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बदलती जीवनशैली के साथ पुरुष इनफर्टिलिटी अब एक आम बात हो चुकी है और इसकी कई शिकायतों में से एक है शुक्राणु की संख्या में कमी आना। शुक्राणु स्वास्थ्य विभिन्न कारकों द्वारा निर्धारित किया जाता है, और शुक्राणुओं की संख्या उनमें से एक है। यदि आप माता-पिता बनने की कोशिश कर रहे हैं तो शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता का योग्य होना अधिक महत्वपूर्ण है। पर कई बार बदलती जीवनशैली, हार्मोन अस्तिरता, और मेडिकल प्रोब्लेम्स की वजह से पुरुषो में शुक्राणू कि कमी होने लगती है।
पालकत्वाची अनुभूती खास असते. परंतु काहीवेळा काही कारणांमुळे जोडप्यांना मूल होण्यात अडचण येऊ शकते, ही जोडपी IVF, इन विट्रो फर्टिलायझेशन म्हणजेच टेस्ट-ट्यूब बेबी (test-tube baby) तंत्रज्ञानाची मदत घेऊ शकतात.
IUI किंवा इंट्रायूटरिन इन्सेमिनेशन हा तुलनेने प्रथम श्रेणीतील फर्टिलिटी ट्रीटमेंट(fertility treatment) पर्याय आहे ज्याची शिफारस वंध्यत्वग्रस्त जोडप्यांना केली जाते. का? कारण PCOS, एनोव्हुलेशन (anovulation), किंवा शुक्राणूंच्या समस्यांशी संबंधित असलेल्यांसाठी IUI हा सर्वात योग्य उपचार पर्याय आहे.बहुतेक जोडपी IUI ला प्राधान्य देतात कारण ते शुक्राणू अंड्याच्या जवळ ठेवून नैसर्गिक गर्भधारणेची प्रक्रिया वाढवते. सोबतच हा उपचार पर्याय इतर फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स च्या तुलनेत कमी खर्चिक आहे.
आईवीएफ हिंदी -  शुरुवात से समझे तो नैचरल प्रेग्नेंसी के दौरान फर्टिलाइजेशन , यानि शुक्राणु और एग का मेल फीमेल के अंदर होता है। जिसके बाद प्रेग्नन्सी रहती है और ९ महीने बाद बच्चा होता है. पर यदि,  स्पर्म, यूटरस, फैलोपीयन ट्युब, या एग्ज़, में कोई भी प्रॉब्लम आती है जिसकी वजह से नैचरल प्रेग्नन्सी नहीं रह पाती तब IVF तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
आम भाषा में समझे तो PCOD (पीसीओडी) ये महिलाओं में आज कल होने वाली एक कॉमन समस्या है जो मुख्य रूप से हॉर्मोनल असंतुलन का कारण होती है।  इसके परिणामस्वरूप महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन (एण्ड्रोजन) का उत्पादन बढ़ जाता है और अंडाशय में सिस्ट बनने लगते है। जिससे महिलाओ में मुख्यता irregular periods यानी अनियमित माहवारी के लक्षण दिखने लगते हैं।
Progenesis IVF center in Aundh, Pune is one of the most trusted fertility centers in the city. With the most recent technologies and a team of highly experienced IVF doctors, our goal is to provide the happiness of parenthood to every couple trying to conceive. 
चाळीशीनंतर कोणत्याही महिलेच्या मनात मेनोपॉज बाबत प्रश्न किंवा चिंता निर्माण होणे स्वाभाविक आहे, आणि जर तुम्ही बाळासाठी प्रयत्न करत असाल तर हि चिंता अधिक वाढते.  याचं कारण म्हणजे महिलांची प्रजनन क्षमता नैसर्गिकरित्या त्यांच्या वयानुसार कमी होते आणि 40 वर्षानंतर, रजोनिवृत्तीमुळे (मेनोपॉज मुळे), त्यांच्यासाठी यशस्वी रित्या गर्भधारणा राहणे कठीण होते. 
Female infertility is when a woman is unable to get pregnant. This condition is usually identified when she has tried conceiving naturally for more than a year without any success. Frequent miscarriages are also termed under female infertility.

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