; जो आपके रीप्रोडक्टीव्ह कार्य में जरुरी होता है।

LH के उच्च स्तर के कारणों में अनुवांशिक विकार, ऑटोइम्यून डिसॉर्डर, सर्जिकल हिस्टरी, टर्नर सिंड्रोम, फ्रैजाइल X, क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)

LH के निम्न स्तर का मतलब
  • आपकी पिट्यूटरी ग्रंथि आपके शरीर में यौन विकास और रीप्रोडक्टीव्ह सिस्टिम में बाधा उत्पन्न कर रही  है।

LH के निम्न स्तर के कारन कल्मन सिंड्रोम, फंक्शनल हाइपोथैलमिक एमेनोरिया यह हो सकते है।

उपचार

LH लेव्हल्स एब्नार्मल होती है, तब डॉक्टर्स दवाइयों से इसका इलाज करते है। कभी कभी LH के साथ FSH (फॉलिक्युलर स्टिम्युलेटिंग हार्मोन) भी चेक करवा सकते है, जो की ब्लड टेस्ट्स होते है। ओव्हरीज एग्ज रिलीज करती है और फॉलिकल्स तैयार होते है तब FSH सेक्रेट होना शुरू होता है। जो गर्भधारण के लिए जरुरी होता है।

अधिक सर्च किए जानेवाले प्रश्न:

ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन का मुख्य कार्य क्या है?

एलएच यौन विकास और कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाओं में, एलएच मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह अंडाशय से एग्ज रिलीज होने के लिए ट्रिगर करता है। इसे ओव्यूलेशन के रूप में जाना जाता है।

एलएच कब रिलीज होता है?

मासिक धर्म के १ से २ हफ्ते के बिच LH प्रोड्यूस होता है। इस समय LH ओव्हरीज को एग्ज रिलीज करने के लिए ट्रिगर करता है। LH के बढ़ने के 28 से 36 घंटे के बाद ओवुलेशन शुरू हो सकता है।

एलएच की कमी से क्या होता है?

एलएच का कम स्तर एनोरेक्सिया, कुपोषण और तनाव दिखाता है। पिट्यूटरी ग्रंथि के विकार एलएच के कम और अधिक दोनों ही स्तर का कारण हो सकते हैं। पुरुषो में यदि एलएच का स्तर अधिक और टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम है, तो यह इस बात का संकेत देता है कि एलएच द्वारा भेजे जा रहे सिग्नल पर टेस्टिकल ठीक से प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं।

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